Congress News यहां ऐसा क्या होगा कि प्रभारी मंत्री के कार्यक्रम में भीड़ जुटाने में आएगी परेशानी
नीमचPublished: Feb 25, 2019 01:16:27 pm
प्रशासन 10 हजार लोगों की उपस्थिति के मान से कर रहे व्यवस्था
आयोजन स्थल पर लगाने के लिए पार्टी के झंडे तैयार करते हुए कांगे्रस नेतागण।
नीमच. इन दिनों जिले में अफीम फसल में चिराई और अफीम संग्रहण का कार्य चल रहा है। ऐसे में बड़ी संख्या में किसान खेतों में व्यस्त हैं। दूसरी ओर करीब ४०० से ५०० रुपए प्रतिदिन मजदूरी मिलने से ग्रामीण भी बड़ी संख्या में खेती में व्यस्त हैं। ऐसे में प्रभारी मंत्री के जिले में होने वाले पहले बड़े कार्यक्रमों में उपस्थित कम होने की आशंका है। प्रशासन की ओर से करीब १० हजार लोगों की उपस्थिति को आधार बनाकर तैयारियों की गई हैं।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संभालने में छूटेंगे पसीने
पिछले महीने प्रदेश के जल संसाधन एवं जिले के प्रभारी मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा जब पहले बार नीमच आए थे तब जिस तरह की विषम परिस्थितियां निर्मित हुई थी ठीक वैसे ही हालातों को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिंतित हैं। आयोजन की जिम्मेदारी संभल रहे कांग्रेस नेताओं की परेशानी इस बात को लेकर भी हैं कि मंच पर बैठने या मौजूद रहने की किसे अनुमति दी जाए और किसे नहीं। यूं भी जिला कांग्रेस अध्यक्ष के अतिरिक्त बड़ी संख्या में कार्यवाहक जिलाध्यक्ष भी बनाए गए हैं। प्रदेश कार्यकारिणी में भी बड़ी संख्या में जिले से कांग्रेस नेताओं को स्थान दिया गया है। ऐसे में मंच पर चढऩे को लेकर आपाधापी की स्थिति बनने की आशंका अधिक है। १५ साल बाद कांग्रेस नेताओं को इस तरह के आयोजनों में शिरकत करने का अवसर मिल रहा है। ऐसे में व्यवस्थाएं नहीं बिगड़ें इस ओर किसी का ध्यान नहीं रहता। सब का ध्यान प्रभारी मंत्री के नजदीक पहुंचने पर लगा रहता है। पहली बार जब प्रभारी मंत्री जिला कांग्रेस कार्यालय पर पहुंचे थे तब हालात बेकाबू हो गए थे। सोमवार को जिला मुख्यालय पर किसान सम्मेलन में ऐसे हालात निर्मित न हो इसके लिए प्रशासन ने तो अपनी ओर से प्रयास किए हैं, लेकिन अधिकारी कांग्रेस नेताओं को संभाल पाएंगे इसको लेकर संशय है।
किसानों की संख्या रह सकती है कम
प्रशासन ने सोमवार को जिले में होने वाले तीनों किसान सम्मेलनों को लेकर पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। यहां तक कि अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारी भी सौंप दी है। लेकिन कांगे्रस के वरिष्ठ नेताओं की चिंता दूसरी है। उनका तर्क है कि इन दिनों अफीम खेती में किसान सबसे अधिक व्यस्त है। मजदूरी भी अधिक मिलने की वजह से ग्रामीण बड़ी संख्या में खेतों में काम कर रहे हैं। ऐसे में किसान सम्मेलनों में संख्या कम रह सकती है। प्रशासन की ओर से किसानों को सम्मेलन स्थल तक लाने के लिए वाहनों की भी व्यवस्था भी की है। गांव से लाने और वापस छोडऩे के पुख्ता इंतजाम होने के बाद भी सम्मेलन में संख्या कम होने की आशंका को नेता स्वयं स्वीकार कर रहे हैं।