scriptसरकार का कार्यकाल समाप्त पर छात्रावास का नहीं हुआ जीर्णोद्धार | Government term ends on No restoration of the neemuch hostel | Patrika News

सरकार का कार्यकाल समाप्त पर छात्रावास का नहीं हुआ जीर्णोद्धार

locationनीमचPublished: Nov 11, 2018 12:30:14 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

सरकार का कार्यकाल समाप्त पर छात्रावास का नहीं हुआ जीर्णोद्धार

patrika

सरकार का कार्यकाल समाप्त पर छात्रावास का नहीं हुआ जीर्णोद्धार

वीरेंद्र सिंह राठौड़

नीमच। शहर में नीमच सिटी रोड पर स्थित शासकीय विमुक्त जाति प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास की हालत किसी खंडर से कम नहीं है। सरकार को पांच साल में पांच बार निर्माण कार्य के लिए एस्टीमेट बनाकर भेजा गया। लेकिन इस छात्रावास का बजट के अभाव में जीर्णोद्धार नहीं हुआ। छात्रावास में करीब 40 छात्र रहते है। जिन्हें इस खंडरनुुमा होस्टल में परिंदो की तरह जीवनयापन कर अपनी पढ़ाई को पूरा करना पढ़ रहा है। डिजीटल और तकनीकी सम्पन्न देश बनाने की बात करने वाली सरकार यहां छात्रों की मूलभूत जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रही है और देश को डिजीटल इंडिया बनाने की बात कही जा रही है।

 

patrika

पत्रिका टीम ने छात्रावास में जाकर देखा तो हॉस्टल के कक्ष के दरवाजे टूटे हुए थे, कक्ष की दीवारों पर दरार थी। यहां की चारदीवारी भी जगह-जगह से टूटी है। इमारत पुरानी होने से दीवारों का पलस्तर भी झडऩे लगा है। बारिश के दिनों में तो छात्रों के लिए बड़ी मुसीबत बन जाती है। जब रात को सोते समय अचानक छत से पानी टपकने लगता है। यह हालत शहर के मध्य स्थित प्री-मेट्रिक हॉस्टल की है। हॉस्टल में रहने वाले छात्र संघ उपाध्यक्ष मुकेश चावड़ा ने बताया कि यहां पर रहने वाले अधिकांश ग्रामीण प्रवेश के दूर-दराज के बच्चे है। उनके पास इतना पैसा नहीं है कि शहर में कमरा किराए से लेकर रहकर पढ़ाई कर सके। इसीलिए मजबूरन उन्हें इसी हालत में जैसे-तैसे समझौता कर रहना पड़ता है। यह बात जरूर है कि यहां पर समय पर नाश्ता और चाय के बाद भोजन मिल जाता है। कई बार वार्डन को शिकायत की है कि दिवार का पलस्तर गिरता है और बारिश में पानी टपकता है, वह कहते है कि काम कराएंगे। लेकिन अभी तक तीन साल में कोई काम होते नहीं दिखा है।

एस्टीमेट बनाकर भेजा है, बजट मिलने पर होगा काम

सालभर हो गया हॉस्टल की मरम्मत के लिए एस्टीमेट बनाकर भेजा गया है। लेकिन अभी तक बजट के लिए स्वीकृति नहीं मिलने के चलते काम शुरू नहीं हुआ। एस्टीमेट करीब पांच लाख का है। जिसमें बाउंड्री वाल, फर्श, सीसीरोड, छत की रिपेयरिंग का कार्य होना है। हॉस्टल में फिलहाल चालीस बच्चे है।

– जगदीश कोड़ावत, अधीक्षक, शासकीय विमुक्त जाति प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास नीमच ।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो