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World Suicide Prevention Day 2022: क्यों मनाया जाता है विश्व सुसाइड प्रिवेंशन डे? भारत में क्या है हालात

Published: Sep 10, 2022 04:41:28 pm

Submitted by:

Mahima Pandey

World Suicide Prevention Day 2022: आज आत्महत्या रोकथाम दिवस है। पूरी दुनिया में आत्महत्या को लेकर आम जनता को जागरूक करने के उद्देश्य से इसकी शुरुआत हुई थी। इस वर्ष इसका थीम Creating Hope through Action रखा गया है।

World Suicide Prevention Day: Why it is  celebrated? know India's conditions and its theme as well

World Suicide Prevention Day: Why it is celebrated? know India’s conditions and its theme as well

हार साल विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस दुनियाभर में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्वभर में आत्महत्या के बारे में बातचीत करना है ताकि इसे रोका जा सके। इस दिन लोगों को मानसिक स्वास्थ्य को लेकर आम जनता को जागरूक करने का काम किया जाता है। WHO के डाटा के अनुसार, हर साल विश्वभर में 8 लाख लोग आत्महत्या कर लेते हैं और इनमें भी 15 से 30 साल की उम्र के लोगों की संख्या काफी अधिक है। ऐसे में इसकी रोकथाम के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं। आज के दिन पीला रिबन पहनकर लोग ये दर्शाने की कोशिश करते हैं कि बातचीत कर जरिए आत्महत्या को रोका जा सकता है। इस साल इसका थीम ‘Creating Hope through Action’ रखा गया है।

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की शरूआत वर्ष 2003 में इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) ने की थी। IASP के अनुसार, ‘प्रत्येक आत्महत्या विनाशकारी है और इससे आसपास के लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है। इसको लेकर जागरूकता बढ़ाने से, आसपास के लोगों से बात करके, दुनियाभर में आत्महत्या की घटनाओं को कम किया जा सकते हैं।’


इसके जरिए आत्महत्या को रोकने के लिए लोगों को खासकर युवाओं को जागरूक करना है। इसके जरिए अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ बातचीत कर उसे रोकने के प्रयास के रूप में देखा जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य आत्महत्या करने वाले शख्स के व्यवहार में में आने वाले बदलाव से जुड़े आँकड़े इकट्ठा करना, उसपर शोध करना और फिर लोगों को जागरूक करना है।
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आत्महत्या रोकथाम दिवस के लिए इस बार Creating hope through action का थीम रखा गया है। इसका अर्थ है अपने एक्शन के जरिए उम्मीद पैदा करना है। आज इसी थीम पर सभी कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। इस थीम का उद्देश्य ये संदेश देना है कि किसी भी परिस्थिति में जीने की उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए

नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के मुताबिक भारत में वर्ष 2021 में 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की है। देश के महाराष्ट्र राज्य में सबसे अधिक आत्महत्या के मामले दर्ज किये गए हैं। महाराष्ट्र 18,916, तमिलनाडु में 13,493, पश्चिम बंगाल में 12,665, मध्य प्रदेश में 12,457 आत्महत्याएं दर्ज की गई हैं।

वहीं, WHO के अनुसार भारत में पिछले डो दशकों में आत्महत्या की दर 7.9 से बढ़कर 10.3 प्रति 100,000 हो गई है। भारत में ज्यादातर सुसाइड (37.8%) 30 वर्ष से कम उम्र के लोगों द्वारा किया जाता है। 71 फीसदी आत्महत्या 44 वर्ष से कम आयु के लोगों द्वारा किया जाता है।

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