नीमच

आचार संहिता लगने के बाद भी हो रहा राजनैतिक प्रचार

नीमच. जैसे ही आचार संहिता लागू हुई प्रशासनिक अमला सक्रिय हो गया। निर्वाचन आयोग की सख्ती का असर भी दिखाई देने लगा। आनन फानन में शहर के प्रमुख स्थानों से फ्लैक्स बैनर पोस्टर हटाने का काम युद्ध स्तर पर प्रारंभ हो गया। बावजूद इसके जिले की तीनों विधानसभा के लिए चयनित मतगणना केंद्र परिसर की ओर किसी का ध्यान नहीं गया।

नीमचOct 07, 2018 / 11:04 pm

harinath dwivedi

जिले की तीनों विधानसभा के लिए चिह्नित मतगणना केंद्र (पीजी कॉलेज) के प्रवेश द्वार में ही लगा हुआ है भाजपा की योजना को फ्लैक्स।

दिनभर फ्लैक्स, बैनर हटाने में जुटा रहा नपा अमला
6 अक्टूबर को जैसे ही मुख्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में चुनाव की तारीख का एलान किया आचार संहिता लागू हो गई। आचार संहिता लगने के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी अपने अपने कार्यों में जुट गए। नगरपालिका अमले ने शहर के विभिन्न हिस्सों में लगे शासन की योजनाओं के बोर्ड से लेकर स्वयं के कार्यों की तारीफ के फ्लैक्स, बैनर, पोस्टर आदि हटाना शुरू कर दिए। कलेक्टर राकेशकुमार श्रीवास्तव के आदेश से जिले में सम्पत्ति विरूपण अधिनियम के तहत यह कार्यवाही की गई। भाजपा शासन की योजनाओं का बखान करने वाले अधिकांश पोस्टर, बैनर व फ्लैक्स तो नपा अमले ने हटा दिए, लेकिन नीमच जिले की तीनों विधानसभा के मतगणना के लिए चयनित स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में अमले ने झांककर भी नहीं देखा। वहां अब भी प्रदेश शासन की योजनाओं का बखान करते और जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्न लगाते हुए फ्लैक्स और बैनर लगे हैं।

जिले के हर थाने पर तैनात लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता
शासकीय, अशासकीय भवनों पर नारे लिखने, बैनर लगाने पर शासकीय सम्पत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है। इस संबध में शासन द्वारा मप्र सम्पत्ति विरूपण अधिनियम 1994 पारित किया गया है। अधिनियम की धारा 3 में यह स्पष्ट उल्लेख है कि कोई भी जो सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि से आने वाली किसी सम्पत्ति को विरूपित करेगा तो उसपर एक हजार रुपए तक दंड लगाया जाएग। जिले के प्रत्येक थाने में लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता तत्काल प्रभाव से पदस्थ किया गया है। इस दस्ते मे लोक निर्माण विभाग के स्थायी गैंग के पर्याप्त संख्या में कर्मचारी तैनात किए गए हैं। यह दस्ता थाना प्रभारी के सीधे देखरेख में कार्य करेगा। यदि किसी राजनैतिक दल या चुनाव लडऩे वाले अभ्यर्थी द्वारा निजी सम्पत्ति को बिना उसके स्वामी की लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है तो निजी सम्पत्ति के स्वामी द्वारा संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराने के बाद लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता निजी सम्पत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्रवाई करेगा। टीआई एफआईआर की जांच कर चालान न्यायालय में प्रस्तुत करेंगे।

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