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व्यापम घोटाला : एमपी के राज्यपाल को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत

Published: May 06, 2015 12:13:00 am

मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव को उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। न्यायालय ने मंगलवार को व्यापम मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया है।

मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव को उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। न्यायालय ने मंगलवार को व्यापम मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया है।

 एसटीएफ द्वारा व्यापम घोटाले में राज्यपाल के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करने के आदेश उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस अजय मानिकराव खानविलकर व जस्टिस रोहित आर्या ने जारी किए हैं। इसके पूर्व युगलपीठ ने एफआईआर पर स्थगन जारी करते विस्तृत आदेश सुरक्षित रखा था।

यह दिया आदेश
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि संविधान में राष्ट्रपति व राज्यपाल को विशेष अधिकार प्राप्त है और उनके खिलाफ अपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती है। युगलपीठ ने अपने 62 पृष्ठों के विस्तृत आदेश में कहा है कि उक्त एफआईआर में अन्य आरोपियों के खिलाफ एसटीएफ अपना अन्वेषण जारी रख सकती है।

एसटीएफ राज्यपाल के खिलाफ अन्वेषण नहीं करेगी। राज्यपाल चाहे तो अपनी इच्छा से जांच के बिंदुओं पर बयान दर्ज करवा सकते हैं। राज्यपाल के बयान दर्ज करने जांच अधिकारी के साथ एडिशनल डीजीपी स्तर का अधिकार राजभवन जाएंगेे। राज्य के प्रमुख के रूप में उनके पूर्ण सम्मान का ध्यान रखा जाए।

राज्यपाल ने दी थी कोर्ट में चुनौती
प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले मामले में खुद के खिलाफ एसटीएफ द्वारा एफआईआर दर्ज किए जाने को चुनौती देते हुए राज्यपाल यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। दायर याचिका में संविधान की धारा 361(2)व(3) का हवाला देते हुए कहा गया कि राष्ट्रपति व राज्यपाल के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती है और उन्हें गिरफ्तार भी नहीं किया जा सकता है।

सोमवार को हुई लंबी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की युगलपीठ ने फैसला 17 अप्रेल तक सुरक्षित रखने के निर्देश जारी किए थे। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता महेन्द्र पटेरिया ने बताया कि युगलपीठ ने विस्तृत फैसला सुरक्षित रखते हुए एसटीएफ द्वारा दर्ज एफआईआर पर स्थगन आदेश जारी किए हैं। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि राज्यपाल के संवैधानिक अधिकार का हनन किसी स्थिति में नहीं होना चाहिए।

राज्यपाल की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि वन रक्षक भर्ती 2013 के मामले में एसटीएफ ने पहले से अपराध क्रमांक 14 /2014 दर्ज कर रखा है। एसटीएफ ने इसी मामले में हाल में ही अपराध क्रमांक 4/2015 दर्ज किया है।

 इसमें राज्यपाल, पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, खनन कारोबारी सुधीर शर्मा सहित व्यापम के तत्कालीन परीक्षा कंट्रोलर डॉ. पंकज त्रिवेदी व सीनियर सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिन्द्र सहित 101 नामजद सहित अन्य को आरोपी बनाया गया है।

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