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समाजसेवी ने करोड़ों की जमीन पर यह क्या बनाया जो देगा ऑक्सीजन

समाजसेवी ने करोड़ों की जमीन पर यह क्या बनाया जो देगा ऑक्सीजन

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समाजसेवी ने करोड़ों की जमीन पर यह क्या बनाया जो देगा ऑक्सीजन

नीमच. जहां आज के समय में लोग अपनी एक ईंच जमीन भी बेकार नहीं जाने देते हैं वहीं मनासा में एक समाजसेवी ने करोड़ों की जमीन पर गार्डन बना दिया है। जो निश्चित ही मनासा के रहवासियों के लिए आनंद का वातावरण मुहैया कराने के साथ ही लोगों को प्रदूषण मुक्त जीवन के साथ लाखों रुपए की ऑक्सीजन देगा।


विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जहां एक ओर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने आगे आकर पौधे लगाने का संकल्प लिया है। वहीं दूसरी ओर नपा ने मनासा नगर के एक मात्र पिकनीक स्पॉट वृन्दावन गार्डन की सुध नहीं ली। जिसके चलते गार्डन उजाड़ हो गया। वहीं नगर के समाजसेवी ने अपनी करोडों की जमीन पर गार्डन का निर्माण कर एक मिशाल पेश की। ताकि लोग यहां ठहरकर कुछ पल सुकून के बिता सके।


मनासा नगर के भाटखेड़ी बायपास रोड पर नगर के समाज सेवी राजेंद्र पिता महेंद्र कुमार चोखड़ा ने अपनी बेश किमती जमीन 10 हजार स्कवायर फीट पर गार्डन का निर्माण करवाया। गार्डन में 40 से अधिक प्रजाति के पौधे लगाए। राजेंद्रकुमार चोखड़ा ने बताया कि वर्तमान में लोग इस भागदौड़ भरी जिंदगी से अलग शांति से सुकून के पल बिताने चाहते हैं। ताकि मानसिक थकान को दूर किया जा सके। वर्तमान में गार्डन में पौधे छोटे है जिसको पूरी तरह तैयार किया जा रहा हैं। पूर्ण रूप से तैयार होने के बाद इसे आम नागरिकों के लिए खोल दिया जाएगा। ताकि लोग यहा ठहरकर कुछ पल शांति के बीता सके।


नपा ने नहीं ली वृंदावन गार्डन की सुध
जहां एक ओर पूरा विश्व पर्यावरण दिवस मना रहा हैं। वही दूसरी ओर मनासा की जनता को पूर्ण रूप से हरियाली एवं गार्डन जैसी सुविधा उपलब्ध नहीं हो रही हैं। नगर का एक मात्र वृन्दावन गार्डन कई वर्षो से उजाड़ पड़ा है जो पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। जिसकी सुध आज दिन तक नपा ने नहीं ली। शहर की जनता पर्यावरण को लेकर काफी निराश हैं।


कभी लगता था मेला आज पड़ा है वीरान
मनासा के बायपास अल्हेड़ रोड स्थित छोटी टंकी जहां कभी मेला लगता था। मनासावासी बड़ी संख्या में मेला देखने पंहुचते थे। साथ ही बच्चे पिकनीक मनाने जाया करते थे। लेकिन आज छोटी टंकी का ऐरिया पूरी तरह वीरान पड़ा है। हरे भरे पेड़ पौधों से आच्छादित छोटी टंकी का ऐरिया पूरी तरह वीरान हो गया। जिसकी तरफ आज दिन तक समाजसेवियों, पर्यावरण मित्र संस्था के सदस्यों एवं नपा का कोई ध्यान नहीं गया।
मनासा के मुख्य चौराहे हुए वीरान
कुछ वर्षों पूर्व मनासा शहर के चौराहे हरियाली से भरे पड़े रहते थे। लेकिन वर्तमान में शहर का एक भी चोराहा ऐसा नहीं है जहा पर लोगों को हरियाली नजर आए।