सेनाओं के बैंड ने पहली बार महात्मा गांधी के मनपसंद गीत ‘Abide With Me’ की धुन बजाई थी। तभी से ये धुन हर वर्ष बजाई जाती थी हालांकि, इस बार ये धुन नहीं बजाई जाएगी। इस धुन को 2020 में भी नहीं बजाया गया था। हालांकि विवाद के बाद 2021 में इसे फिर बजाया गया। Abide With Me को स्कॉटलैंड के कवि हेनरी फ्रांसिस लाइट ने 1847 में लिखा था।
‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह की शुरुआत सामूहिक बैंड की ‘अग्निवीर’ धुन के साथ होगी। इसके बाद पाइप्स और ड्रम बैंड के ‘अल्मोड़ा’, ‘केदारनाथ’, ‘संगम दूर’, ‘सतपुड़ा की रानी’, ‘भागीरथी’, ‘कोंकण सुंदरी’ जैसी मोहक धुनें सुनाई जाएंगी। भारतीय वायु सेना के बैंड ‘अपराजेय अर्जुन’, ‘चरखा’, ‘वायु शक्ति’, ‘स्वदेशी’ की धुन बजाएंगे, जबकि भारतीय नौसेना ‘एकला चलो रे’, ‘हम तैयार हैं’ और ‘जय भारती’ की धुनें प्रदर्शित करेगी।
भारतीय सेना का बैंड ‘शंखनाद’, ‘शेर-ए-जवान’, ‘भूपाल’, ‘अग्रणी भारत’, ‘यंग इंडिया’, ‘कदम कदम बढ़ाए जा’, ‘ड्रमर्स कॉल’ और ‘ऐ मेरे वतन के लोगों ‘ बजाएगा। ‘बीटिंग द रिट्रीट’ कार्यक्रम का समापन ‘सारे जहां से अच्छा’ की सदाबहार धुन के साथ होगा। इस समारोह में 44 ब्यूगलर्स (बिगुल बजाने वाले), 16 ट्रंपेट प्लेयर्स और 75 ड्रमर्स शामिल होंगे।
इस साल का बीटिंग द रिट्रीट समारोह देश के सबसे बड़े ड्रोन शो का गवाह बनेगा। दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने के लिए विजय चौक पर ड्रोन शो में 3,500 स्वदेशी ड्रोन शामिल होंगे।