दरअसल जीरन तहसील मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर वनांचल में स्थित गांव चेनपुरा, गुड़ला और शिवपुरा के ग्रामीण आपातकालीन सुविधा 108 एंबुलेंस और डायल 100 का लाभ नहीं ले पा रहे हंै। ये तीनों गांव राजस्थान सीमा के निकटवर्ती क्षेत्रों से हंै, लेकिन भौगोलिक रूप से मप्र की सीमा में आते हैं। जिनसे कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर राजस्थान की सीमा भी शुरू हो जाती है। स्थानीय क्षेत्र के मोबाइल नेटवर्क राजस्थान की सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित मोबाइल टॉवर के नेटवर्क से काफी कमजोर है। जिसके कारण यहां मोबाइल में राजस्थान का नेटवर्क आता है। आपातकालीन नम्बर 108 और 100 पर कॉल करने पर कॉल प्रदेश मुख्यालय भोपाल के बजाय राजस्थान के जयपुर पहुंच जाता है ऐसे में ग्रामीणों को न तो आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधा मिल पाती है और न ही पुलिस सहायता मिल पाती है।
भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता ग्रामीणों ने बताया कि आपातकालीन स्थिति में 108 पर काल करनेे पर फोन राजस्थान के जयपुर लगता है ऐसे में बीमार मरीज को हॉस्पिटल ले जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बताया जाता है कि पिछले दिनों गांव की ही एक महिला को रात में प्रसव पीड़ा हुई तो परिजनों ने एम्बुलेंस बुलाने के लिए 108 पर काल किया तो कॉल राजस्थान के 108 के प्रदेश मुख्यालय पहुंच गया। काफी मशक्कत के बाद भी जब प्रसूता को एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी तो परिजन उसे लोडिंग टेम्पो लेकर हॉस्पिटल के लिए निकले लेकिन रास्ते मे ही उस महिला का प्रसव हो गया। परेशानी झेल रहे ग्रामीणों ने बीते दिनों अपर कलेक्टर नीमच से मिलकर अपनी समस्या से अवगत करवाया। जिस पर उन्होंने ग्रामीणों को शीघ्र ही समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया। ग्रामीण का कहना है सरकार से जुडऩे के लिए सीएम हेल्पलाइन 181 पर भी फोन लगाने से स्थानीय ग्रामीण अपनी समस्याओं से सम्बंधित शिकायत कर नहीं पाते।
कॉल लगता नहीं है
100 डायल को कॉल करते हैं तो कॉल लगता नहीं है। 108 पर काल लगाने पर राजस्थान के जयपुर पहुंच जाती है ऐसे में मरीजों को निजी वाहनों से अस्पताल ले जाना पड़ता है। कुछ दिनों पहले महिला को प्रसव दौरान 108 को काल किया लेकिन एम्बुलेंस नहीं मिली तो म्पों में ले जाते समय रास्ते मे ही प्रसूति हो गयी।
100 डायल को कॉल करते हैं तो कॉल लगता नहीं है। 108 पर काल लगाने पर राजस्थान के जयपुर पहुंच जाती है ऐसे में मरीजों को निजी वाहनों से अस्पताल ले जाना पड़ता है। कुछ दिनों पहले महिला को प्रसव दौरान 108 को काल किया लेकिन एम्बुलेंस नहीं मिली तो म्पों में ले जाते समय रास्ते मे ही प्रसूति हो गयी।
मनोहर मीणा, ग्रामीण