सा बेहद कम देखने को मिलता है कि आधुनिक अमेरिकी युद्धपोत- ड्वाइट डी आइजनहॉवर का दौरा कोई विदेशी नेता करे।
सा बेहद कम देखने को मिलता है कि आधुनिक अमेरिकी युद्धपोत- ड्वाइट डी आइजनहॉवर का दौरा कोई विदेशी नेता करे। लेकिन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को ये मौका आगे से मिला। उन्हे खुद्धपोत का दौरे का निमंत्रण स्वयं अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने दिया। दोनों नेता करीब 4 घंटे तक परमाणु क्षमता वाले इस युद्धपोत में रहे।
पर्रिकर ने कार्टर के साथ डेक से लड़ाकू विमानों के काम करने के तरीके को भी देखा। उन्होने उनको उड़ान भरते और उतरते देखा। इतना ही नही उन्होंने आइजनहॉवर के कंट्रोल रुम के साथ-साथ हैंगर का भी दौरा किया। युद्धपोत के दौरे के अनुभव को लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होने अपना सारा अनुभव एक ही शब्द में समेट दिया। उन्होने बस इतना कहा ‘शानदार’।
वर्तमान में भारत और अमेरिका के रिश्तों में काफी सुधार आया है। रक्षा मामलों को लेकर दोनो ही देश काफी करीब आए है। यही कारण है कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को आइजनहॉवर के दौरे के लिए न्यौता दिया गया। पर्रिकर इस युद्धपोत की सैर करने वाले पहले विदेशी नेता बन गए हैं।
पर्रिकर और कार्टर ने डेढ़ घंटे अकेले में भी बात की। इस वार्ता में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और बढ़ाने पर सहमति बनी। पर्रिकर ने अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान हवाई में यूनाइटेड स्टेट्स पैसिफिक कमांड मुख्यालय का भी दौरा किया।