कक्षा छह से 10 के विद्यार्थियों ने दिए आइडिया
जिला अतिरिक्त परियोजना समन्वयक प्रलय उपाध्याय ने बताया कि इन्सपायर अवार्ड मानक योजना 2019-20 के लिए विद्यार्थियों के नवाचारी आइडिया/मौलिक विचार ऑनलाइन भारत सरकार के वेबपोर्टल पर मंगवाए गए थे। 31 जुलाई तक अंतिम तारीख निर्धारित की गई थी। प्रदेश के सभी जिलों से कक्षा 6ठीं से 10वीं तक के विद्यार्थियों से आइडिया मांगे गए थे। नीमच जिले से एक हजार 47 बच्चों ने आइडिया भेजे हैं। इतनी अधिक संख्या में आइडिया सामने आने में सभी स्कूलों के विज्ञान शिक्षकों की अहम भूमिका रही है। पहले चरण मे जिले में ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण दिया गया। इसमें सभी संकुलों के विज्ञान शिक्षक शामिल हुए थे। प्रत्येक संकुल से 3-3 विज्ञान शिक्षक प्रशिक्षण में शामिल हुए थे। बाद में इन शिक्षकों ने संकुल के अंतर्गत आने वाले सभी स्कूलों के विज्ञान शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया था। इस प्रशिक्षण का ही परिणाम निकला कि जिले से इतनी बड़ी संख्या में आइडिया वेबपोर्टल पर अपलोड किए गए। इससे बदौलत नीमच जिले प्रदेश में प्रथम पायदान पर पहुंचा। जिले में 200 निजी मिडिल स्कूल, 82 हाई स्कूल और 373 शासकीय मिडिल और 118 हाई स्कूल है। एक दिवसीय प्रशिक्षण की बदौलत बच्चों ने बेहतरीन परिणाम दिए हैं। प्रदेश के अन्य जिलों में स्कूलों की संख्या अधिक होने के बाद भी कम आइडिया अपलोड होने पर लोक शिक्षण आयुक्त ने इसे निराशाजनक बताया है। आयुक्त ने निराशाजनक परिणाम आने पर अंतिम तारीख 30 अगस्त तब बढ़ा दी है। इस बार जिले के प्रत्येक स्कूल से दो-दो आइडिया अनिवार्य रूप से अपलोड किए जाने की चेतावनी दी है। ऐसा नहीं होने पर इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारियों और नोडल अधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा।
आयुक्त ने की तारीफ
इन्सपायर अवार्ड मानक योजना के तहत नीमच जिले से सबसे अधिक आइडिया भारत सरकार के वेबपोर्टल पर अपलोड होने के बाद आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल जयश्री कियावत ने तारीफ की है। विज्ञान शिक्षकों को दिए प्रशिक्षण की वजह से ही प्रदेश में नीमच जिले ने सबसे बेहतर परिणाम दिए हैं।
– प्रलय उपाध्याय, जिला अतिरिक्त परियोजना समन्वयक
जिला अतिरिक्त परियोजना समन्वयक प्रलय उपाध्याय ने बताया कि इन्सपायर अवार्ड मानक योजना 2019-20 के लिए विद्यार्थियों के नवाचारी आइडिया/मौलिक विचार ऑनलाइन भारत सरकार के वेबपोर्टल पर मंगवाए गए थे। 31 जुलाई तक अंतिम तारीख निर्धारित की गई थी। प्रदेश के सभी जिलों से कक्षा 6ठीं से 10वीं तक के विद्यार्थियों से आइडिया मांगे गए थे। नीमच जिले से एक हजार 47 बच्चों ने आइडिया भेजे हैं। इतनी अधिक संख्या में आइडिया सामने आने में सभी स्कूलों के विज्ञान शिक्षकों की अहम भूमिका रही है। पहले चरण मे जिले में ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण दिया गया। इसमें सभी संकुलों के विज्ञान शिक्षक शामिल हुए थे। प्रत्येक संकुल से 3-3 विज्ञान शिक्षक प्रशिक्षण में शामिल हुए थे। बाद में इन शिक्षकों ने संकुल के अंतर्गत आने वाले सभी स्कूलों के विज्ञान शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया था। इस प्रशिक्षण का ही परिणाम निकला कि जिले से इतनी बड़ी संख्या में आइडिया वेबपोर्टल पर अपलोड किए गए। इससे बदौलत नीमच जिले प्रदेश में प्रथम पायदान पर पहुंचा। जिले में 200 निजी मिडिल स्कूल, 82 हाई स्कूल और 373 शासकीय मिडिल और 118 हाई स्कूल है। एक दिवसीय प्रशिक्षण की बदौलत बच्चों ने बेहतरीन परिणाम दिए हैं। प्रदेश के अन्य जिलों में स्कूलों की संख्या अधिक होने के बाद भी कम आइडिया अपलोड होने पर लोक शिक्षण आयुक्त ने इसे निराशाजनक बताया है। आयुक्त ने निराशाजनक परिणाम आने पर अंतिम तारीख 30 अगस्त तब बढ़ा दी है। इस बार जिले के प्रत्येक स्कूल से दो-दो आइडिया अनिवार्य रूप से अपलोड किए जाने की चेतावनी दी है। ऐसा नहीं होने पर इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारियों और नोडल अधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा।
आयुक्त ने की तारीफ
इन्सपायर अवार्ड मानक योजना के तहत नीमच जिले से सबसे अधिक आइडिया भारत सरकार के वेबपोर्टल पर अपलोड होने के बाद आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल जयश्री कियावत ने तारीफ की है। विज्ञान शिक्षकों को दिए प्रशिक्षण की वजह से ही प्रदेश में नीमच जिले ने सबसे बेहतर परिणाम दिए हैं।
– प्रलय उपाध्याय, जिला अतिरिक्त परियोजना समन्वयक