अब 18 साल जेल की हवा खानी पड़ेगी इस दरिंदे को
नीमचPublished: Sep 01, 2018 10:18:19 pm
– विशेष न्यायालय ने दिया फैसला- नाबालिग को बनाया था शिकार
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नीमच. पढऩे लिखने की उम्र में एक बालिका को दरिंदे ने न केवल सुनहरे सपने दिखाकर यहां वहां रखा बल्कि उसके साथ लगातार गंदा काम भी किया। लेकिन आखिरकार पीडि़ता और उसके परिजनों को न्याय मिला। अब आरोपी को उसके किए की सजा 18 साल तक भुगतना होगी।
घटना के अनुसार 26 नवंबर 2016 को बालिका सुबह 10 बजे स्कूल जाने का कहकर निकली जो वापस घर नहीं लौटी। परिजनों ने काफी खोजबीन की लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। परिजन केंट थाने पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज कराई, शंका के आधार पर पड़ोस में रहने वाले युवक का नाम लिखवाया। पुलिस नीमच केंट द्वारा विवेचना के दौरान लगभग चार माह बाद २२ मार्च 2017 को नाबालिग को दस्तयाब किया। तब नाबालिग द्वारा बताया गया कि आरोपी उसको बहला फुसलाकर उसे नीमच से चित्तौडगढ़, उदयपुर और कांकरोली ले गया। जहां धमकाकर उसके साथ बलात्कार किया गया। आरोपी ने उसे कांकरोली में खुले मैदान में झोपड़ी बनाकर उसमें रखा था और किसी को भी कुछ भी बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी। नाबालिग का मेडिकल किये जाने के बाद प्रकरण में धारा 366, 344, 506, 376 भादवि तथा धारा 5,6 पॉक्सो एक्ट बढ़ाकर चालान न्यायालय में पेश किया गया।
अभियोजन पक्ष द्वारा 15 वर्षीय नाबालिग पीडि़ता, उसकी माता, मेडिकल करने वाले चिकित्सक, स्कूल शिक्षक सहित आवश्यक साक्षियों के कथन न्यायालय में करवाए और अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया। दंड के प्रश्न पर अभियोजन की ओर से तर्क दिया गया कि आरोपी द्वारा नाबालिग को बहलाफुसलाकर अलग-अलग स्थानों पर रखा और उसके साथ बलात्कार किया गया ऐसे आरोपी को कठोर दंड दिया जाना चाहिए। विशेष अपर सत्र न्यायाधीश जसवंत सिंह यादव द्वारा आरोपी महेन्द्र पिता स्वर्गीय प्रेमचंद्र बागरी(24) को अलग-अलग धाराओं में कुल 18 वर्ष 6 माह के सश्रम कारावास व 11500 रुपए जुर्माने से दंडित किया। जुर्माने की राशि पीडि़ता को प्रतिकर के रूप में प्रदान करने का आदेश दिया गया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी आरआर चौधरी द्वारा की गई।
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