2004 के बाद के पट्टे होंगे बहाल
आगामी अफीम फसल को लेकर काश्तकारों को काफी उम्मीदें हैं। इस साल विधानसभा और अगले साल लोकसभा चुनाव होना है। इस बात को भी ध्यान में रखते हुए जनप्रतिनिधि भी केंद्र सरकार से किसानों के हित में नीति बनाने पर अधिक जोर दे रहे हैं। केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो नई दिल्ली की ओर से अफीम काश्त के लिए पूर्व में रोके गए लाइसेंस धारकों की संभावित पात्रता सूची जारी की गई है। यदि ऐसा होता है तो ढाई हजार से अधिक अफीम काश्तकारों को सीधे सीधे इसका लाभ मिलेगा। विदित हो कि अफीम फसल वर्ष 2004 के बाद रोके गए करीब 2 हजार 651 अफीम पट्टे के लाइसेंस वर्ष 2018-19 मेें बहाल हो सकते हैं। उपलब्ध जानकारी पर विश्वास किया जाए तो केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो नई दिल्ली द्वारा इसकी तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। इसके लिए संभावित पात्र किसानों की सूची भी अपलोड कर दी गई है। अधिसूचना जारी होने के बाद नीमच, मंदसौर व जावरा क्षेत्र में कृषक अफीम काश्त कर सकेंगे। केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2004 से अब तक किन्ही कारणों से रोके गए अफीम पट्टों (लाइसेंस) के लिए पात्रता सूची तैयार कर ली गई है। उम्मीद है कि आगामी 10 से 20 अक्टूबर के बीच नवीन अफीम नीति घोषित होगी। इसके साथ ही पूर्व में रोके गए लाइसेंस भी बहाल किए जा सकते हैं। विदित हो कि नीमच, मंदसौर जिले और जावरा क्षेत्र में करीब 28 हजार काश्तकार अफीम की खेती करते हैं। केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने अपनी अधिकृत वेबसाईड़ पर फसल वर्ष 2018-2019 में पात्रता के लिए करीब 2 हजार 651 कृषकों की संभावित सूची जारी की है। ब्यूरो ने इसके साथ ही नोटिस भी चस्पा किया है कि अफीम लाइसेंस के लिए पात्रता का आधार वर्ष 2018-19 के लिए जारी अधिसूचना ही होगी। वेबसाइड की सूची में किसी कृषक का नाम आ जाना पात्रता का आधार नहीं होगा।
आगामी अफीम फसल को लेकर काश्तकारों को काफी उम्मीदें हैं। इस साल विधानसभा और अगले साल लोकसभा चुनाव होना है। इस बात को भी ध्यान में रखते हुए जनप्रतिनिधि भी केंद्र सरकार से किसानों के हित में नीति बनाने पर अधिक जोर दे रहे हैं। केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो नई दिल्ली की ओर से अफीम काश्त के लिए पूर्व में रोके गए लाइसेंस धारकों की संभावित पात्रता सूची जारी की गई है। यदि ऐसा होता है तो ढाई हजार से अधिक अफीम काश्तकारों को सीधे सीधे इसका लाभ मिलेगा। विदित हो कि अफीम फसल वर्ष 2004 के बाद रोके गए करीब 2 हजार 651 अफीम पट्टे के लाइसेंस वर्ष 2018-19 मेें बहाल हो सकते हैं। उपलब्ध जानकारी पर विश्वास किया जाए तो केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो नई दिल्ली द्वारा इसकी तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। इसके लिए संभावित पात्र किसानों की सूची भी अपलोड कर दी गई है। अधिसूचना जारी होने के बाद नीमच, मंदसौर व जावरा क्षेत्र में कृषक अफीम काश्त कर