दरअसल, गुरुवार को रामपुरा तहसील के मोखमपुरा गांव में पांच स्थानों पर अवैध अफीम की खेती होना पाई गई थी। वहीं दूसरे दिन शुक्रवार को कुकडेश्वर तहसील के बघाना ग्राम पंचायत में नो स्थानों पर जंगल में अवैध रूप से अफीम खेती होना पाई गई है। इतना नहीं एक खेत में गांजा मिला है। सबसे बड़ी बात यह है कि इन खेतों के मालिकों के बारे में भी नारकोटिक्स विभाग टीम अभी तक कुछ पता नहीं लगा पाई है। इस प्रकार शुक्रवार को भी २८.९० आरी अवैध अफीम खेती नष्ट कराई गई है और दो आरी गांजो की फसल को नष्ट कराया गया है। इतना सबकुछ लंबे समय से हो रहा है। लेकिन नारकोटिक्स विभाग को कोई खबर नहीं है। जबकि इतनी बड़ी टीम यहां काम करती है।
स्टील के बर्तन में अफीम मिली
अफीम अधिकारी अमर सिंह ने बताया कि मौके पर स्टील के बर्तन से भी अफीम मिली है। जिसमें कुल वजन २४० ग्राम करीब है। १० कट्टो में कुल २०५ किलोग्राम डोडा चीरा लगा हुआ मिला है। इसके अलावा एक बाइक अफभ्मम लूने व चीरने के औजार व अन्य दस्तावेज भी मौके से बरामद किए गए है। जिसे जांच के लिए कब्जे में लिया गया है। टीम अब आरोपियों की शिनाख्त में जुटी है।
जिम्मेदार मुखिया व पटवारी मौन
नारकोटिक्स टीम ने मुखिया और पटवारी से भी गहनता से पूछताछ की है। उन्हें यह भी पता नहीं है खेत किसका है और खेत में बोई गई अफीम की देखरेख कौन करता है, सके बारे में कोई जानकारी नहीं है। वहीं पटवारी से जमीन के बारे में दस्तावेज के आधार पर तथ्य जुटाए जा रहे है। जिसके बाद नामजद आरोपियों के खिलाफ टीम कार्रवाई करेगी। लेकिन २४ घंटे बाद भी टीम रामपुरा क्षेत्र में अवैध अफीम खेती करने वालों के नाम नहीं बता पाई है। जिससे साफतौर पर नारकोटिक्स की ढीलपोल कार्रवाई का पता चल रहा है।
दो दिन में करीब ६० आरी अवैध अफीम खेती कराई नष्ट
रामपुरा क्षेत्र में गुरुवार को पांच खेत से करीब २८.३९ आरी अवैध अफीम की खेती नष्ट करवाई गई थी। वहीं कुकडेश्वर क्षेत्र के बघाना से ९ खेतों से करीब २८.९० आरी अवैध अफीम की खेती और एक खेत से दो आरी गांजा नष्ट करवाने की कार्रवाई की गई है। अभी फसल बोने वालों के नाम नहीं आए है, जांच जारी है। अज्ञात के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उनकी शिनाख्त के प्रयास किए जा रहें है।
– प्रमोद सिंह, डीएनसी नीमच।