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जिले में दी ब्लैक फंगस ने भी दस्तक, चार मरीज आए सामने

locationनीमचPublished: May 18, 2021 08:23:19 pm

Submitted by:

Virendra Rathod

जिले में दी ब्लैक फंगस ने भी दस्तक, चार मरीज आए सामने

जिले में दी ब्लैक फंगस ने भी दस्तक, चार मरीज आए सामने

जिले में दी ब्लैक फंगस ने भी दस्तक, चार मरीज आए सामने

नीमच। बड़े शहरों के बाद अब नीमच जिले में भी ब्लेक फंगस के मरीज सामने आए है। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में दो दिन में चार मरीजों की पुष्टि हुई है। चारो मरीज इंदौर एमवॉय अस्पताल में उपचारत है। जिनकी जांच के बाद ब्लेक फंगस की पुष्टि हुई है। प्रशासन अब उनके परिजनों और संपर्क में आने वालों के सेंपल ले रहा है।

कोरोना से तबाही के बीच म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। कोरोना संक्रमित होने के बाद कुछ मरीजों के खतरनाक साइड इफेक्ट आने लगे है। जिससे आंख में ब्लड आना, नाक, गले और मुहं में सूजन व दर्द की शिकायत हो रही है। जिला अस्पताल में अभी तक एक ही ऐसा मरीज पहुंचा, जिसे पहचान कर इंदौर रैफर कर दिया गया है। जबकि अन्य अपने स्तर पर इंदौर उपचार करा रहें है।

यह मरीज आए सामने
१- मनासा क्षेत्र के लक्ष्मीनारायण चौधरी कोरोना के संक्रमण से जैसे-तैसे उबरे तो उन्हें आखं में तकलीफ होने लगी। इसके बाद अलग-अलग चिकित्सकों की राय लेने के बाद इंदौर एमवॉय रैफर किया गया।

२. कुकडेश्वर निवासी शांति बाई उम्र ५७ वर्ष को अप्रेल में कोरोना संक्रमण हुआ था। चिकित्सकों के परामर्श से उपचार लेकर उन्हें होम क्वारंटीन किया गया था। स्वस्थ होने के बाद पुन: आंख में सूजन और लालपन आने लगा। फिर दांतों में दर्द शुरू हुआ और गले में सूजन आ गई। रामपुरा चिकित्सक डॉ. काईद ने चेकअप के दौरान ब्लेक फंगस की पुष्टि करते हुए इंदौर एमवॉय अस्पताल को रैफर कर दिया गया।
३. रामपुरा निवासी अंगूरबाला सोनी को २८ अप्रेल को कोरोना संक्रमण हुआ था। निजी चिकित्सक के उपचार के बाद सही हो गई थी। कुछ समय बाद आंखों में दर्द , सूजन और लालपन बढऩे लगा। रामपुरा बुरहानी अस्पताल के डॉ. जौहर को दिखाया तो उनकी सलाह पर नीमच में एमआरआई कराई तो ब्लेक फंगस की आशंका हुई। इंदौर रैफर कर दिया गया।
४. कुकडेश्वर निवासी अन्नू मालवीय जो कि कोरोना संक्रमित होकर जिला चिकित्सालय में भर्ती हुए। कोरोना उपचार के बाद उन्हें आंख में सूजन, दर्द और लालपानी की शिकायत हो गई। जिसके बाद जिला चिकित्सायल से इंदौर एमवॉय रैफर दिया है।
क्या है म्यूकरमाइकोसिस
चिकित्सक निलेश पाटीदार ने बताया कि म्यूकरमाइकोसिस एक ऐसा फंगल इंफेक्शन है, जिसे कोरोना वायरस ट्रिगर करता है. कोविड-19 टास्क फोर्स के एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये उन लोगों में आसानी से फैल जाता है जो पहले से किसी ना किसी बीमारी से जूझ रहे हैं और जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। इन लोगों में इंफेक्शन से लडऩे की क्षमता कम होती है।

किन लोगों को खतरा
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, कुछ खास कंडीशन में ही कोरोना मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस का खतरा बढ़ता है. अनियंत्रित डायबिटीज, स्टेरॉयड की वजह से कमजोर इम्यूनिटी, लंबे समय तक आईसीयू या अस्पताल में दाखिल रहना, किसी अन्य बीमारी का होना, पोस्ट ऑर्गेन ट्रांसप्लांट, कैंसर या वोरिकोनाजोल थैरेपी (गंभीर फंगल इंफेक्शन का इलाज) के मामले में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ सकता है।

यह हैं लक्षण
ब्लैक फंगस में मुख्य रूप से कई तरह के लक्षण देखे जाते हैं. आंखों में लालपन या दर्द, बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस में तकलीफ, उल्टी में खून या मानसिक स्थिति में बदलाव से इसकी पहचान की जा सकती है. इसलिए इन लक्षणों पर बारीकी से गौर करना चाहिए।

इनका यह कहना है
मनासा क्षेत्र के तीन मरीजों को ब्लेक फंगस होने की जानकारी सामने आई है। जिनका उपचार इंदौर एमवॉय हॉस्पिटल में जारी है। मनासा अस्पताल में एक ही व्यक्ति उपचार के लिए आया था, बाकी दो अपने स्तर पर इंदौर में उपचार करा रहें है। प्रशासन उनके परिजनों की सेंपल जांच कर रहा है।
– निरूपमा झा, बीएमओ मनासा

जिला अस्पताल से एक ही मरीज को इंदौर रैफर किया गया है, जिसमें ब्लेक फंगस की चिकित्सकों को आंशका थी। इसके अलावा अभी तक कोई ऐसा मामला सामने नहीं आया है।
– डॉ. बीएल रावत, सिविल सर्जन जिला शासकीय चिकित्सालय नीमच।
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