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Farmer News अफीम फसल हंकवाने के सिवाय नहीं कोई अन्य रास्ता

locationनीमचPublished: Feb 15, 2019 01:52:10 pm

Submitted by:

Mukesh Sharaiya

अफीम काश्तकार औसत कम बैठने को लेकर हैं चिंतित

Farmer Letest News In Hindi Neemuch

बारिश और ओलावृष्टि से अधिकतम १५ फीसदी तक हुआ नुकसान

नीमच. बुधवार को हुई ओलावृष्टि की वजह से जिले में धनिया को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। इसके अतिरिक्त चना, संतरा, इसबगोल और सरसों की फसल प्रभावित हुई है। अफीम फसल को हुए नुकसान के सर्वे का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में किसानों के सामने एकमात्र विकल्प है फसल हंकवाई का। जो किसान अफीम की प्रभावित फसल नहीं हंकवाते हैं वे औसत को लेकर चिंतित हैं।

5 मार्च तक कर सकते हैं फसल हंकवाने का आवेदन
केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा जिले में अफीम काश्तकारों को 10 आरी तक के पट्टे दिए गए हैं। गुरुवार शाम को हुई ओलावृष्टि और बारिश की वजह से अफीम फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। ओलावृष्टि की वजह से अफीम फसल के डोडे टूटकर गिर गए हैं। कुछ किसानों के खेत में खड़ी फसल लेट गई। इस कारण उनकी चिंता काफी बढ़ गई है। उपनारकोटिक्स आयुक्त प्रमोद सिंह ने बताया कि अफीम की खेती किसान अपनी रिक्स पर करते हैं। विभाग की ओर से किसी प्रकार के सर्वे या नुकसान होने पर मुआवजे का प्रावधान नहीं है। अफीम नीति में जो तय हो जाता है उस अनुसार की किसानों नारकोटिक्स विभाग को अफीम उत्पादन कर जमा कराता है। बुधवार को नीमच जिले के कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि और बारिश से अफीम फसल को नुकसान होने की जानकारी मिली है। जिन किसानों की अफीम की फसल प्रभावित हुई है वे 5 मार्च में फसल हंकवाने का आवेदन दे सकते हैं। इस बारे में किसानों को सूचना भी दी जा चुकी है।

800 हेक्टेयर में हुई फसल प्रभावित
कृषि उपसंचालक नगीन सिंह रावत ने बताया कि बुधवार को हुई बारिश और ओलावृष्टि से जिले के रामपुरा और सिंगोली क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुंचा है। गुरुवार सुबह ९ बजे से ही ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों सहित अन्य कर्मचारियों को फसल नुकसानी का आंकलन करने गांवों में भेज दिया था। शाम तक हुए प्रारंभिक सर्वे में रामपुरा क्षेत्र में धनिया को 10 से 15 प्रतिशत, चना को 10 से 12 प्रतिशत और संतरा को 8 से 10 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। सिंगोली क्षेत्र में इसबगोल को 5 से 10 प्रतिशत और सरसों को 2 से 5 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा है। सिंगोली क्षेत्र के 3 से 4 गांवों में करीब 10 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। रामपुरा क्षेत्र में 14 गांव की 790 हेक्टेयर फसल ओलावृष्टि और बारिश की चपेट में आई है। जिन किसानों ने फसल बीमा करा रखा है उन्हें बीमा कम्पनी के टोल फ्री नंबर पर फसल नुकसानी की जानकारी देने को कहा है। ऐसे किसान जिनकी फसल 50 फीसदी तक प्रभावित हुई है उन्हें ही बीमा का लाभ मिलेगा। 25 प्रतिशत तक प्रभावित फसल के लिए आरबीसी 6/4 में प्रकरण तैयार किए जाएंगे। अफीम फसल को भी नुकसान पहुंचा है, लेकिन इस संबंध में कृषि विभाग कुछ नहीं कर सकता। न ही विभाग से इस बारे में जानकारी मांगी जाती है। ऐसे में अफीम फसल को कितना नुकसान पहुंचा है इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है।

खेत में लेटी फसल को नहीं होगा नुकसान
बारिश की वजह से जिन किसानों के खेतों में फसल लेट गई है उन्हें नुकसान नहीं होगा। गेहूं की फसल अभी दाना बनने की स्टेज पर है। फसल हरी है। ऐसे में खेतों में लेटी गेहूं की फसल को नुकसान नहीं होगा। धनिया को नुकसान अधिक हुआ है क्योंकि कटने की स्थिति में पहुंच गई थी। कलेक्टर की ओर से विस्तृत सर्वे करने के निर्देश मिले हैं। आगामी एक सप्ताह में बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
– एनएस रावत, उपसंचालक कृषि
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