scriptव्यापमं की तरह नीट काउंसलिंग में भी भारी गड़बड़ी के खुलासे का दावा | Claims of huge disturbances in good counseling as well as business | Patrika News

व्यापमं की तरह नीट काउंसलिंग में भी भारी गड़बड़ी के खुलासे का दावा

locationनीमचPublished: Oct 10, 2017 11:26:42 pm

Submitted by:

bhuvanesh pandya

– पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने कहा ३५० से अधिक फर्जी एडमिशन हुए- नीमच के दो पीडि़त विद्यार्थियों ने उच्च न्यायालय में दायर की जनहित याचिका

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पीडि़त विद्यार्थियों के अभिभावकों की मौजूदगी में मीडिया को नीट काउंसलिंग में हुई गड़बड़ी की जानकारी देते पूर्व विधायक पारस सकलेचा।

नीमच. व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले की तर्ज पर ही अखिल भारतीय स्तर पर मेडिकल में प्रवेश के लिए नीट में उत्तीर्ण विद्यार्थियों की काउंसलिंग में घोटाले का मामला प्रकाश में आया है। नीमच के दो पीडि़त विद्यार्थियों द्वारा इस मामले में उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर जनहित याचिका पर मप्र सरकार चिकित्सा विभाग, राज्य शासन और संबंधित कॉलेज को नोटिस जारी किए गए हैं। पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने पीडि़त विद्यार्थियों के अभिभावकों की मौजूदगी में नीट परीक्षा काउंसलिंग एवं प्रवेश प्रक्रिया में हुई बड़ी गड़बड़ी का खुलासा मंगलवार को मीडिया के सामने किया।
पूर्व विधायक सकलेचा ने दस्तावेजों के साथ उपलब्ध कराई जानकारी में बताया कि मेडिकल में प्रवेश के लिए पात्रता परीक्षा नीट यानि नेशनल इंट्रेंस एलिजीबिलिटी टेस्ट की प्रक्रिया मध्यप्रदेश सरकार ने व्यापमं घोटाले के बाद पारदर्शिता लाने की दृष्टि से तब प्रारंभ की थी जब २००९ में एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए निर्देश दिए थे। इससे पहले डीमेट परीक्षा होती थी इसमें भारी गड़बडिय़ां उजागर होती रही हैं। पारदर्शिता लाने की कवायद के बावजूद नीट परीक्षा में जो विद्यार्थी अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हुए उनकी बजाय कम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को काउंसलिंग में प्रवेश दे दिया। सामान्य और एनआरआई कोटे में करीब ३५० एडमिशन फर्जी तरीके से हुए हैं, इनमें इंदौर और देवास के दो मेडिकल कॉलेजों के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं।
138 के एडमिशन फर्जी तरीके से
सकलेचा ने आरोप लगाया कि पारदर्शिता के दावों के बावजूद १३८ के एडमिशन फर्जी तरीके से हो गए। खास बात यह है कि जब मामले की सामान्य जांच हुई तो कुछ प्रवेश निरस्त किए गए जबकि ९६ का प्रवेश आज भी है। जिन विद्यार्थियों को ४७० अंक तक मिले हैं उन्हें प्रवेश से वंचित किया गया है जबकि २०० अंक लाने वालों को प्रवेश मिल गए हैं। मीडिया से चर्चा के दौरान पारस सकलेचा और एडवोकेट महेश पाटीदार ने एक ऑडियो सुनाया इसमें बताया गया कि एक कॉलेज में मेडिकल में प्रवेश दिलाने के लिए विद्यार्थी के अभिभावक से अगले वर्ष के लिए बात ठहराई जा रही है। इसमें प्रवेश दिलाने का दावा करने वाली महिला की आवाज है, जो अगले वर्ष प्रवेश के लिए पूर्व बुकिंग कर रही है। कॉलेज भी पसंद का दिलाने का दावा किया जा रहा है। एडवोकेट पाटीदार ने बताया कि अगले वर्ष में प्रवेश के लिए इस वर्ष बुकिंग कराई जाती है तो ४० से ५० लाख रुपए देना होंगे जबकि तत्काल प्रवेश के लिए ८० लाख से एक करोड़ रुपए तक मांगे जा रहे हैं।
नीमच के दो विद्यार्थियों ने लगाई याचिका
एडवोकेट महेश पाटीदार ने बताया कि नीमच के विद्यार्थी यश प्रताप आहुजा और भाग्यश्री अभिमन्यु चौहान से कम अंक प्राप्त करने वालों का सामान्य कोटे में एडमिशन हो गया। इसके तथ्य जुटाकर उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की गई। कुछ और याचिकाएं तैयार हो रही हैं, जिन्हें जल्द दायर कर दिया जाएगा।
मेरे पुत्र यश आहुजा को नीट प्रवेश परीक्षा में ७२० में से ४२३ अंक मिले फिर भी २०० अंक लाने वाले विद्यार्थी को प्रवेश दे दिया गया। हमने याचनाएं की लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। इस पूरे खेल में निजी कॉलेज, जनप्रतिनिधियों और दलालों का बड़ा रैकेट शामिल है। उच्च न्यायालय में याचिका लगाई है।
-प्रताप आहुजा, पीडि़त विद्यार्थी के पिता
मेरी पुत्री भाग्यश्री को ४२७ अंक प्राप्त करने के बाद भी एडमिशन नहीं मिला। देश के ११ लाख विद्यार्थियों में से उसकी ऑल इंडिया रैंक ६१ हजार थी। देवास के अमलताश कॉलेज में काउंसलिंग के दौरान हमें बाहर खड़ा कर दिया गया, देखते ही देखते अयोग्य के प्रवेश हो गए। तत्काल १०० डायल पर सूचना दी कोई नहीं आया, सीएम हेल्पलाइन सहित ऑनलाइन शिकायत भी तत्काल की लेकिन किसी ने कोई सुनवाई नहीं की। उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका प्रस्तुत की है जिस पर सरकार और प्रवेश परीक्षा प्रबंधन को नोटिस जारी हुए हैं।
-अभिमन्यु चौहान, पीडि़त छात्रा के पिता
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