हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं ठप, मरीज हो रहे परेशान
गुरुवार को संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी एक सूत्री मांग को लेकर जिला मुख्यालय पर विधायक को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से सेवा से पृथक किए गए कर्मचारियों को पुन: बहाल करने की मांग रखी गई। विधायक ने आश्वस्त किया गया वे इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे।इस अवसर पर संविदा स्वास्थ्य संयुक्त मोर्चा के ९३ सदस्य उपस्थित थे। ज्ञापन देने के बाद सभी सदस्य शास्त्री नगर स्थित बगीचे में एकत्रित हुए और शाम ४ बजे तक धरना दिया। वही पिछले चार दिनों से जिले में संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से प्रतिकूल असर पड़ा है। जिला मुख्यालय पर कार्यालय कार्य पूरी तरह ठप पड़े हैं। लेब टैक्निशियन के हड़ताल पर होने से लेब में किसी प्रकार की जांच नहीं हो रही है। बच्चों के टीकाकरण का कार्य पिछले ४ दिनों से बंद है। हड़ताल की वजह से प्राथमिक विद्यालयों में शारीरिक परीक्षण नहीं हो पा रहा है। दवा वितरण केंद्रों पर अप्रशिक्षितकर्मी लगे हैं। मनासा और पालसोड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर संयुक्त खोज अभियान के तहत कुष्ट रोग, टीबी, मलेरिया, केंसर आदि बीमारियों को लेकर जो सर्वे चल रहा था वो भी बंद है। शहर की तुलना में देखा जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों में पर इसका अधिक प्रभाव पड़ा है।
गुरुवार को संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी एक सूत्री मांग को लेकर जिला मुख्यालय पर विधायक को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से सेवा से पृथक किए गए कर्मचारियों को पुन: बहाल करने की मांग रखी गई। विधायक ने आश्वस्त किया गया वे इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे।इस अवसर पर संविदा स्वास्थ्य संयुक्त मोर्चा के ९३ सदस्य उपस्थित थे। ज्ञापन देने के बाद सभी सदस्य शास्त्री नगर स्थित बगीचे में एकत्रित हुए और शाम ४ बजे तक धरना दिया। वही पिछले चार दिनों से जिले में संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से प्रतिकूल असर पड़ा है। जिला मुख्यालय पर कार्यालय कार्य पूरी तरह ठप पड़े हैं। लेब टैक्निशियन के हड़ताल पर होने से लेब में किसी प्रकार की जांच नहीं हो रही है। बच्चों के टीकाकरण का कार्य पिछले ४ दिनों से बंद है। हड़ताल की वजह से प्राथमिक विद्यालयों में शारीरिक परीक्षण नहीं हो पा रहा है। दवा वितरण केंद्रों पर अप्रशिक्षितकर्मी लगे हैं। मनासा और पालसोड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर संयुक्त खोज अभियान के तहत कुष्ट रोग, टीबी, मलेरिया, केंसर आदि बीमारियों को लेकर जो सर्वे चल रहा था वो भी बंद है। शहर की तुलना में देखा जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों में पर इसका अधिक प्रभाव पड़ा है।
३०० कर्मचारी हड़ताल पर, जिले की ६८ सोसायटियों का काम प्रभावित
नीमच. देश हित में करेंगे काम-काम के लेंगे पूरे दाम, हमारी मांगे पूरी करो, भारत माता की जय आदि नारों के साथ गुरुवार को मध्यप्रदेश प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ नीमच इकाई के कर्मचारी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे।कर्मचारियों के कारण जिले की अधिकतर सोसायटियों में काम प्रभावित हुआ। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ जिलाध्यक्ष महेश चौरसिया ने बताया कि इस अवसर पर करीब ३०० से अधिक कर्मचारी उपस्थित थे, जो प्रात: ११ बजे से शाम ५ बजे तक धरने पर डटे रहे, इससे जिले की ६८ सोसायटियों का काम प्रभावित हुआ। उन्होंने बताया कि हमारी चारों मांगों को पूरा नहीं किया तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहेंगे। जानकारी देते हुए प्रचार मंत्री कुलदीप जैन ने बताया कि शुक्रवार को हड़ताल के दूसरे दिन धरना स्थल पर सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। यह कार्य होंगे प्रभावित- समर्थन मूल्य पर गेहूं का पंजीयन।, भावांतर भुगतान योजना के तहत होना वाला पंजीयन, राशन की दुकानें, किसानों को सोसायटी के माध्यम से वितरित होने वाला खाद, किसानों से की जाने वाली ऋण वसूली, सहकारिता समिति का बचत बैंक।
नीमच. देश हित में करेंगे काम-काम के लेंगे पूरे दाम, हमारी मांगे पूरी करो, भारत माता की जय आदि नारों के साथ गुरुवार को मध्यप्रदेश प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ नीमच इकाई के कर्मचारी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे।कर्मचारियों के कारण जिले की अधिकतर सोसायटियों में काम प्रभावित हुआ। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ जिलाध्यक्ष महेश चौरसिया ने बताया कि इस अवसर पर करीब ३०० से अधिक कर्मचारी उपस्थित थे, जो प्रात: ११ बजे से शाम ५ बजे तक धरने पर डटे रहे, इससे जिले की ६८ सोसायटियों का काम प्रभावित हुआ। उन्होंने बताया कि हमारी चारों मांगों को पूरा नहीं किया तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहेंगे। जानकारी देते हुए प्रचार मंत्री कुलदीप जैन ने बताया कि शुक्रवार को हड़ताल के दूसरे दिन धरना स्थल पर सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। यह कार्य होंगे प्रभावित- समर्थन मूल्य पर गेहूं का पंजीयन।, भावांतर भुगतान योजना के तहत होना वाला पंजीयन, राशन की दुकानें, किसानों को सोसायटी के माध्यम से वितरित होने वाला खाद, किसानों से की जाने वाली ऋण वसूली, सहकारिता समिति का बचत बैंक।