ट्रिब्यूनल ने कहा, "हमारे पास इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को गैरकानूनी एसोसिएशन घोषित करने के लिए ठोस कारण हैं। इसके साथ 15 नवंबर 2021 के उस नोटिफिकेशन को ट्रिब्यूनल ने सही बताया जिसके जरिये पांच साल के लिए Islamic research foundation पर प्रतिबंध लगाने के लिए भारत सरकार ने जारी किया था।
इसमें केंद्र सरकार ने कहा था कि इस्लामिक उपदेशक नाइक के भाषण और बयान भारत और विदेशों में एक विशेष धर्म के युवाओं को कट्टरपंथ की और धकेल रहा है। केंद्र ने ये ये भी कहा था कि "जाकिर नाइक कट्टरपंथी बयान और भाषण देता है जिसे दुनिया भर में करोड़ों लोग देखते हैं और एक विशेष वर्ग के युवा इससे प्रेरित होते हैं।"
इसमें केंद्र सरकार ने कहा था कि इस्लामिक उपदेशक नाइक के भाषण और बयान भारत और विदेशों में एक विशेष धर्म के युवाओं को कट्टरपंथ की और धकेल रहा है। केंद्र ने ये ये भी कहा था कि "जाकिर नाइक कट्टरपंथी बयान और भाषण देता है जिसे दुनिया भर में करोड़ों लोग देखते हैं और एक विशेष वर्ग के युवा इससे प्रेरित होते हैं।"
जाकिर नाइक का फाउंडेशन दावा करता आया है कि वो एक रजिस्टर्ड धर्मार्थ सार्वजनिक ट्रस्ट है और शैक्षिक, नैतिक और सामाजिक कार्यों को बढ़ावा देता है। हालांकि, कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसने इस इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की पोल खोली है।
बता दें एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) पर पहले ही प्रतिबंध लगाया गया था। गृह मंत्रालय ने इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के नेतृत्व वाले एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) पर अब अगले और पाँच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
बता दें एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) पर पहले ही प्रतिबंध लगाया गया था। गृह मंत्रालय ने इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के नेतृत्व वाले एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) पर अब अगले और पाँच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
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