यमराज की मंशा पर पति ने फेरा पानी
जिला मुख्यालय से लगे ग्राम बाग पिपलिया निवासी प्रसूता को शनिवार देर शाम जननी एक्सप्रेस संचालक जिला अस्पताल लेकर आ रहा था। प्रसूता मैना पति शाहिल (22) डिलेवरी जननी एक्सप्रेस में सवार थी। साथ में उसकी मां शरीफन बी पति छोटे खां (40) और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता साधना पति रामप्रसाद (38) भी थे। इस बीच महू रोड पर रात करीब 10.30 बजे अचानक जननी एक्सप्रेस पहले खंभे से टकराई और इसके बाद पास ही खड़े ट्रक से। हादसे में चालक श्याम पिता हीरालाल (32) निवासी ग्राम अल्हेड़ रूप से घायल हो गया। गनीमत रही कि हादसे के समय जननी एक्सप्रेस के साथ ही मैना का पति शाहिल बाइक पर चल रहा था। हादसे के बाद उसने लोगों की मदद से सभी घायलों को तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया। जिला अस्पताल में जैसे ही सभी घायलों को लेकर पहुंच पता चला कि चालक नशे में था। जननी एक्सप्रेस की टीम भी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गई थी।
जिला मुख्यालय से लगे ग्राम बाग पिपलिया निवासी प्रसूता को शनिवार देर शाम जननी एक्सप्रेस संचालक जिला अस्पताल लेकर आ रहा था। प्रसूता मैना पति शाहिल (22) डिलेवरी जननी एक्सप्रेस में सवार थी। साथ में उसकी मां शरीफन बी पति छोटे खां (40) और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता साधना पति रामप्रसाद (38) भी थे। इस बीच महू रोड पर रात करीब 10.30 बजे अचानक जननी एक्सप्रेस पहले खंभे से टकराई और इसके बाद पास ही खड़े ट्रक से। हादसे में चालक श्याम पिता हीरालाल (32) निवासी ग्राम अल्हेड़ रूप से घायल हो गया। गनीमत रही कि हादसे के समय जननी एक्सप्रेस के साथ ही मैना का पति शाहिल बाइक पर चल रहा था। हादसे के बाद उसने लोगों की मदद से सभी घायलों को तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया। जिला अस्पताल में जैसे ही सभी घायलों को लेकर पहुंच पता चला कि चालक नशे में था। जननी एक्सप्रेस की टीम भी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गई थी।
यमराज से मिलाने की चालक ने कर दी थी पूरी व्यवस्था
इस घटना में एक चौकाने वाली बात यह सामने आई कि जननी एक्सप्रेस के चालक का मेडिकल कराए बिना उसे उदयपुर रैफर कर दिया गया। चालक के बारे में पुलिस तक को केाई सूचना नहीं दी गई। चालक को आनन फानन में उदयपुर रैफर कर दिया था। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। शरीफन बी के सिर, हाथ-पैर में चोट आई है। वहीं मैना के नाक, सिर और पैर में चोट आई है। हन्फिया मुस्लिम एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष मजहर भाई ने बताया कि जननी एक्सप्रेस के घायलों को जब अस्पताल लाया गया था तब मैं वहीं था। उस समय चालक काफी नशे में था। चालक के साथी कह रहे थे कि श्याम पूर्व में कई बार खंभों से टकरा चुका है। उसे तुरंत उदयपुर रैफर कर दिया गया। यदि गर्भवती महिला का पति साथ नहीं चल रहा होता तो जनहानी हो सकती थी। मजहर ने बताया कि इस तरह के हादसों पर रोक लगना चाहिए। पुलिस को सूचित नहीं करके भी बड़ी गलती की गई। हादसों में सूचना मिलने पर आधे घंटे में पुलिस पहुंच जाती है। लेकिन इस प्रकरण में पुलिस को सूचित नहीं किया। यदि पुलिस मौके पर पहुंचती तो चालक की मेडिकल जांच हो जाती। अस्पताल में स्थित पुलिस चौकी पर तैनात प्रधानआरक्षक सत्यनारायण ने बताया कि हादसे की जानकारी तो मिली थी, लेकिन किसी के बयान दर्ज नहीं किए गए। बाद में बयान देने की बात कही थी। चालक नशे में था या नहीं इसकी भी मुझे जानकारी नहीं है। हादसे की कोई लिखा पढ़ी नहीं हुई है।
इस घटना में एक चौकाने वाली बात यह सामने आई कि जननी एक्सप्रेस के चालक का मेडिकल कराए बिना उसे उदयपुर रैफर कर दिया गया। चालक के बारे में पुलिस तक को केाई सूचना नहीं दी गई। चालक को आनन फानन में उदयपुर रैफर कर दिया था। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। शरीफन बी के सिर, हाथ-पैर में चोट आई है। वहीं मैना के नाक, सिर और पैर में चोट आई है। हन्फिया मुस्लिम एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष मजहर भाई ने बताया कि जननी एक्सप्रेस के घायलों को जब अस्पताल लाया गया था तब मैं वहीं था। उस समय चालक काफी नशे में था। चालक के साथी कह रहे थे कि श्याम पूर्व में कई बार खंभों से टकरा चुका है। उसे तुरंत उदयपुर रैफर कर दिया गया। यदि गर्भवती महिला का पति साथ नहीं चल रहा होता तो जनहानी हो सकती थी। मजहर ने बताया कि इस तरह के हादसों पर रोक लगना चाहिए। पुलिस को सूचित नहीं करके भी बड़ी गलती की गई। हादसों में सूचना मिलने पर आधे घंटे में पुलिस पहुंच जाती है। लेकिन इस प्रकरण में पुलिस को सूचित नहीं किया। यदि पुलिस मौके पर पहुंचती तो चालक की मेडिकल जांच हो जाती। अस्पताल में स्थित पुलिस चौकी पर तैनात प्रधानआरक्षक सत्यनारायण ने बताया कि हादसे की जानकारी तो मिली थी, लेकिन किसी के बयान दर्ज नहीं किए गए। बाद में बयान देने की बात कही थी। चालक नशे में था या नहीं इसकी भी मुझे जानकारी नहीं है। हादसे की कोई लिखा पढ़ी नहीं हुई है।
लिखेंगे पत्र
यदि चालक की मेडिकल जांच नहीं की गई है तो इस बारे में अस्पताल के अधिकारियों को पत्र लिखेंगे। किसी भी हादसे में तुरंत पुलिस को सूचना दी जानी चाहिए। साथ ही सभी का मेडिकल भी होना चाहिए। चालक नशे में था या नहीं इसकी पुष्टि तो मेडिकल से ही हो सकती है।
– तुषारकांत विद्यार्थी, पुलिस अधीक्षक
यदि चालक की मेडिकल जांच नहीं की गई है तो इस बारे में अस्पताल के अधिकारियों को पत्र लिखेंगे। किसी भी हादसे में तुरंत पुलिस को सूचना दी जानी चाहिए। साथ ही सभी का मेडिकल भी होना चाहिए। चालक नशे में था या नहीं इसकी पुष्टि तो मेडिकल से ही हो सकती है।
– तुषारकांत विद्यार्थी, पुलिस अधीक्षक