तपन कुमार डेका असम के तेजपुर के रहने वाले है। वे 1988 बैच के हिमाचल के कैडर से IPS अधिकारी हैं। उनकी पहचान भारत के बड़े जासूसों के तौर पर होती है।
वर्ष 2012-15 के बीच वह कई देशों में भारत के लिए बतौर जासूस काम कर चुके हैं। अफसर बनने से पहले तपन डेका आल असम स्टूडेंट यूनियन (आसू) के प्रमुख नेताओं में थे। उन्होंने असम आंदोलन में अहम भूमिका भी निभाई थी।
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तपन कुमार डेका सरकार के कई बड़े मिशनों का हिस्सा रहे हैं फिर चाहे वो कश्मीर हो या फिर सीएए। वर्ष 2006 से 2012 तक वह नेशनल एंटी टेरर विंग और आल एंटी टेरर आपरेशन के प्रमुख भी रहे।
खास बात यह है कि, बीते वर्ष 24 जून को उन्होंने इंटेलिजेंस ब्यूरो में स्पेशल डायरेक्टर का पद संभाला था। एक साल में उन्हें ब्यूरो का डायरेक्टर बना दिया गया।
आइबी के आपरेशन डिवीजन को संभालने वाले तपन कुमार डेका को आतंकवाद से निपटने का खासा अनुभव है। इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) देश में अपनी गतिविधियों को लेकर चरम पर था तब वह आपरेशन के संयुक्त निदेशक थे।
वर्ष 2012 में नेपाल से यासीन भटकल की गिरफ्तारी और उसके बाद तहसीन अख्तर की गिरफ्तारी के बाद से उन्होंने इंडियन मुजाहिदीन को चरम से चरण पर ला खड़ा किया। उन्होंने आंतकवादी निरोधी समिति के प्रमुख के रूप में भी काम किया है।
आतंक के खिलाफ लड़ाई में डेका की बड़ी भूमिका रही है, यही वजह है कि, उन्हें वर्ष 2021 में कश्मीर में नई चुनौती से जीतने का काम सौंपा गया है।
खासतौर पर जब घाटी पर टारगेट किलिंग का दौर चल रहा था। इसके अलावा डेका ने सीएए के मामले को संभालने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी।
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