अब अक्षय ऊर्जा का है भविष्य इसके अलावा 190 से 230 लाख यूनिट सोलर से भी मिली। विशेषज्ञों का भी मानना है कि, अब राज्यों को थर्मल की बजाय अक्षय ऊर्जा को तेजी से बढ़ावा देने पर फोकस करना होगा। इस बीच, सरकार हाइब्रिड प्लांट का भी कंसेप्ट लेकर आई। इसमें जहां पवन ऊर्जा के प्लांट हैं, उसी परिसर में सौर ऊर्जा के प्लांट भी लग सकेंगे। इसका फायदा यह है कि एक ही जगह से दिन और रात दोनों समय बिजली उपलब्ध हो सकेगी।
सौर ऊर्जा में सिरमौर राजस्थान सौर ऊर्जा स्थापना व उत्पादन क्षमता में देश में पहले नम्बर पर है। इसके बाद कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात का नम्बर आता है। विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क राजस्थान के भड़ला में है, जिसकी क्षमता 2,245 मेगावाट है।
पवन ऊर्जा में पांचवें पायदान पर पवन ऊर्जा में पहले चार पायदान पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात है, उसके बाद राजस्थान का नम्बर आता है। इस पर भी काम करने की जरूरत है।
4400 मेगावाट क्षमता पर ही चलाई इकाइयां राज्य विद्युत उत्पादन निगम की प्रदेश में 23 इकाइयां हैं, जिनकी उत्पादन क्षमता 7580 मेगावाट है। इसमें से 1720 मेगावाट क्षमता की 4 इकाइयों से अब भी बिजली उत्पादन बंद है। अभी 5860 मेगावाट क्षमता की 19 इकाइयां ही चल रही हैं। मंगलवार को इन इकाइयों को भी करीब 4400 मेगावाट क्षमता पर चलाया गया।
राजस्थान में अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता अक्षय ऊर्जा: अभी स्थापित लक्ष्य (वर्ष 2025 तक) सौर ऊर्जा: 12,163 मेगावाट 30 हजार मेगावाट पवन ऊर्जा: 4,038 मेगावाट 5 हजार मेगावाट बायोमास ऊर्जा: 120 मेगावाट