
बतादें की शहर के वार्ड क्रमांक 14 के रहवासी करीब 20-25 सालों से नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। यहां एक तरफ महाराणा बंगला तो दूसरी ओर नगरपालिका कर्मचारी कॉलोनी है। जहां सैंकड़ों की संख्या में लोग सालों से निवास करते हैं। लेकिन मुलभुत सुविधाओं के अभाव में परेशानियों का सामना कर रहे हैं।पत्रिका टीम जब यहां के रहवासियों के हाल जानने पहुंची तो हालात आश्चर्य जनक नजर आए। क्योंकि यहां स्थित दोनों कॉलोनियों में एक भी सडक़ नहीं बनी है। ऐसे में बारिश में यह वार्ड दलदल युक्त हो जाता है, वहीं अन्य मौसम में वाहनों की आवाजाही से दिन रात धूल उड़ती है। सबसे बड़ी आश्चर्य की बात तो यह है कि जहां शहर के हर गली मोहल्ले में नालियां बनी है। वहीं इस वार्ड में नालियों का नामो निशान नहीं होने के कारण रहवासियों के घरों से निकला गंदा पानी कहीं सडक़ों के बीच से निकल रहा है तो कहीं घरों के पास ही गड्ढ़ों में भरा होने के कारण मच्छरों की उत्पत्ति का कारण बन रहा है। यह तो ठीक है लेकिन जैसे ही पत्रिका टीम आगे पहुंची तो हालात और भी आश्चर्य जनक नजर आए, क्योंकि यहां कॉलोनिवासियों के लिए तैयार होने वाले पार्क की जगह पेड़ पौधे व हरियाली नहीं बल्कि लोगों के घरों से निकले गंदे पानी का तालाब बना हुआ था।
हर दिन निकल रहे जहरीले जीव जंतु
दोनों कॉलोनियों के रहवासियों ने बताया कि यहां पसरे कीचड़ और गंदगी के कारण आए दिन जहरीले जीव जंतु निकलते हैं। उन्होंने बताया कि एक दिन पहले ही यहां पर सांप निकला था, ऐसे में लोगों को किसी दुर्घटना होने का भय बना रहता है।
भाजपा के वार्ड में भी नहीं हो रहा विकास
कुछ रहवासियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि जब हमसे वोट मांगे थे, तब तो बड़े बड़े वादे किए गए थे, हमें पक्की सडक़ें, पक्की नालियां सहित हर दिन पेयजल आदि की सुविधाएं देने का आश्वासन दिया था, लेकिन जमीनी हालात खुद बता रहें हैं कि करीब तीन साल बीत जाने के बावजूद भी यहां विकास कार्यों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोगों ने यहां तक कहा कि यह वार्ड तो भाजपा का है फिर काम नहीं होना चिंता का विषय है।
इनका यह कहना है
यहां नालियां नहीं होने के कारण लोगों के घरों से निकला गंदा पानी कच्ची नालियों के सहारे इस खाली स्थान पर पहुंचता है, जिससे पार्क की जमीन पर तालाब सा नजर आ रहा है। इससे एक ओर भयंकर बदबू आती है तो दूसरी ओर कॉलोनी के बीचों बीच स्थित होने के कारण यहां का वातावरण भी दूषित हो रहा है। यहां हमें रहते रहते 20 से 25 साल हो गए हैं। लेकिन न अभी तक सडक़ बनी है न नालियां। हालांकि पूर्व में मालिकाना हक को लेकर विवाद था, लेकन कोलोनाइजर के केस जीतने के बाद तत्कालीन कलेक्टर ने यहां पर सडक़ निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाकर नगर पालिका को सौंपा है। लेकिन उसके बाद भी काम शुरू नहीं हुआ और फिर चुनाव की आचार संहिता लग गई।
- रमेश राठौर, रहवाीस महारणा बंगाला
इनका यह कहना
रोडवेज बस स्टेंड के पीछे रहवासी कॉलोनी महाराणा बंगला के लिए सडक़ निर्माण के लिए 60 लाख रुपए मंजूर हो गए है। जिसके टेंडर होना बाकी है, चुनाव आचार संहिता के कारण टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं की थी। अब चुनाव निपट गए है, जल्द ही टेंडर निकालकर कार्य शुरू किया जाएगा।
- रविश कादरी, उपयंत्री नगरपालिका नीमच।