एक ऐसी महिला किसान जिसने स्वविवेक से निर्णय लेकर कमाए लाखों रुपए
ऐसी कौन सी आधुनिक तकनीक अपनाई जिससे सोना उगल रही जमीन यहां जाने
नीमच
Published: March 14, 2022 07:47:15 pm
नीमच. संतरे के बगीचे में ड्रीप संयंत्र स्थापित कर किसान पार्वतीबाई ने कमाए 5.88 लाख रुपए। ड्रीप संयंत्र स्थापित कर खेती की लागत को भी कम करने में सफल रही हैं।
अधिकारियों ने ड्रीप पद्धति की दी सलाह
नीमच जिले की जावद विकासखंड के ग्राम जनकपुर की महिला किसान पार्वतीबाई पति रामचंद्र पाटीदार द्वारा 10 वर्ष पूर्व एक हजार हैक्टेयर में 400 पौधे संतरे का बगीचा लगाया था। इसमें ड्रिप संयंत्र स्थापित नही किया था। पानी की पर्याप्ता के कारण वे संतरों में सिंचाई, बहाव विधि से करते थे। पौधों को कम अधिक सिंचाई करने से बगीचें में फ्लावरिंग नही हो पाती थी। इस कारण 50 से 60 प्रतिशत फल झड़ जाते थे। बगीचे में खरपतवार अधिक होने के कारण मजदुरी भी अधिक लग रही थी। विगत एक से दो वर्ष से बगीचे में अफलन की स्थिति निर्मित हो रही थी। इस संबंध में उन्होंने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से चर्चा की तो उन्होंने ड्रिप संयंत्र स्थापित करने की सलाह दी।
5.88 लाख रुपए का हुआ पार्वती को शुद्ध मुनाफा
पार्वतीबाई पाटीदार ने वर्ष 2019-20 में उद्यानिकी विभाग की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में ड्रिप संयंत्र लगाने के लिए आवेदन किया। कृषक अंश राशि 21 हजार 346 रुपए जमा कर कुल लागत 40 हजार 412 रुपए का ड्रीप संयंत्र लगवाया। इस पर शासन की ओर से 19065 रुपए का अनुदान मिला। मजदूरी 52 हजार रुपए, खाद एवं दवाई 40 हजार रुपए अन्य खर्च 18 हजार रुपए इस प्रकार कुल लागत एक लाख 31 हजार 346 रुपए खर्च किए। ड्रीप संयंत्र स्थापित करने के उपरांत समस्त 400 पौधों में पानी बराबर मात्रा में प्राप्त हुआ। इससे पर्याप्त मात्रा में पौधों में नमी बनी रही एवं 40 से 50 प्रतिशत जल की भी बचत हुई। बचे हुए पानी से गर्मीयों में सब्जियों की खेती की। इससे पार्वती बाई को अतिरिक्त आय हुई। फर्टिगेशन के माध्यम से जलविलय उर्वरक, सूक्ष्म पौषक तत्व आदि वेंचुरी के माध्यम से पौधों को दिया, जिससे पौधों पर फल अप्रैल माह तक रहे। पार्वती बाई पाटीदार को एक हैंक्टयेर में इस वर्ष तकरीबन 400 क्विंटल संतरा का उत्पादन प्राप्त हुआ, जो 1800 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से विक्रय किया। इससे पार्वती बाई को कुल आमदनी 7 लाख 20 हजार रुपए हुई है। इसमें उसकी लागत निकाल कर शुद्ध मुनाफा 5 लाख 88 हजार रुपए प्राप्त हुआ। आज जनकपुर गांव संतरा की खेती के कारण समृद्धि की ओर अग्रसर हो रहा है।

अब घास से भी कमाएंगे किसान
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