तैराकी में देश-प्रदेश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके सिद्धांतसिंह जादौन कभी पानी में उतरने से डरते थे, है न चौकाने वाली बात, लेकिन यह सच है। पुलिस विभाग में पदस्थ एएसआई गोपालसिंह और माता संगीता जादौन के छोटे बेटे सिद्धांत 6 साल की उम्र में स्वीमिंग पूल में बड़े भाई समीर के साथ जाते थे। तब कोच भारतसिंह भारद्वाज से उनकी मुलाकात हुई। सिद्धांत था कि पानी में उतरने का नाम ही नहीं लेता था। डर के मारे दूर भाग जाता था या रोने लगता था।
बाद में पिता गोपाल और भाई के प्रेरित करने पर अन्य बच्चों को देख सिद्धांत ने पानी में उतरने की हिम्मत दिखाई। कुछ महीनों बाद कोच और मेंटर प्रभु मूलचंदानी के मार्गदर्शन में प्रोफेशनल ट्रेनिंग लेना शुरू किया और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। मात्र 8 साल की उम्र में इंदौर में अंडर 8 तैराकी प्रतियोगिता में अपना पहला पदक हासिल किया।
सिद्धांत सभी फार्मेट में राष्ट्रीय स्तर पर पदक अपने नाम कर चुका है। सिद्धांत के राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अबतक 20 से अधिक पदक हासिल कर सिद्धांत नीमच और मध्यप्रदेश का नाम गौरांवित कर चुका है। सिद्धांत कक्षा 10वीं का छात्र है। आज सिद्धांतसिंह जादोर खेलो इंडिया यूथ गेम्स शिविर में मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहा है। 7 से 11 फरवरी तक भोपाल में आयोजित होने वाली खेलो इंडिया तैराकी प्रतियोगिता अंडर 18 में सिद्धांत अपनी प्रतिभा का दम दिखाएगा। पदक जीतने के साथ ही उसे 5 लाख रुपए सालाना साई द्वारा मिलने लगेंगे।