सकेंगे। केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2004 से अब तक किन्ही कारणों से रोके गए अफीम पट्टों (लाइसेंस) के लिए पात्रता सूची तैयार कर ली गई है। उम्मीद है कि आगामी 10 से 20 अक्टूबर के बीच नवीन अफीम नीति घोषित होगी। इसके साथ ही पूर्व में रोके गए लाइसेंस भी बहाल किए जा सकते हैं। विदित हो कि नीमच, मंदसौर जिले और जावरा क्षेत्र में करीब 28 हजार काश्तकार अफीम की खेती करते हैं। केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने अपनी अधिकृत वेबसाईड़ पर फसल वर्ष 2018-2019 में पात्रता के लिए करीब 2 हजार 651 कृषकों की संभावित सूची जारी की है। ब्यूरो ने इसके साथ ही नोटिस भी चस्पा किया है कि अफीम लाइसेंस के लिए पात्रता का आधार वर्ष 2018-19 के लिए जारी अधिसूचना ही होगी। वेबसाइड की सूची में किसी कृषक का नाम आ जाना पात्रता का आधार नहीं होगा।
इन किसानों को मिल सकता है लाभ
केंद्रीय नारकोटिक्स की वेबसाइड पर उपलब्ध जानकारी अनुसार फसल वर्ष 2013-14 में क्षतिगस्त घोषित गांवोंं के कृषको को इसमें छूट मिलेगी। 31 मार्च 2004 के बाद विभागीय नियमों की अह्वेलना करने के कारण लाइसेंस से वंचित रहे किसानों को लाभ मिल सकता है। वे जीवित किसान जिन्होंने अफीम फसल वर्ष 1998-99 से 2002-2003 तक 29 सितंबर २003 के पैरा 4 में छूट की न्यूतम आर्हता उपज (एमक्यूवाय) से एक किलो कम औसत दी थी। फसल वर्ष 2004-2005 (खेती का साल 2003-2004) से लेकर 2015-2016 (खेती का साल 2014-2015) तक की अवधी मेें न्यूतम आर्हता उपज पूरा नहीं कर पाने वाले किसानों को वर्ष 2018-19 में लाइसेंस की पात्रता के लिए छूट मिल सकती है।
केंद्रीय नारकोटिक्स की वेबसाइड पर उपलब्ध जानकारी अनुसार फसल वर्ष 2013-14 में क्षतिगस्त घोषित गांवोंं के कृषको को इसमें छूट मिलेगी। 31 मार्च 2004 के बाद विभागीय नियमों की अह्वेलना करने के कारण लाइसेंस से वंचित रहे किसानों को लाभ मिल सकता है। वे जीवित किसान जिन्होंने अफीम फसल वर्ष 1998-99 से 2002-2003 तक 29 सितंबर २003 के पैरा 4 में छूट की न्यूतम आर्हता उपज (एमक्यूवाय) से एक किलो कम औसत दी थी। फसल वर्ष 2004-2005 (खेती का साल 2003-2004) से लेकर 2015-2016 (खेती का साल 2014-2015) तक की अवधी मेें न्यूतम आर्हता उपज पूरा नहीं कर पाने वाले किसानों को वर्ष 2018-19 में लाइसेंस की पात्रता के लिए छूट मिल सकती है।
इन क्षेत्रों में मिलेगा इतने किसानों को लाभ
नई अफीम नीति में यदि किसानों को लाभ मिला तो प्रथम खंड नीमच के 587 किसान, द्वितीय खंड नीमच के 754 किसान, तृतीय खंड नीमच के 550 किसान, द्वितीय खंड मंदसौर के एक किसान, तृतीय खंड मंदसौर के 5 किसान, प्रथम खंड जावरा के 22 और गरोठ के 732 किसान इस प्रकार कुल दो हजार 651 किसानों को सीधे सीधे लाभ मिलेगा।
नई अफीम नीति में यदि किसानों को लाभ मिला तो प्रथम खंड नीमच के 587 किसान, द्वितीय खंड नीमच के 754 किसान, तृतीय खंड नीमच के 550 किसान, द्वितीय खंड मंदसौर के एक किसान, तृतीय खंड मंदसौर के 5 किसान, प्रथम खंड जावरा के 22 और गरोठ के 732 किसान इस प्रकार कुल दो हजार 651 किसानों को सीधे सीधे लाभ मिलेगा।