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बंगला बगीचा में जमीन अधिग्रहण का रास्ता साफ

– अब देना होगा शतप्रतिशत व्यवस्थापन शुल्क- हाईकोर्ट में याचिका भी खारिज हो गई

नीमचAug 27, 2018 / 11:02 pm

harinath dwivedi

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अब व्यवस्थापन के तहत आवेदन देने वालों की बढ़ेगी संख्या

नीमच. अब कभी भी नगरपालिका परिषद बंगला-बगीचा क्षेत्र में ५ हजार वर्ग फीट से अधिक के खाली पड़े भूखंड कब्जे में ले सकती है। हाईकोर्ट में लगाई गई रिव्यू पिटीशन को खारिज करने से भूखंड पर कब्जा करने के लिए नपा का रास्ता साफ हो गया है।
जब से शासन ने बंगला बगीचा समस्या का निराकरण कर गजट नोटिफिकेशन जारी किया है इसके बाद से रहवासियों के बीच असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई थी। वर्षों से जो लोग इन क्षेत्रों में निवास कर रहे थे उन्होंने अपने पास मौजूद वाजिब दस्तावेजों के दम पर स्वयं का मालिकाना हक माना था। लेकिन गजट नोटिफिकेशन में शासन ने स्पष्ट रूप से जिक्र किया था कि ५००० वर्ग फीट से अधिक के खाली भूखंडों का व्यवस्थापन कराने के लिए वर्तमान गाइड लाइन के अनुसार १०० फीसदी व्यवस्थापन शुल्क देना होगा। इसको लेकर ही पहले बंगला बगीचा क्षेत्र के करीब २४ रहवासी हाईकोर्ट गए थे। वहां से उनके खिलाफ आदेश हुआ था। इसके बाद तीन भारत जारोली, महेंद्रपालङ्क्षसह अरोरा और बद्रीलाल ने मिलकर एक रिव्यू पिटीशन हाईकोर्ट में दायर की थी। हाईकोर्ट से रिव्यू पिटीशन भी खारिज हो गई है। ऐसे में नगरपालिका क्षेत्र में बंगला-बगीचा क्षेत्र की लाखों वर्गफीट खाली पड़ी भूमि पर नपा के कब्जे का रास्ता साफ हो गया है।
क्या सीएम के आश्वासन का होगा असर
पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीमच आए थे। तब नीमच विधायक दिलीपसिंह परिहार ने मंच पर उनका ध्यान बंगला बगीचा क्षेत्र के ५००० वर्ग फीट से अधिक क्षेत्रफल के भूस्वामियों की समस्या से अवगत कराया था। मुख्यमंत्री ने भी सभा में सार्वजनिक रूप से कहा था कि वे लोग परेशान न हों इनके लिए कोई न कोई रास्ता निकाला जाएगा। ऐसे में जब हाईकोर्ट से रिव्यू पिटीशन खारिज हो गई और नपा के पास ऐसे भूखंडों को अपने कब्जे में लेने का रास्ता भी साफ हो गया है तो क्या फिर यह मामला सीएम तक पहुंचेगा। चौकाने वाली बात यह है कि अरबों रुपए कीमती की इन बेसकीमती जमीनों के मालिकों में सामान्य वर्ग ही नहीं राजनीति के धुरंधरों के भूखंड भी फंसे हैं। इनमें भाजपा नेता भी शामिल हैं। जो अब राजनीति की वजह से बोल तो कुछ नहीं पा रहे, लेकिन शासन के इस निर्णय पर भीतर ही भीतर आंसू अवश्य बहा रहे हैं।
इनका कहना है
हाईकोर्ट से दूसरी बार भी बंगला बगीचा क्षेत्र के संबंध में नगरपालिका के पक्ष में फैसला हुआ है।
– ओएल मंदारा, कार्यालय अधीक्षक नपा

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