सरकार के इस आदेश का नारीवादियों ने स्वागत किया है। सीनियर एडवोकेट और सोशल एक्टिविस्ट आभा सिंह ने कहा कि यह महिलाओं को समानता देने का कदम है। देशभर में जहां भी यह कुप्रथा है, उसे तत्काल खत्म करना चाहिए। राज्य सरकार की ओर से सभी ग्राम पंचायतों को विधवाप्रथा को समाप्त करने को लेकर एक सकुर्लर जारी किया गया है। जिसका पालन करवाने का जिम्मा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को सौंपा गया है। अभी इस नियम को पहल के रूप में किया गया है। लिहाजा नियम नहीं मानने वालों पर सजा का कोई प्रावधान नहीं है। लेकिन सरकार ने इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित करने का निर्देश पंचायतों को दिया है।
महाराष्ट्र सरकार के दो मंत्रियों ने की थी अपील-
बताते चले कि महाराष्ट्र के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने सभी ग्राम पंचायतों को हेरवाड ग्राम पंचायत का अनुकरण कर एक आदर्श स्थापित करने की अपील की है। वहीं शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कहा है कि जब यह मामला सामने आया था, तब मैंने मांग की थी कि हेरवाड ग्राम पंचायत का फैसला पूरे राज्य में लागू किया जाए। यह एक क्रांतिकारी फैसला है।
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कोल्हापुर जिले का हेरवाड़ पंचायत बना नजीर-
विधवा प्रथा को समाप्त करने में महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले का हेरवाड पंचायत नजीर बना है। 4 मई को इस पंचयात में विधवा प्रथा को खत्म करने का प्रस्ताव रखा गया था, जो सर्वसम्मति से पारित भी हुआ। जिसके बाद हेवराड पंचायत के इस प्रस्ताव की खूब चर्चा हुई थी। हरवाड के ग्रामीणों ने यह तय किया है कि अब गांव में किसी के पति की मृत्यु हो जाती है तो उसके अंतिम संस्कार के बाद महिला की चूड़ियां तोड़ने और माथे से सिंदूर पोंछने, मंगलसूत्र निकालने जैसे काम के लिए विवश नहीं किया जाएगा। महिलाओं को जागरूक कर पहले जैसा जीवन जीने को प्रेरित किया जाएगा।
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महिलाओं के लिए यह प्रथा बेहद अपमानजनक: सरपंच
हेरवाड की तर्ज पर कोल्हापुर के मानगांव ने भी अपने यहां विधवा प्रथा को पिछले सप्ताह बंद करने का ऐलान किया था। हेरवाड़ के सरपंच सुरगोंडा पाटिल ने बताया कि करमाला तहसील में महात्मा फुले समाज सेवा मंडल के संस्थापक अध्यक्ष प्रमोद जिंजादे ने यह पहल की है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को इस प्रथाओं से गुजरना पड़ता है, जो बहुत अपमानजनक होता है। सरंपच ने कहा कि हमें इस प्रस्ताव पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है। समाज सुधारक छत्रपति साहू महाराज के 100वें पुण्यतिथि वर्ष में हमने महिलाओं के उद्धार के लिए यह काम किया।