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नीमच में दो दिन में कोरोना संक्रमण से पीडि़त की ऑक्सीजन कमी के कारण 20 लोगों की मौतें

locationनीमचPublished: Apr 25, 2021 07:28:15 pm

Submitted by:

Virendra Rathod

– ऑक्सीजन की कमी बन रही मौत का बड़ा कारण

नीमच में दो दिन में कोरोना संक्रमण से पीडि़त की ऑक्सीजन कमी के कारण 20 लोगों की मौतें

नीमच में दो दिन में कोरोना संक्रमण से पीडि़त की ऑक्सीजन कमी के कारण 20 लोगों की मौतें


नीमच। जिले में लगातार कोरोना का कहर जारी है, वही लगातार मौत के आंकड़े भी हर रोज सामने आ रहे है। पिछले दो दिन में कोरोना संक्रमण से पीडि़त करीब 20 लोागों की ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हो गई है। वहीं अस्पताल प्रशासन का दावा है कि गंभीर मरीज को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही है। शनिवार को नीमच में चार मौत हो चुकी है। जिसमें तीन मौते नीमच शहरी क्षेत्र और एक जीरन क्षेत्र की महिला की है। पूरे देश में कोरोना महामारी विकराल रूप लेती हुई नजर आ रही है। मध्यप्रदेश के अंतिम छोर और राजस्थान से सटे हुए नीमच जिले में कोराना की भयावह स्थिति बनी हुई है।

अस्पतालों और श्मशान घाट में चिख—पुकार सुनाई दे रही है। जिंदा रखने वाले अस्पताल और अंतिम संस्कार वाले श्मशान घाट दोनों ही भरे पडे है। श्मशान घाट पर चिता जलाने के लिए जगह ढूंढनी पड रही है, वहीं अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे है। यह स्थिति आखिर क्यों पैदा हुई। इस सवाल का उत्तर अगर ढूंढा जाए तो जिम्मेदारों के प्रयासों पर सवाल खडे हो रहे है। जिन्हें हम चुनकर विधायक, सांसद बनाते है, उन्होंने नीमच जिले के लिए अब तक क्या किया। नीमच जिला अस्पताल सालों से संसाधनों और डॉक्टरों—नर्सों की कमी से जूझ रहा है। हमारा पडौसी जिला मंदसौर 500 बिस्तर का अस्पताल है, लेकिन विडंबना यह है कि नीमच जिला 200 बिस्तर पर ही टिका हुआ है। 200 बिस्तरीय अस्पताल में जितने पद है, 80 फीसदी पद रिक्त पडे हुए, इन पदों की पूर्ति के लिए कभी हमारे जनप्रतिनिधियों ने प्रयास नहीं किए, इसके विपरीत वर्तमान में जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या 400 है, जब 200 मरीजों के हिसाब से स्टॉफ ही नहीं है, उसमें ही कमी है, तो 400 मरीजों को 20 फीसदी स्टॉफ कैसे संभालेगा। खासकर कोरोना जैसी महामारी में। हमारे जनप्रतिनिधि जन—जन की सेहत का ध्यान रखते तो 500 बिस्तरीय अस्पताल को शासन से मंजूरी दिलाते, फिर उस हिसाब से डॉक्टर, नर्स, दवाई, संसाधन मिलते है।

