उन्होंने टिप्पणी की, ‘जब युद्ध होगा तो देखा जाएगा। तब तक हमें धैर्य बनाए रखना चाहिए।’ यहां उनका युद्ध से आशय संभवत: चुनावों से है। उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु में 2019 में लोकसभा के चुनाव होंगे और समझा जाता है कि उसी के अनुरूप रजनीकांत राजनीति में कदम रखेंगे। रजनीकांत ने कहा कि वह राजनीति के बारे में कुछ भी कहते हैं तो वह चर्चा का विषय बन जाता है। उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी नहीं चाहा कि मेरी राजनीतिक टिप्पणियां कोई विवाद पैदा करे।’
उन्होंने कहा कि कोई भी बगैर विपक्ष के खासकर राजनीति में बड़ा नहीं बन सकता। उन्होंने कहा, ‘राजनीति में विपक्ष पूंजी निवेश है।’ उन्होंने कहा, ‘तमिलों ने मुझे यह जीवन दिया है। क्या मुझे राजनीति में इसलिए नहीं आना चाहिए ताकि वे एक खुश और समृद्ध जीवन जी सकें।’ रजनीकांत ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन को बेहतर राजनेता बताते हुए कहा कि वह एक कुशल प्रशासक भी हैं। यदि उन्हें आजादी दी जाए तो वे बेहतर काम कर पायेंगें।
पुराने समय में राजाओं और उनके लोगों द्वारा सामान्य दिनों में युद्ध की तैयारियों की चर्चा करते हुए रजनीकांत ने कहा, ‘उसी प्रकार हमें भी सामान्य दिनचर्या करते रहना चाहिए और युद्ध होने पर उसके लिए भी तैयार रहना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘हम युद्ध आने पर (जाहिर तौर पर इसका तात्पर्य चुनाव से है) उससे निपटेंगें। तब तक हम धैर्य बनाए रखें … भगवान हैं।’
उन्होंने कहा कि उन्हें यह देखकर दु:ख हुआ कि उनके बयानों की सोशल मीडिया पर अशोभनीय तरीके से आलोचना की जा रही थी और मेरे तमिल होने पर सवाल खड़े किए जा रहे थे। उन्होंने कहा, ‘मैं केवल 23 साल कर्नाटक में रहा हूं। लेकिन पिछले 44 साल से तमिलनाडु में रह रहा हूं। अब मैं आपके साथ (प्रशंसकों ) और आपके समर्थन से यहां रह रहा हूं।’ यह आप थे जिन्होंने मुझे नाम, लोकप्रियता और पैसा दिया और मुझे तमिल बनाया।’ रजनीकांत ने खुद को सच्चा तमिल बताते हुए कहा, ‘अगर आप मुझसे तमिलनाडु के बाहर जाने के लिए कहें या यदि आप मुझे निकालकर फेंक भी देते हैं, तो मैं किसी भी अन्य राज्य में नहीं बल्कि केवल हिमालय की वादियों में मिल जाऊंगा।’
रजनीकांत ने कहा, ‘डा. अंबुमनी रामदास (लोकसभा सांसद और पीएमके की युवा इकाई के नेता) भी शिक्षित हैं और लोगों के अधिकारों के लिए लड़ते रहते हैं। उन्होंने विश्व के विभिन्न इलाकों का भ्रमण भी किया है। थिरुमावलवन (वीसीके नेता) दलितों के अधिकार के लिए लड़ते रहते हैं जबकि अभिनेता-निर्देशक सेमन के जुझारू भाषणों ने मुझे प्रेरित किया।’ रजनीकांत ने तमिलनाडु में चीजों को सही करने की वकालत करते हुए कहा,’राज्य में राजनीतिक व्यवस्था अच्छी नहीं है। लोकतंत्र खत्म हो गया है।’
उन्होंने कहा, ‘बदलाव के लिए लोगों की मानसिकता में भी बदलाव होना चाहिए। तमिलनाडु में राजनीतिक बदलाव तभी होगा जब सभी एक साथ आगे आएंगे।’ उन्होंने अपनी आलोचनाओं को जिक्र करते हुए कहा जिस प्रकार पौधे के लिए उर्वरक उसके आगे बढऩे में मददगार साबित होता है, इसी प्रकार जो हमारे खिलाफ बोलते हैं वे हमें आगे बढऩे में मदद करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मेरे पास व्यक्तिगत काम, कर्तव्य और जिम्मेदारियां हैं। आप (प्रशंसकों) भी अपने काम, परिवार और जिम्मेदारियों की देखभाल करने के लिए जिम्मेदार हैं।’