सामाजिक संगठन भी आए सहयोग में आगे
रामपुरा में स्थिति सामान्य होने में कुछ दिन लगेंगे। जिन क्षेत्रों में पानी उतरने लगा है वहां लोग घरों की ओर लौटने लगे हैं, लेकिन कीचड़, बदबू और गंदगी की वजह से परेशानी काफी बढ़ गई है। इसके चलते महामारी फैलने की आशंका भी बढ़ी है। लोगों के स्वास्थ्य को देखते हुए तीन चिकित्सकों और नर्सिंग स्टॉफ की रामपुरा में व्यवस्था कराई गई है। पोरवाल धर्मशाला, जैन धर्मशाला और लालबाग क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। सामाजिक संगठनों की ओर से भी नि:शुल्क दवाइयों की व्यवस्था कराई गई है। रामपुरा में तीन दिन से बिजली बंद होने की वजह से राहत शिविरों में जनरेटर की मदद से व्यवस्था कराई गई है। लोगों के लिए शुद्ध पेयजल नीमच से मंगवाया जा रहा है। पानी की बोतल, पाऊच, केन आदि की व्यवस्था नीमच से की जा रही है। सामाजिक संगठनों की ओर से भी भोजन आदि की व्यवस्था की गई है। प्रशासन की ओर से चेनामाता धर्मशाला में भोजन बनवाया जा रहा है। यहां से भोजन के पैकेट तैयार कर राहत शिविरों तक पहुंचाए जा रहे हैं। सामाजिक संगठनों की ओर से उपलब्ध कराई गई सामग्री का वितरण भी किया गया। 500 नई साडिय़ां, बच्चों के नए कपड़े, 25 से अधिक कम्बल जरूरतमंदों को बांटे गए हैं।
रामपुरा में स्थिति सामान्य होने में कुछ दिन लगेंगे। जिन क्षेत्रों में पानी उतरने लगा है वहां लोग घरों की ओर लौटने लगे हैं, लेकिन कीचड़, बदबू और गंदगी की वजह से परेशानी काफी बढ़ गई है। इसके चलते महामारी फैलने की आशंका भी बढ़ी है। लोगों के स्वास्थ्य को देखते हुए तीन चिकित्सकों और नर्सिंग स्टॉफ की रामपुरा में व्यवस्था कराई गई है। पोरवाल धर्मशाला, जैन धर्मशाला और लालबाग क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। सामाजिक संगठनों की ओर से भी नि:शुल्क दवाइयों की व्यवस्था कराई गई है। रामपुरा में तीन दिन से बिजली बंद होने की वजह से राहत शिविरों में जनरेटर की मदद से व्यवस्था कराई गई है। लोगों के लिए शुद्ध पेयजल नीमच से मंगवाया जा रहा है। पानी की बोतल, पाऊच, केन आदि की व्यवस्था नीमच से की जा रही है। सामाजिक संगठनों की ओर से भी भोजन आदि की व्यवस्था की गई है। प्रशासन की ओर से चेनामाता धर्मशाला में भोजन बनवाया जा रहा है। यहां से भोजन के पैकेट तैयार कर राहत शिविरों तक पहुंचाए जा रहे हैं। सामाजिक संगठनों की ओर से उपलब्ध कराई गई सामग्री का वितरण भी किया गया। 500 नई साडिय़ां, बच्चों के नए कपड़े, 25 से अधिक कम्बल जरूरतमंदों को बांटे गए हैं।
गांवों के राहत शिविर में पहुंचा रहे भोजन
बाढ़ का पानी कम होने के बाद गांवों में भी लोगों ने राहत की सांस ली है। गांधीसागर बांध का पानी बढऩे से डूब क्षेत्र के करीब 10 गांवों में पानी भर गया था। यहां ऊंचे स्थानों पर राहत शिविर लगाए गए थे। इन शिविरों की जिम्मेदारी पटवारी, पंचायत सचिव और आरआई को सौंपी गई है। जहां तक वाहन से भोजन व अन्य सामग्री पहुंचाई जा सकती है भेजी जा रही है। इसके बाद नाव की मदद से राहत सामग्री गांव के शिविरों तक पहुंचा रहे हैं। गांवों में स्कूल, पंचायत भवन आदि स्थानों पर राहत शिविर लगाए गए हैं। लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसका विशेष रूप से अधिकारी ध्यान रख रहे हैं।
अप्रिय स्थिति निर्मित न हो इसलिए है लाइट बंद
रामपुरा में बिजली बंद है। दुकानों और मकानों में पानी भरा है। ऐसे में बिजली चालू करने से अनहोनी हो सकती है। कल तक पानी उतरने की संभावना है। इसके बाद हालात का जायजा लिया जाएगा। सामान्य स्थिति होने पर बिजली चालू कर दी जाएगी। नगरीय निकाय और करीब 10 गांव की करीब 45 से 50 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। रात को हर स्थिति पर नजर रखने के लिए तहसीलदार और एसडीएम रामपुरा में रुक रहे हैं।
– एस कुमार, परियोजना अधिकारी
बाढ़ का पानी कम होने के बाद गांवों में भी लोगों ने राहत की सांस ली है। गांधीसागर बांध का पानी बढऩे से डूब क्षेत्र के करीब 10 गांवों में पानी भर गया था। यहां ऊंचे स्थानों पर राहत शिविर लगाए गए थे। इन शिविरों की जिम्मेदारी पटवारी, पंचायत सचिव और आरआई को सौंपी गई है। जहां तक वाहन से भोजन व अन्य सामग्री पहुंचाई जा सकती है भेजी जा रही है। इसके बाद नाव की मदद से राहत सामग्री गांव के शिविरों तक पहुंचा रहे हैं। गांवों में स्कूल, पंचायत भवन आदि स्थानों पर राहत शिविर लगाए गए हैं। लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसका विशेष रूप से अधिकारी ध्यान रख रहे हैं।
अप्रिय स्थिति निर्मित न हो इसलिए है लाइट बंद
रामपुरा में बिजली बंद है। दुकानों और मकानों में पानी भरा है। ऐसे में बिजली चालू करने से अनहोनी हो सकती है। कल तक पानी उतरने की संभावना है। इसके बाद हालात का जायजा लिया जाएगा। सामान्य स्थिति होने पर बिजली चालू कर दी जाएगी। नगरीय निकाय और करीब 10 गांव की करीब 45 से 50 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। रात को हर स्थिति पर नजर रखने के लिए तहसीलदार और एसडीएम रामपुरा में रुक रहे हैं।
– एस कुमार, परियोजना अधिकारी