युवा पीढ़ी प्रसिद्ध सिंगरों को बुला वैवाहिक आयोजनों को दे रहे भव्यता
पिछले दो साल यूं तो वैवाहिक आयोजन एक दायरे तक सिमटकर रह गए थे, लेकिन अब धूमधाम से आयोजन हो रहे हैं। समय के साथ अब शादियों में नया टें्रड चल पड़ा है। युवा पीढ़ी 'लाइव डीजे' की ओर अधिक आकर्षित हो रही है। अब तक यह कल्चर बढ़े शहरों में अधिक था, लेकिन नीमच जैसे छोटे शहर में भी इसका चलन तेजी से बढ़ा है। यूं तो वैवाहिक आयोजनों में उम्मीद से कहीं अधिक राशि खर्च हो जाती है, लेकिन आज की पढ़ी-लिखी युवा पीढ़ी नए ट्रेंड में खर्च की परवाह नहीं कर रही। बच्चे भी छोटे शहरों से बढ़े शहरों-महानगरों में पढ़ाई करने जा रहे हैं। वहां की चकाचौंध, रहन-सहन, कल्चर में रम से जाते हैं। उन्हीं सब परम्पराओं को वे अपने साथ अपने गृह नगर में भी खींचकर ला रहे हैं। बड़े शहरों में लाइव डीजे का चलन चर्म पर रहा है। युवा पीढ़ी इससे अत्यधिक प्रभावित हुई है। अब यह कल्चर महिला संगीत का विकल्प बनकर उभर रहा है। लाइव डीजे में प्रसिद्ध सिंगर बुलाए जाने लगे हैं। महंगी, हल्दी यह सब भी लाइव डीजे का हिस्सा बन गए हैं। अब आस पड़ोस की महिलाएं, रिश्तेदार आदि न महिला संगीत में गाने गाते दिखते हैं और न ही सम्पन्न परिवारों का वह हिस्सा बन पाते हैं। वैवाहिक आयोजनों की चकाचौंध में पारम्परिक रीति-रिवाज सिमटते जा रहे हैं।
पिछले दो साल यूं तो वैवाहिक आयोजन एक दायरे तक सिमटकर रह गए थे, लेकिन अब धूमधाम से आयोजन हो रहे हैं। समय के साथ अब शादियों में नया टें्रड चल पड़ा है। युवा पीढ़ी 'लाइव डीजे' की ओर अधिक आकर्षित हो रही है। अब तक यह कल्चर बढ़े शहरों में अधिक था, लेकिन नीमच जैसे छोटे शहर में भी इसका चलन तेजी से बढ़ा है। यूं तो वैवाहिक आयोजनों में उम्मीद से कहीं अधिक राशि खर्च हो जाती है, लेकिन आज की पढ़ी-लिखी युवा पीढ़ी नए ट्रेंड में खर्च की परवाह नहीं कर रही। बच्चे भी छोटे शहरों से बढ़े शहरों-महानगरों में पढ़ाई करने जा रहे हैं। वहां की चकाचौंध, रहन-सहन, कल्चर में रम से जाते हैं। उन्हीं सब परम्पराओं को वे अपने साथ अपने गृह नगर में भी खींचकर ला रहे हैं। बड़े शहरों में लाइव डीजे का चलन चर्म पर रहा है। युवा पीढ़ी इससे अत्यधिक प्रभावित हुई है। अब यह कल्चर महिला संगीत का विकल्प बनकर उभर रहा है। लाइव डीजे में प्रसिद्ध सिंगर बुलाए जाने लगे हैं। महंगी, हल्दी यह सब भी लाइव डीजे का हिस्सा बन गए हैं। अब आस पड़ोस की महिलाएं, रिश्तेदार आदि न महिला संगीत में गाने गाते दिखते हैं और न ही सम्पन्न परिवारों का वह हिस्सा बन पाते हैं। वैवाहिक आयोजनों की चकाचौंध में पारम्परिक रीति-रिवाज सिमटते जा रहे हैं।
अनुभव से निखरती है दुल्हन की सुंदरता
हर ब्यूटीशियन अपना बेस्ट देती है। अनुभव जितना अधिक होता है दुल्हन का शृंगार भी उतना ही अधिक निखरता है। मैं 5 से 10 हजार रुपए तक दुल्हन शृंगार के लेती हूं।
- पूजा सोनी, ब्यूटीशियन
शादियों का बदल रहा ट्रेंड
वैवाहिक आयोजनों में अब दुल्हा-दुल्हन पक्ष भव्यता को अधिक पसंद करने लगे हैं। महिला संगीत का स्थान अब लाइव डीजे ने ले लिया है। इसके लिए 3 से 15 लाख रुपए तक लोग खर्च कर रहे हैं।
- लक्की पंजवानी, नारायण साउंड एंड डेकोरेशन
शादी की सम्पूर्ण जिम्मेदारी लेते हैं
वैवाहिक आयोजन की सफलता के लिए हम पूरी तरह प्रतिबद्ध रहते हैं। गणपति पूजन से लेकर अंतिम कार्य तक की जिम्मेदारी हम लेते हैं। ग्राहक की खुशी और संतुष्टि ही हमारा महनताना होता है। 7 से 20 लाख तक के आयोजन करवा चुका हूं।
- सेंटी चौहान, वैडिंग प्लानर
बेहतर आयोजन कराना मेरा दायित्व
वैवाहिक आयोजनों को भव्यता प्रदान करने का काम मैं करता हूं। शादी समारोह को बजट अनुसार बेहतर से बेहतर कैसे किया जा सकता है यह काम मैं करता हूं। एक लाख से 12 लाख तक आयोजन करवा चुका हूं।
- पृथ्वीराज चौहान, इवेंट मैनेजमेंट
हर ब्यूटीशियन अपना बेस्ट देती है। अनुभव जितना अधिक होता है दुल्हन का शृंगार भी उतना ही अधिक निखरता है। मैं 5 से 10 हजार रुपए तक दुल्हन शृंगार के लेती हूं।
- पूजा सोनी, ब्यूटीशियन
शादियों का बदल रहा ट्रेंड
वैवाहिक आयोजनों में अब दुल्हा-दुल्हन पक्ष भव्यता को अधिक पसंद करने लगे हैं। महिला संगीत का स्थान अब लाइव डीजे ने ले लिया है। इसके लिए 3 से 15 लाख रुपए तक लोग खर्च कर रहे हैं।
- लक्की पंजवानी, नारायण साउंड एंड डेकोरेशन
शादी की सम्पूर्ण जिम्मेदारी लेते हैं
वैवाहिक आयोजन की सफलता के लिए हम पूरी तरह प्रतिबद्ध रहते हैं। गणपति पूजन से लेकर अंतिम कार्य तक की जिम्मेदारी हम लेते हैं। ग्राहक की खुशी और संतुष्टि ही हमारा महनताना होता है। 7 से 20 लाख तक के आयोजन करवा चुका हूं।
- सेंटी चौहान, वैडिंग प्लानर
बेहतर आयोजन कराना मेरा दायित्व
वैवाहिक आयोजनों को भव्यता प्रदान करने का काम मैं करता हूं। शादी समारोह को बजट अनुसार बेहतर से बेहतर कैसे किया जा सकता है यह काम मैं करता हूं। एक लाख से 12 लाख तक आयोजन करवा चुका हूं।
- पृथ्वीराज चौहान, इवेंट मैनेजमेंट