इस बार भाजपा व कांग्रेस दोनों पूरी ताकत लगा रहें हैं, लेकिन परिस्थितियां बदली हुई है। भाजपा नेता भी मानते है कि मोदी लहर के चलते पिछले चुनाव में रिकॉर्ड टूटे थे, लेकिन इस बार लहर के बजाय राजनीतिक मुद्दे हावी दिख रहें हैं। लुभावने वादों से ऊब चुकी है। जनता मुद्दों पर आकलन कर रही है, अपना रूख जाहिर नहीं कर रही है। संसदीय क्षेत्र में 2013 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 8 में से 7 और कांग्रेस एक सीट पर जीती थी। 2018 में भी 2013 ही रिपीट हुआ है,् भाजपा सात पर अपना कब्जा बरकरार रखने में कामयाब हुई और कांग्रेस अपनी एक सीट बचाने में सफ ल रही है, जहां तक 2014 के लोकसभा चुनाव में हार जीत का अंतर है उसमें 2014 में भाजपा के वर्तमान सांसद सुधीर गुप्ता 333000 मतों से जीते थे।
भाजपा
– मादी सरकार की योजनाएं
– सर्जिकल स्ट्राइक
– राफेल मतलब राहुल फेल
– कमलनाथ सरकार ने कुछ नहीं किया कांग्रेस
– राफेल पर मोदी सरकार चुप
– मोदी सरकार उद्योगपतियों के साथ
– सेना के नाम पर फायदा उठाना चाहती है मोदी सरकार
– कमलनाथ की सरकार ने आते है किसानों का कर्ज माफ किया
– नीमच एयरपोर्ट पर हवाई सेवा शुरू हो।
– रोजगार के लिए बंद फैक्ट्री शुरू हो
– ट्रोमा सेंटर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति
– पेयजल के लिए चंबल का पानी नीमच तक लाने की योजना
– तकनीकी और मेडिकल महाविद्यालय की आवश्यकता ।
– अत्याधुनिक खेल मैदान की आवश्यकता।
संसदीय क्षेत्र में मतदाता का आंकड़ा
यदि मतदाताओं की बात करें तो मंदसौर संसदीय क्षेत्र में कुल 1673563। मतदाता हैं, इनमें से 864076 पुरुषए 809465 महिला और 14 थर्ड जेंडर के मतदाता हैं। इसमें मंदसौर जिले की 4 विधानसभा सीटों के कुल मिलाकर 917784 मतदाताए नीमच जिले की 3 विधानसभा सीटों के कुल मिलाकर 545854 मतदाता और रतलाम जिले की जावरा विधानसभा सीट के 209925 मतदाता शामिल हैं।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
यहां पर साल 1957 में पहली बार चुनाव हुआण् तब कांग्रेस के मानकलाल ने जीत हासिल की थी। इसके अगले चुनाव में यह सीट कांग्रेस से छिन गई और जनसंघ को जीत मिली। लगातार 4 चुनाव में हार मिलने के बाद कांग्रेस को इस सीट पर जीत साल 1980 में मिली। कांग्रेस ०४(आई) के बंवरलाल राजमल ने पिछला दो चुनाव जीतने वाले लक्ष्मीनारायण पांडे को मात दी। इसके अगले चुनाव में भी कांग्रेस को जीत मिली, लेकिन 1989 में बीजेपी के लक्ष्मीनारायण पांडे ने फिर यहां पर वापसी की और जीत हासिल की। पांडे ने इसके बाद लगातार 6 चुनावों में जीत हासिल करते हुए यहां पर अपना दबदबा बनाए रखा। खुद लक्ष्मीनारायण पांडे 8 बार यहां से सांसद रह चुके हैं, कांग्रेस का इस सीट पर प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है और उसको सिर्फ 4 बार यहां जीत मिली हैण् कांग्रेस की दिग्गज नेता मीनाक्षी नटराजन यहां से सांसद रह चुकी हैं। उन्होंने 2009 के चुनाव में यहां पर जीत हासिल की थीण् हालांकि अगले चुनाव में उनको हार मिली और बीजेपी के सुधीर गुप्ता यहां के सांसद बने।