बताया जा रहा है कि सरकारी व निजी हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन की कमी के चलते अधिकांश मौते हुई है। सिविल सर्जन बीएल रावत ने माना कि ऑक्सीजन की बहुत ज्यादा ही किल्लत है, वे सुबह शाम सिर्फ इसी काम मे लगे हैं कि कई से भी ऑक्सीजन प्राप्त हो जावे। ऑक्सीजन की कमी से मरीज़ अस्पताल में अपने इलाज का इंतज़ार कर रहे हैं और तो और दाह संस्कार के लिए मृतकों के परिजनों को लंबा इंतज़ार करना पड़ रहा है। जीवटता से अपनी टीम के साथ लगे हुवे नगर पालिका के सीएमओ सीपी रॉय ने भी मुक्तिधाम में मोर्चा संभाल रखा है। सीएमओ ने कहा कि दो दिन में 1८ शव हमें प्राप्त हो चुके है। जिन्हें विधिविधान से दाह संस्कार करने के लिए नगर पालिका टीम के 8 से 10 कर्मचारी अपना काम मुस्तेदी से कर रहे है। फिर भी समय तो लगता है। सीएमओ रॉय ने निवेदन किया कि कृपया परिजन व शोकाकुल व्यक्ति थोड़ा धैर्य रखें। एक शव वाहन नगर पालिका द्वारा ओर बढ़ाया जा रहा है। संक्रमण का खौफ ऐसा कि दोस्त-रिश्तेदार क्या करीबी भी अंतिम यात्रा और संस्कार से परहेज करने लगे हैं। कई पीड़ित परिवार तो खुद ही लोगों से अनुरोध करने लगे हैं कि वे किसी कार्यक्रम में शामिल न हों, फेसबुक और व्हाट्सऐप लाइव पर ही अंतिम दर्शन करा दिया जाएगा।

जिला अस्पताल में 200 बेड के हिसाब से इतना चाहिए स्टॉफ
– 25 स्पेशलिस्ट, 50 डॉक्टर व अन्य

इतनी ऑक्सीजन और इंजेक्शन की प्रतिदिन जरूरत
जिला अस्पताल नीमच में प्रतिदिन करीब 300 ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता है, इसकी उपलब्धता के लिए सीएमएचओ—सिविल सर्जन ने शासन को पत्र भी लिखे है, लेकिन सिलेंडर भी टुकडे—टुकडे में पहुंच रहे है। कभी 50 पहुंच रहे है तो कभी 100! ऑक्सीजन सिलेंडरों की पर्याप्त मात्रा में पूर्ति नहीं होने के कारण कोराना पेंशट दम तोड रहे है। इसी प्रकार के रेमडिसिविर इंजेक्शन के है। प्रतिदिन आईसीयू भर्ती मरीज 50 को रेमडिसिविर इंजेक्शन की जरूरत है, पर किसी दिन 10 इंजेक्शन पहुंच रहे है तो कभी 15, प्रतिदिन रेमडिसिविर इंजेक्शन करीब 80 की जरूरत है।*

ये है जिले के कोविड अस्पतालों के हाल
नीमच जिला अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए 120 बेड सुरक्षित रखे है, 120 भी कम पड गए है, प्रशासन को 8 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करनी पडी है। सीआरपीएफ अस्पताल में 50 बेड कोराना मरीजों के लिए है, यह भी फुल है। सिर्फ सीआरपीएफ के कोरोना पेंशट को यहां पर भर्ती किया जा रहा है, बाहरी मरीजों के लिए मनाही है। कस्तूरबा गांधी होस्टल में 48 बेड यहां कोरोना मरीजों के है। करीब 30 मरीज यहां पर भर्ती है। यह सिर्फ जेल में बंद कैदी मरीजों के लिए है। बाहरी मरीजों को यहां पर नहीं रखा जा रहा है। जेल में बंद कैदियों को अगर कोरोना होता है तो यहां पर शिफ्ट कर दिया जाता है। वास्त्यल गृह में यहां पर 16 बेड है, यह भी भरा हुआ है। चौरडिया अस्पताल— चौरडिया अस्पताल में 10 आईसीयू और 5 बेड कोरोना पेंशट के लिए रखे गए थे, लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिलने की वजह से वर्तमान में कोरोना पेंशट यहां पर नहीं रखे जा रहे है।

ऑक्सीजन की कमी तो है
जिले कोरोना पॉजीटिव मरीजों की संख्या दिन ब दिन बढ़ रही है। कोविड सेंटर पर प्रतिदिन ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए जा रहें है। लेकिन हालत दयनीय है। गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही है। ऑक्सीजन प्लांट जल्द शुरू होने के बाद काफी राहत मिलेगी।
– डॉ. महेश मालवीय, सीएमएचओ नीमच।

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