शासकीय, अशासकीय भवनों पर नारे लिखने, बैनर लगाने पर शासकीय सम्पत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है। इस संबध में शासन द्वारा मप्र सम्पत्ति विरूपण अधिनियम 1994 पारित किया गया है। अधिनियम की धारा 3 में यह स्पष्ट उल्लेख है कि कोई भी जो सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि से आने वाली किसी सम्पत्ति को विरूपित करेगा तो उसपर एक हजार रुपए तक दंड लगाया जाएग। जिले के प्रत्येक थाने में लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता तत्काल प्रभाव से पदस्थ किया गया है। इस दस्ते मे लोक निर्माण विभाग के स्थायी गैंग के पर्याप्त संख्या में कर्मचारी तैनात किए गए हैं। यह दस्ता थाना प्रभारी के सीधे देखरेख में कार्य करेगा। यदि किसी राजनैतिक दल या चुनाव लडऩे वाले अभ्यर्थी द्वारा निजी सम्पत्ति को बिना उसके स्वामी की लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है तो निजी सम्पत्ति के स्वामी द्वारा संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराने के बाद लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता निजी सम्पत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्रवाई करेगा। टीआई एफआईआर की जांच कर चालान न्यायालय में प्रस्तुत करेंगे।