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प्रदेश में जल्द साइबर पुलिस का बनेगा कैडर

locationनीमचPublished: Oct 27, 2020 10:19:43 am

Submitted by:

Virendra Rathod

– एएसआई सिपाही के पद पर होगी जल्द भर्ती

प्रदेश में जल्द साइबर पुलिस का बनेगा कैडर

प्रदेश में जल्द साइबर पुलिस का बनेगा कैडर

नीमच। प्रदेश में करीबन १२ साल पूर्व और जिले में करीबन आठ साल पहले ऑनलाइन ठगी का प्रकरण दर्ज हुआ। पिछले कुछ साल में प्रदेश में जिस रफ्तार से क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड का इस्तेमाल बढ़ा, वही रफ्तार सायबर अपराध का ग्राफ बढऩे की भी है। सभी शिकायतों और दर्ज हुए अपराधों पर सही कार्रवाई हो सके, इसके लिए प्रदेश में सायबर पुलिस अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव कर रही है। इसके लिए अब तकनीकी रूप से दक्ष युवाओं को ही सायबर पुलिस में भर्ती करने के लिए अलग कैडर बनाने की अनुशंसा की गई है। जिले में हर वर्ष ऑनलाइन क्राइम की करीबन १०० से अधिक शिकायत दर्ज होती है।

प्रदेश में सायबर मुख्यालय ने शासन से सब इंस्पेक्टर व सिपाही स्तर पर करीब 57 पदों पर भर्ती की अनुशंसा की है।पुलिस मुख्यालय ने सैद्धांतिक सहमति देते हुए ये अनुशंसा शासन स्तर तक पहुंचा दी है। सब इंस्पेक्टर, सायबर पुलिस के लिए एसआई स्तर के अभी 55 पद स्वीकृत हैं। सभी पद प्रतिनियुक्ती से भरे गए हैं। इनमें से 50 प्रतिशत पद सायबर कैडर से भरने की अनुशंसा की है। शैक्षणिक योग्यता कंप्यूटर साइंस व आईटी में इंजीनियरिंग या बीसीए होगी। बाकी भर्ती प्रक्रिया अन्य एसआई स्तर के पदों के तहत ही होगी, लेकिन सायबर कैडर के लिए एक कंप्यूटर परीक्षा भी होगी। सायबर पुलिस के लिए सिपाही स्तर के लिए अभी 61 पद स्वीकृत हैं। तकरीबन सभी प्रतिनियुक्ति से भरे गए हैं। इनमें से 50 फ ीसदी पद सायबर कैडर से भरे जाने की अनुशंसा की गई है। शैक्षणित योग्यता 12वीं और दो वर्ष का आईटीआई डिप्लोमा होगा। सिपाही के लिए भी कंप्यूटर की एक अलग परीक्षा होगी, जिसे पास करना अनिवार्य होगा।

आईटी एक्ट में एसआई को दें जांच का अधिकार
अब तक आईटी एक्ट में इंस्पेक्टर या इससे ऊपर के अफ सरों को जांच के अधिकार हैं। अब इंस्पेक्टर के बजाए सब इंस्पेक्टर को आईटी एक्ट में जांच के अधिकार दिए जाने की अनुशंसा की गई है। थानों में पदस्थ सब इंस्पेक्टर्स की संख्या इंस्पेक्टर के मुकाबले ज्यादा रहती है। इसका फ ायदा ये होगा कि ज्यादा से ज्यादा मामलों की तहकीकात एक साथ की जा सकेगी, जो अब तक लंबित कर दिए जाते थे।

अभी नहीं होता है प्रकरण दर्ज
जिले में हालात यह है कि ऑनलाइन ठगी के मामलों में सीधे थाने में शिकायत दर्ज नहीं होती है। पीडि़त को आवेदन पुलिस थाने और एएसपी को देना होता है। जिसके बाद शिकायत साइबर सेल जांच में जाती है। साइबर सेल में पूर्व में ही इतने आवेदन पड़े है कि इन शिकायतों पर कोई ठोस अमल नहीं हो पाता है। वहीं साइबर सेल भी तीन पुलिसकर्मी की टीम है, जो कोई खास प्रशिक्षित नहीं हैं।

प्रदेश स्तर पर चल रहा है सायबर पुलिस कैडर
स्पेशल ब्रांच की तर्ज पर ही सायबर कैडर का प्रस्ताव तैयार किया गया है। फि लहाल हमें शासन की मंजूरी का इंतजार है। मंजूरी के बाद भर्ती की जाएगी। सायबर कैडर में भर्ती होने वाला स्टाफ सायबर में ही रहेगा और तय समयसीमा के अनुसार उन्हें यहीं प्रमोशन मिलेगा।
– राकेश गुप्ता, आईजी उज्जैन रेंज।

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