कलेक्टर राजे ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान मजदूर वर्ग के भोजन की व्यवस्था की प्रशासन द्वारा की जाएगी। साथ ही वे अपने गॉव घर जाना चाहते है तो उन्हे पहुंचाने की व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा की जा रही है। इसके लिए परिहवन विभाग द्वारा 15 बसों की व्यवस्था की गई है। इस दौरान बाहर से हाईवे पर मिलने वाले मजदूर और शहर में मजदूरी करने आए मजदूर सहित अन्य करीब ११०० लोगों को बसों के द्वारा उनके जिला घर भेजा गया है। बसे क्रमांक दो शासकीय स्कूल में लगी है। वहां पर मजदूरों को जांच और सेनेटाइजर करने के बाद बसों में बैठाकर रवाना किया गया है। खासकर रतलाम, झाबुआ, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ जिले बसे अधिकांश भेजी गई है।
निकटतम थाने पर भी व्यवस्था
कलेक्टर जितेन्द्र सिंह राजे ने बताया कि बस स्टेण्ड, निकटस्थ पुलिस थाने पर वाहन की व्यवस्था उपलब्ध रहेगी। जहां से मजदूरों को उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही । किसी को घबराने की आवश्यकता नही है। प्रशासन द्वारा लगभग 15 वाहनों की व्यवस्था गई है। इसके अलावा सीमावर्ती बार्डर पर पहुंचे या पहुंचने वाले मजदूरों को भी उनके घरों तक पहुंचाने के लिए वाहन की व्यवस्था तथा भोजन की व्यवस्था की जा रही है। कलेक्टर ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि लॉकडाउन के दौरान किसी भी मजदूर को कोई असुविधा न हो, उन्हे पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराया जाए और उन्हे घर तक पहुचाने के लिए वाहन की व्यवस्था की जाए। ऐसें मजदूरों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा की गई है।
यहां से मजदूर सेवा ले सकता है
यदि किसी मजदूर को अपने घर जाना है तो वह समीपस्थ पुलिस थाने में सम्पर्क कर सकता है। अथवा कॉल सेन्टर के टोल फ ्री नम्ब्र 104 व 181 पर सम्पर्क कर सहायता प्राप्त कर सकता है। जिले में अभी तक 1100 मजदूरों को 63 बसों के माध्यम से घर भेजा गया है। वहीं जिले में अन्य काम या कार्यक्रम में आने के बाद फंसे परिवारों को भी करीब 100 निजी वाहन से जाने के परमिट जारी किए हैं।
– राकेश मोहन शुक्ल, सीएसपी नीमच।