वरघोड़े में लूटाया पैसा, बर्तन, कपड़े और खिलौने
आचार्यी जिनचंद्रसूरीश्वर, हेमचंद्र सूरीश्वर की निश्रा में भगवती दीक्षा अंगीकार करने जा रहे रतलाम के विशाल कोठारी के साढ़े 9 वर्षीय इकलौते पुत्र ईशान कोठारी सांसारिक जीवन को त्याग कर संयम जीवन की ओर अग्रसर हो रहे हैं। मुमुक्षु का चीताखेड़ा के श्रीकांता बेनशांतिलाल खिमेसरा के दोयता ईशान का दीक्षा वर्षीदान वरघोड़ा गुरुवार सुबह 9 श्रीमुनिसुव्रत स्वामी जिनालय से बैंड और ढाल के साथ निकला। इसमें बड़ी संया में जैन व अजैन महिलापुरुष, युवा व बच्चे शामिल हुए। वरघोड़े में नकदी, कपड़े, बर्तन, खिलौने, चॉकलेट आदि का वर्षीदान किया।
26 मई से संयम का जीवन जीएंगे इशान
ईशान 26 मई को संयम जीवन अंगीकार करेंगे। चीताखेड़ा जैन श्रीसंघ के तत्वावधान में ईशान का वरघोड़ा धूमधाम से निकला। दीक्षार्थी बग्घी में मुक्त हस्त से वर्षीदान प्रसन्न मुद्रा में करते नजर आए। पिता विशाल कोठारी और मां पायल कोठारी तथा छोटी बहन जो त्याग व तप के रंग में रंगे हुए थे बग्घी में विराजमान थे। वरघोड़ा जिस मार्ग से निकला लोगों व समाजजनों ने पुष्प वर्षाकर श्रीफल, शॉल भेंटकर बहुमान किया। ईशान बग्घी से प्रसन्न मुद्रा में नकदी, कपड़े, बर्तन, अक्षत, चॉकलेट लुटा रहे थे। वरघोड़ा श्री मुनिसुव्रत स्वामी जिनालय से शुरू हुआ व प्रमुख मार्गों से होता आराधना भवन पहुंचा। यहां धर्मसभा हुई। छोटीसी श्राविका प्रतिष्ठा चौरडिय़ा एवं सुरेंद्र महिला मंडल ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। जैन समाज ने ईशान के साथ मातापिता का भी बहुमान तिलक माला के साथ किया। माली समाज अध्यक्ष नंदराम पटेल ने ईशान का तिलक, माला व श्रीफल से बहुमान किया।
धर्मसभा में ईशान ने कहा सचिन तेंदुलकर और महेंद्रसिंह धोनी ने बचपन से हाथ में बैट पकड़ा तो दुनिया में आज मास्टर ब्लास्टर बने। लता मंगेशकर ने बचपन से गाना सीखने का अभ्यास किया तो स्वर कोकिला बनीं। जो काम बचपन में करना चाहिए वो यौवन में करते हो, जो काम यौवन में करते हो वो काम बुढ़ापे में करते हो। संसार उल्टा है इंसान उल्टे काम करता है। दीक्षा लेने के लिए उम्र नहीं देखनी चाहिए।
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इन्होंने किया मुमुक्षु का बहुमान ईशान का बहुमान भारतीय जैन श्वेतांबर युवा मंच, नाकोड़ा भैरव मित्र मंडल, चीताखेड़ा सुरेंद्र महिला मंडल, आंवरीमाताजी मंदिर समिति अध्यक्ष, नागेश्वर जावरिया सहित अन्य वरिष्ठजन ने बहुमान किया।