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दस दिन बाद जिसके साथ विवाह होना था उसी की कर दी थी हत्या

- अदालत ने सुनाया यह फैसला तो सुबक पड़ा आरोपी- चिन्हित अपराधों में शामिल किया था मामले को

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नीमच. दस दिन बाद जिस युवती से उसका विवाह होने वाला था, उसे ही उसने मौत की नींद सुला दिया। युवती पर वह इस बात को लेकर शक करता था कि वह किसी से बातें किया करती है। हत्या इतनी निर्मम तरीके से की गई कि गांव दहल गया था। लेकिन अदालत ने जब ताउम्र कैद की सजा सुनाई तो आरोपी सुबकने लगा।

जिला लोक अभियोजन अधिकारी आरआर चौधरी ने घटना के बारे में बताया कि ज्योति का विवाह मोहनलाल भील निवासी ग्राम रठाजना(राजस्थान) के साथ तय हुआ था। ज्योति मोबाईल से अक्सर किसी से बात किया करती थी परिवार वालों के पूछने पर कहती थी कि वह मोहनलाल से बात कर रही है। १ अप्रैल २०१६ को ज्योति के परिवार ने खेत पर खाना बनाया। उसके पिता, बहन उर्मिला के अलावा सभी रात्रि 11.30 बजे घर पर सोने आ गये थे। रात्रि में ज्योति से बहन ने मोबाइल पर बातचीत करने के बारे में पूछताछ की थी। अगले दिन सुबह ज्योति अपने घर पर नहीं मिली। इधर १० अप्रैल को ज्योति का विवाह होना था इस कारण परिजन परेशान हो गए, वे ज्योति को खोजते रहे लेकिन वह नहीं मिली। घटना के कुछ दिन बाद गांव के समीप एक लाश मिली। पहचान करने पर वह ज्योति की ही लाश निकली। जिसका गला व हाथ काटकर हत्या की गई और लाश को गड्ढे में दफना दिया गया था। पुलिस मनासा द्वारा अनुसंधान कर आरोपी के विरूद्ध हत्या का मामला दर्ज किया गया और चालान न्यायालय में पेश किया गया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इसे जघन्य एवं सनसनीखेज चिन्हित किया गया।

अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में विचारण के दौरान मृतिका के परिवार के सदस्य, कॉल डिटेल प्रमाणित करने वाले साइबर एक्सपर्ट तथा सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर अपराध को संदेह से परे प्रमाणित किया गया। दंड के प्रश्न पर एडीपीओ जगदीश चौहान ने तर्क दिया कि आरोपी के द्वारा मृतिका से प्रेम संबंधों के चलते व उसका विवाह अन्य व्यक्ति से तय होने के कारण उसकी हत्या कर मृतिका की लाश को बोरे में भरकर जमीन में दफन कर दिया। यह जघन्य, क्रूर कृत्य है, ऐसे आरोपी को कठोर दंड दिया जाना चाहिए। अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर अपर सत्र न्यायाधीश मनासा अखिलेश कुमार धाकडï़ द्वारा आरोपी मनोहर पिता अमरलाल रेगर(30) निवासी ग्राम भाटखेडी तहसील मनासा को हत्या, सबूत नष्ट करने सहित विभिन्न धाराओं में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व ३ हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया।