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Prime Minister Of India: अमेरिका में 4 तो भारत में क्यों होता है सरकार का 5 साल का कार्यकाल, दिलचस्प है वजह

Prime Minister Of India Tenure: क्या आप जानते हैं कि भारत में 5 साल के लिए ही प्रधानमंत्री क्यों बनते हैं? जबकि दुनिया के अन्य देशों में राष्ट्र अध्यक्ष का कार्यकाल कहीं 4 साल तो कहीं 6 साल का भी होता है।

नई दिल्लीJun 10, 2024 / 09:52 am

Anish Shekhar

Prime Minister Of India Tenure: भारत में प्रधानमंत्री का कार्यकाल 5 साल का होता है, जबकि दुनिया के कई देशों में यह अवधि 4 या 6 साल की भी होती है। आइए जानते हैं कि इस अंतर का कारण क्या है और इसका हमारे देश पर क्या प्रभाव पड़ता है। दरअसल, भारतीय लोकतंत्र में प्रधानमंत्री (Prime Minister) का कार्यकाल 5 साल के लिए तय किया गया है। यह नियम हमारे संविधान में 1950 से लागू हुआ था। प्रधानमंत्री का 5 साल का कार्यकाल सरकार को अपनी योजनायों के लक्ष्य कों पूरा करने के लिए काफी समय देती है। पंचवर्षीय योजना (5 Year Plan) मतलब हर 5 साल के लिए सरकार का एक प्लान तैयार करती है। ये प्लान देश के लोगों की आर्थिक और सामाजिक तरक्की के लिए बनाया जाता है। इस दौरान, सरकार नीतियों में बदलाव और विकास के काम करने के लिए पूरी तरह सक्षम होती है। इन 5 सालों के अंदर प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को योजनाओं को बनाने और जरुरी सुधार करने का मौका मिलता है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन योजनाओं का लाभ अंतिम छोर पर खड़े व्यति तक पहुंच सके।

इसके पीछे और भी कई कारण

आजादी के बाद, भारत ने अपने कॉन्स्टिट्यूशन फ्रेमवर्क या संवैधानिक ढांचे के लिए ब्रिटीश संसदीय प्रणाली (Parliamentary System) को अपनाया, जो हमें ब्रिटेन से विरासत में मिली है। इस प्रणाली में सरकार को टीकाऊ और लंबे समय तक की योजनाएं बनाने पर जोर दिया जाता है। इसके अलावा, भारतीय संविधान के तहत, संसद के निचला सदन यानी लोकसभा का कार्यकाल भी 5 साल का होता है। लोकसभा के लीडर को प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाते हैं, जो सरकार का नेतृत्व करते हैं और सरकार के सभी जरुरी फैसलों में मुख्य भूमिका निभाते हैं। इसलिए, प्रधानमंत्री का 5 साल का कार्यकाल न केवल सरकार को एक मजबूत आधार देता है, बल्कि उसे देश की उन्नति के लिए बड़ी योजनाओं को पूरा करने का समय भी देता है।

दूसरे देशों में

दूसरी ओर, अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों में राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 साल का होता है। इन देशों ने अपने संविधानों और राजनीतिक सिस्टम को इस तरह से डिजाइन किया है कि उनमें तेजी से बदलाव और नए विचारों को प्राथमिकता दी जा सके। 4 साल के इस कार्यकाल में राष्ट्रपति को अपनी नीतियों और योजनाओं को तेजी से लागू करना होता है, ताकि वे अपने कार्यकाल के दौरानअच्छे नतीजे दिखा सकें। यह व्यवस्था नेताओं को ज्यादा जिम्मेदार बनाती है, क्योंकि उन्हें कम समय में ही अपने वादों को पूरा करने का दबाव होता है।

इतिहास और परंपरा

भारत में प्रधानमंत्री का कार्यकाल 5 साल का तय करने के पीछे एक जरुरी कारण हमारा इतिहास और संस्कृति है। भारतीय समाज में लंबे समय तक सोचने और टिकाऊपन को बहुत महत्व दिया जाता है। इस तरह, सरकारें अपने विकास कार्यों को अच्छे से पूरा कर सकती हैं और देश को आगे बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।

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