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अब एक जांच में ही मिल जाएगी किसानों को पूरी राशि

locationनीमचPublished: Sep 30, 2018 11:12:20 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

अत्याधुनिक मशीनों से होगा यह कार्य

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Agriculture Department’s Negligence with Farmers

नीमच. अब किसानों को तौल केंद्र और फिर अफीम फैक्ट्री के चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे। अब एक बार की जांच में उन्हें अपनी अफीम की पूरी कीमत मिल जाएगी। किसान अब विभाग को गुमराह भी नहीं कर सकेंगे।

इस तरह मिलेगा किसानों को एक बार में पूरा पैसा
दिल्ली से आए शासकीय अफीम एवं क्षारोद कारखानें के मुख्य नियंत्रक सीपी गोयल ने केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ला बताया कि किसान से प्राप्त अफीम की अब मात्र 40 सेकंड में जांच हो जाएगी। यह कार्य अत्याधुनिक मशीनों की मदद से होगा। इस साल ६ नई मशीनें खरीदी जा रही है। अब 60 हजार किसानों की अफीम की जांच अब मात्र 60 दिनों में ही कर सकेंगे। इन मशीनों का उपयोग करने से करीब 3 करोड़ रुपए के अतिरिक्त खर्च की बचत होगी। गोयल ने वित्त राज्यमंत्री को जानकारी दी कि आधुनिक मशीन का उपयोग करने से किसान की अफीम के दो टेस्ट नहीं करना पड़ेंगे। एक टेस्ट में ही पूरी जांच हो जाएगी। पहले किसानों को दो किश्तों में राशि का भुगतान किया जाता था। तौल केंद्र पर 90 फीसदी और फैक्ट्री की जांच के बाद 10 फीसदी। मशीन की मदद से एक बार में ही किसान के सामने अफीम की जांच हो जाएगी और उसे मौके पर ही पूरा भुगतान कर दिया जाएगा। फिलहाल मशीनों की संख्या कम है। इसलिए प्रत्येक तौल केंद्र पर नहीं लगा सकते। इस पर वित्तराज्यमंत्री शुक्ला मुख्य नियंत्रक को कहा कि मशीने बढ़ाने से किसानों को लाभ होगा तो और मशीनें बढ़वा देंगे। गोयल ने वित्तमंत्री को बताया कि एक मशीन की कीमत और 30 से 40 लाख रुपए आएगी। कस्टम ड्यूटी और अन्य सभी खर्च मिलाकर 6 मशीनें करीब 3 करोड़ रुपए में आएंगी। इनकी मदद से प्रतिवर्ष करीब 3 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च बचाया जा सकेगा। गोयल ने बताया कि इस समय अफीम फैक्ट्री में 450 मेट्रिक टन अफीम का स्टॉक है। जिसका खरीदी मूल्य करीब 200 करोड़ रुपए है। आज स्थिति यह है कि अफीम के सभी गोदाम पूरी तरह भरे हुए हैं। गोयल ने बताया कि फैक्ट्री परिसर में ही हमने सोलर प्लॉट लगाया है। परिसर में काफी जगह है। जहां और सोलर प्लेट लगाई जाएगी। इसकी मदद से बिजली का उपयोग किया जाएगा। जो बिजली बचेगी उसे बेचा जाएगा।

नई नीति से अफीम पट्टे बढ़कर हो जाएंगे 80 हजार
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ला ने बताया कि जिस तेजी से केंसर और अन्य मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसे दृष्टिगत रखते हुए अफीम फैक्ट्री का और विस्तार करने की आवश्यकता है। पिछले साल करीब 56 हजार अफीम काश्तकार थे। नई अफीम नीति से किसानों की संख्या बढ़कर करीब 80 हजार के पार पहुंच जाएगी। नई अफीम नीति को लेकर चित्तौडग़ढ़ सांसद सीपी जोशी और मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता एक साल से सतत सम्पर्क में थे। मैंने जब अफीम नीति बनाकर केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली के समक्ष रखी तो उन्होंने कहा कि आप पिछले एक साल से इसपर काम कर रहे हैं आप जो लिख दोगे में उसपर हस्ताक्षर कर दूंगा। प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री, दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री और सांसद जोशी व गुप्ता को इसका श्रेय जाता है। नई अफीम नीति को लेकर मैंने केवल क्लर्क का काम किया है। मैं अपने लिए कुछ नहीं कहूंगा। नई नीति में अफीम औसत भी 4 किलोग्राम घटाकर 56 से 52 किलोग्राम किया है। पिछले साल मार्फिन प्रतिशत 5.9 था इसे भी घटाकर 4.9 किया है। इतना ही नहीं दोनों की अनिवार्यता भी नहीं है। दोनों में से एक होने की स्थिति में भी किसान को पट्टे की पात्रता रहेगी। पट्टे बढऩे से मादक पदार्थ की तस्करी बढऩे की आशंका को उन्होंने सीरे से नकार दिया। डोडाचूरा खरीदी मामला प्रदेश सरकार के अंतर्गत होने से उन्होंने इस संबंध में कुछ नहीं कहा। अफीम नीति में यदि कोई कमी रह भी गई होगी तो अगली बार उसे भी दूर कर दिया जाएगा। विधायक दिलीपङ्क्षसह परिहार के शासकीय आवास पर आयोजित कार्यक्रम में मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता, चित्तौडग़ढ़ सांसद सीपी जोशी, जावद विधायक ओमप्रकाश सखलेचा, भाजपा जिलाध्यक्ष हेमंत हरित, सांसद प्रतिनिधि आदित्य मालू सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व पदाधिकारी उपस्थित थे।

फैक्ट्री में लगाई झाड़ू
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ला ने अफीम फैक्ट्री परिसर में अपनी पत्नी जानकी शुक्ला के साथ पौधारोपण किया। इस दौरान दोनों सांसद जोशी व गुप्ता सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी पौधारोपण किया। प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान के अंतर्गत केंद्रीय वित्तमंत्री सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने फैक्ट्री परिसर में सांकेतिक रूप से झाड़ू भी लगाई।
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