धर्मशाला खाली करने का सुनाया फरमान
यह कहना था कि प्रहलाद पिता घासीलाल रायकुंवर (53) का। वे उन ११ परिवारों में शामिल हैं जो 14 सितंबर को रिंगवाल टूटने से रामपुरा में बने बाढ़ जैसे हालातों से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। बकौल प्रहलाद एक महीना होने को है अब तक राहत राशि के नाम पर एक रुपया भी नहीं मिला। पिछले दिनों सीएमओ आए थे कहने लगे यह धर्मशाला भी खाली करना पड़ेगी। आप लोग मंगल भवन में आकर रहे। वहां कैसे रह सकते हैं। पानी भरने के बाद वहां रहने लायक स्थिति ही नहीं है। अग्रवाल धर्मशाला में रह रहे परिवारों के सिर से आसरा छिन गया है। मकान पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। जब तक नए सिरे से मकान नहीं बनते वहां रहना मुश्किल है। प्रशासन को हमारी मदद करना चाहिए न कि इस तरह एक धर्मशाला से दूसरी धर्मशाला भगाते रहना चाहिए। जिस प्रकार अन्य लोगों को एक-एक लाख रुपए मिल हैं। हमें भी राहत राशि तुरंत दी जानी चाहिए।
यह कहना था कि प्रहलाद पिता घासीलाल रायकुंवर (53) का। वे उन ११ परिवारों में शामिल हैं जो 14 सितंबर को रिंगवाल टूटने से रामपुरा में बने बाढ़ जैसे हालातों से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। बकौल प्रहलाद एक महीना होने को है अब तक राहत राशि के नाम पर एक रुपया भी नहीं मिला। पिछले दिनों सीएमओ आए थे कहने लगे यह धर्मशाला भी खाली करना पड़ेगी। आप लोग मंगल भवन में आकर रहे। वहां कैसे रह सकते हैं। पानी भरने के बाद वहां रहने लायक स्थिति ही नहीं है। अग्रवाल धर्मशाला में रह रहे परिवारों के सिर से आसरा छिन गया है। मकान पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। जब तक नए सिरे से मकान नहीं बनते वहां रहना मुश्किल है। प्रशासन को हमारी मदद करना चाहिए न कि इस तरह एक धर्मशाला से दूसरी धर्मशाला भगाते रहना चाहिए। जिस प्रकार अन्य लोगों को एक-एक लाख रुपए मिल हैं। हमें भी राहत राशि तुरंत दी जानी चाहिए।
प्रभावितों को सर्वे होने पर भी नहीं मिली राहत
रामपुरा शहर में करीब एक हजार से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं। जल्दबाजी में बांटी गई मुआवजा राशि में फर्जीवाड़ा भी सामने आ चुका है। प्रशासनिक अधिकारी अब तक कहते आ रहे थे कि प्रभावितों ने बैंक खाता नंबर नहीं दिए। पटवारियों की हड़ताल की आड़ में कहा जाता रहा कि सर्वे नहीं हो पा रहा है। अब प्रभावितों ने स्वयं सच्चाई सामने रख दी है। उनका स्पष्ट कहना है कि सर्वे तो कब का हो चुका। मकान के सामने खड़ा करके फोटो भी खींच ले गए थे। बैंक खाता नंबर भी दे दिया है। अब ऐसी कोई वजह नहीं बनती कि राहत राशि खाते में नहीं डाली जा सके। जिन लोगों का जरा भी नुकसान नहीं हुआ वे एक-एक लाख रुपए लेकर बैठे हैं। हमारा तो सबकुछ लुट गया। हमें एक रुपया तक नहीं मिला।
रामपुरा शहर में करीब एक हजार से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं। जल्दबाजी में बांटी गई मुआवजा राशि में फर्जीवाड़ा भी सामने आ चुका है। प्रशासनिक अधिकारी अब तक कहते आ रहे थे कि प्रभावितों ने बैंक खाता नंबर नहीं दिए। पटवारियों की हड़ताल की आड़ में कहा जाता रहा कि सर्वे नहीं हो पा रहा है। अब प्रभावितों ने स्वयं सच्चाई सामने रख दी है। उनका स्पष्ट कहना है कि सर्वे तो कब का हो चुका। मकान के सामने खड़ा करके फोटो भी खींच ले गए थे। बैंक खाता नंबर भी दे दिया है। अब ऐसी कोई वजह नहीं बनती कि राहत राशि खाते में नहीं डाली जा सके। जिन लोगों का जरा भी नुकसान नहीं हुआ वे एक-एक लाख रुपए लेकर बैठे हैं। हमारा तो सबकुछ लुट गया। हमें एक रुपया तक नहीं मिला।
गांव की दौड़ लगाने लगे हैं पटवारी
