रेत माफिया की ऊपर तक पकड़
कई बार लोगों द्वारा खनिज विभाग को शिकायतें करने के बाद भी रेत का अवैध परिवहन थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। रेत माफिया रेत राजस्थान की ओर से प्रदेश में चोर रास्तों से प्रवेश कर लाते हैं। साथ ही लक्जरी गाडिय़ों से पायलेटिंग कर माफिया नियमित स्थानों तक पहुंचाते हैं। अवैध रेत डंपर मालिक राजस्थान के कनेरा-मैलाना के रास्ते से होते हुए घाटे से मप्र के मेंढकी, उम्मेदपुरा, तारापुर होते हुए जावद पहुंचते हैं, जो अठाना दरवाजा से खोर दरवाजा, पेट्रोल पंप, बस स्टैंड व अठाना दरवाजा से बावल दरवाजा, रामपुरा, दरवाजा, गांधी चौराहे होते हुए थाने के सामने से होते हुए नीमच जाते हैं। जिले में रेत के परिवहन पर प्रतिबंध लगा हुआ है। रेत के अवैध परिवहन पर खानापूर्ति के लिए खनिज विभाग द्वारा समय-समय पर कार्रवाई भी की जाती है।
चोर रास्तों का करते है उपयोग
जिले की सीमाएं राजस्थान के जिलों से लगी हुई है। मप्र से राजस्थान और राजस्थान से मप्र में प्रवेश करने के लिए वाहन चालकों को सीमा स्थित परिवहन विभाग की चेक पोस्ट बैरियर पर दस्तावेज और अन्य तरह की जांच से गुजरना पड़ता है। राज्य में प्रवेश के लिए कर भी चुकाना पड़ता है। यही कारण है कि भारी ओवरलोड वाहन चालक एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवेश के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के चोर रास्तों का उपयोग करते हैं। इनका वाहन चालक दिन और रात धड़ल्ले से बेरोकटोक गुजर रहे हैं। रोजज दस से ज्यादा डंपर निकलते हैं। गांवों के रोड की क्षमता बहुत कम है। ऐसे में 20-30 टनों के वजनी डंपर निकल रहे हैं। इससे सड़क भी क्षतिग्रस्त हो रही है।
लगातार कार्रवाई जारी है
अवैध रेत परिवहन पर खनिज विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है। कलेक्टर मयंक अग्रवाल के सख्त निर्देश हैं। अब इन चोर रास्तों पर भी रेंडमली जांच कर लगातार कार्रवाई की जाएगी। विभाग के पास बल की कमी है, इसलिए नियमित सभी रूटों पर जांच संभव नहीं है।
देविका परमार, खनिज अधिकारी नीमच।