महिला को इस बात का पछतावा है कि उसकी ओर से फेंकी गई चप्पल पार्थ चटर्जी को लगी नहीं। महिला का कहना है कि चप्पल अगर पार्थ के चेहरे पर लगती तो उन्हें सुकून मिलता।
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क्यों फेंकी चप्पल?
पार्थ चटर्जी पर चप्पल फेंकने वाली महिला शुभ्रा ने बताया कि, पार्थ जैसे लोग ही आम आदमी की गाढ़ी कमाई हजम कर जाते हैं। ऐसे लोगों की वजह से ही शिक्षा जैसी आधारभूत जरूरत भी लोगों को ठीक से मिल नहीं पा रही है। महिला ने कहा कि अगर चप्पल पार्थ चटर्जी को लगती तो मुझे शांति मिलती। ये नेता जनता का धन लूट रहे हैं।
छापे में बरादम रुपए मेरे नहीं- पार्थ चटर्जी
इससे पहले रविवार को पार्थ चटर्जी ने दावा किया था कि ईडी की छापेमारी के दौरान बरामद रुपए उनके नहीं। इतना ही नहीं इसके साथ ही चटर्जी ने ये भी कहा था कि, समय बताएगा कि कौन उनके खिलाफ साजिश कर रहा है।
अर्पिता ने कुबुल किया था रुपया पार्थ चटर्जी का
दूसरी तरफ पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी अपने कुबुलनामे में ये मान चुकी है कि, उनके घर से बरामद कैश और सोना पार्थ चटर्जी का है। इन दोनों के इनकार के बाद अब केंद्रीय एजेंसी के सामने बड़ा सवाल यह है कि आखिर छापेमारी में मिली ये संपत्ति किसकी है।
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