दूसरी ओर पटवारियों की हड़ताल समाप्त होने के बाद फसलों को हुए नुकसान का सर्वे करने के लिए पटवारी गांवों में पहुंचने लगे हैं। अब सच्चाई क्या है यह तो पता नहीं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी कह रहे हैं कि जल्द से जल्द किसानों के खातों में मुआवजा राशि डाली जाएगी। तहसीलदार तो यहां तक कह रहे हैं कि एक-दो दिन में एक से दो करोड़ रुपया जारी कर दिया जाएगा। फसल नुकसानी का मुआवजा देने के लिए किसानों से बैंक खाता नंबर जुटाए जा रहे हैं।
दूसरी ओर पटवारियों की हड़ताल समाप्त होने के बाद फसलों को हुए नुकसान का सर्वे करने के लिए पटवारी गांवों में पहुंचने लगे हैं। अब सच्चाई क्या है यह तो पता नहीं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी कह रहे हैं कि जल्द से जल्द किसानों के खातों में मुआवजा राशि डाली जाएगी। तहसीलदार तो यहां तक कह रहे हैं कि एक-दो दिन में एक से दो करोड़ रुपया जारी कर दिया जाएगा। फसल नुकसानी का मुआवजा देने के लिए किसानों से बैंक खाता नंबर जुटाए जा रहे हैं।
75 मकान और 65 दुकानों के खाते किए अपडेट
रामपुरा पटवारी रामदयाल शर्मा ने बताया कि बुधवार को शहर में सर्वे को प्रारंभ नहीं हुआ, लेकिन पुराना रिकार्ड हमारे पास उपलब्ध था उसे अपडेट कर दिया है। हड़ताल की वजह से अपडेट नहीं कर पाए थे। बुधवार को 75 मकानों को हुए नुकसान के खातों को अपडेट कर दिया गया है। इसी प्रकार 65 दुकानों के खाते भी अपडेट कर दिए गए हैं। रामपुरा में अब तक 493 दुकानों के खाते अपडेट किए जा चुके हैं। इनमें से 416 दुकानदारों के खातों में राशि भी पहुंच चुकी है। मकानों का सर्वे कुछ बाकी है। अलग अलग मोहल्लों में सर्वे होना है। इस लिए पूरे आंकड़े तो उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन दो-तीन दिन में सभी प्रभावितों के खातों में मुआवजा राशि पहुंच जाए इसका पूरा प्रयास किया जा रहा है।
फसलों को हुए नुकसान का सर्वे प्रारंभ
सर्वे का कार्य प्रारंभ हो चुका है। फसलों को हुए नुकसान के लिए पटवारी सर्वे करने पहुंचने लगे हैं। प्रभावितों से खाता नंबर जुटाए जा रहे हैं ताकि मुआवजा राशि उनके खातों में सीधे डाली जा सके। कहीं 50 तो कहीं 60 प्रतिशत तक सर्वे कार्य बाकी है। कार्य में तेजी लाई जा रही है। रामपुरा शहर में भी सर्वे कार्य किया जा रहा है। मकान, दुकान आदि का सर्वे किया जा रहा है। रामपुरा में प्रभावित हुए लोगों के खातों में जल्द राशि डलवा दी जाएगी।
– सुधाकरप्रसाद तिवारी, तहसीलदार रामपुरा
रामपुरा पटवारी रामदयाल शर्मा ने बताया कि बुधवार को शहर में सर्वे को प्रारंभ नहीं हुआ, लेकिन पुराना रिकार्ड हमारे पास उपलब्ध था उसे अपडेट कर दिया है। हड़ताल की वजह से अपडेट नहीं कर पाए थे। बुधवार को 75 मकानों को हुए नुकसान के खातों को अपडेट कर दिया गया है। इसी प्रकार 65 दुकानों के खाते भी अपडेट कर दिए गए हैं। रामपुरा में अब तक 493 दुकानों के खाते अपडेट किए जा चुके हैं। इनमें से 416 दुकानदारों के खातों में राशि भी पहुंच चुकी है। मकानों का सर्वे कुछ बाकी है। अलग अलग मोहल्लों में सर्वे होना है। इस लिए पूरे आंकड़े तो उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन दो-तीन दिन में सभी प्रभावितों के खातों में मुआवजा राशि पहुंच जाए इसका पूरा प्रयास किया जा रहा है।
फसलों को हुए नुकसान का सर्वे प्रारंभ
सर्वे का कार्य प्रारंभ हो चुका है। फसलों को हुए नुकसान के लिए पटवारी सर्वे करने पहुंचने लगे हैं। प्रभावितों से खाता नंबर जुटाए जा रहे हैं ताकि मुआवजा राशि उनके खातों में सीधे डाली जा सके। कहीं 50 तो कहीं 60 प्रतिशत तक सर्वे कार्य बाकी है। कार्य में तेजी लाई जा रही है। रामपुरा शहर में भी सर्वे कार्य किया जा रहा है। मकान, दुकान आदि का सर्वे किया जा रहा है। रामपुरा में प्रभावित हुए लोगों के खातों में जल्द राशि डलवा दी जाएगी।
– सुधाकरप्रसाद तिवारी, तहसीलदार रामपुरा