विश्व की टॉप 40 में शामिल
एक छोटे से गांव जहां आज भी इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है वहां की एक बेटी ने काफी ऊंची उड़ान भरी है। इस बेटी ने विश्व स्तर पर होने वाली इंट्रेंस परीक्षा में टॉप 100 विद्यार्थियों में 40वां स्थान प्राप्त किया है। शासन की ओर से छात्रा को विदेश शिक्षा के लिए 23 लाख रुपए की आर्थिक मदद की है। रामपुरा तहसील के ग्राम पालड़ा निवासी कविता पिता रामनिवास पाटीदार का बचपन गरीबी में गुजरा। प्रारंभिक शैक्षणिक सरस्वती शिशु मंदिर रामपुरा से की। इसके बाद नवोदय विद्यालय रामपुरा में चयन हुआ और वहां से 12 तक की शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद बुरहानपुर से आयुर्वेद में डिग्री ली। हिंदी और अंग्रेजी विशेष विषय रहे। कविता ने बताया कि पढ़ाई में रुचि थी और मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा तो कविता में इसमें आई रुकावटों को सहज रूप से पार किया। कभी स्वयं को कमजोर नहीं होने दिया। पढ़ाई में सबसे बड़ी समस्या फायनेंसियल रही। कई बार ऐसा भी लगा सब छोड़ दूं। लेकिन मित्रों और परिजनों ने संबल बढ़ाया। दोस्तों ने आर्थिक रूप से मदद की। हौंसला बढ़ा और आज में इस मुकाम को हासिल कर सकी। मेरी महिला एवं बाल विकास विभाग में नौकरी लग गई थी। मन नहीं मान रहा था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली जीआरई परीक्षा देने का मन था। पिछले साल भी परीक्षा दी थी, लेकिन मन चाहा कॉलेज नहीं मिला। इस साल फिर परीक्षा दी और ओवर ऑल प्रोफाइल अच्छ प्रतियोगियों से बेहतर होने से मेरा 100 विद्यार्थियों में 40वें स्थान पर चयन हुआ। जीआरई परीक्षा में विश्व के लाखों बच्चे बैठते हैं। कविता ने बताया कि मुझे अंग्रेजी सीखने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मेरा हिन्दी और संस्कृत विषय रहा। अंग्रेजी के बिना जीआरई उत्तीर्ण करना मुश्किल रहता है। ऐसे में मैंने स्वयं कड़ी मेहनत को इसकी भी परीक्षा उत्तीर्ण की। अब मेरा जब यूनिवर्सिटी ऑफ नार्थ केरोलिन (यूएसए) से मास्टर्स इन इंजीनियरिंग टैक्नोलॉजी की दो वर्षीय डिग्री हासिल करने के लिए चयन हो गया है तो मैंने महिला एवं बाल विकास विभाग की नौकरी से रिजाइन दे दिया है।
एक छोटे से गांव जहां आज भी इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है वहां की एक बेटी ने काफी ऊंची उड़ान भरी है। इस बेटी ने विश्व स्तर पर होने वाली इंट्रेंस परीक्षा में टॉप 100 विद्यार्थियों में 40वां स्थान प्राप्त किया है। शासन की ओर से छात्रा को विदेश शिक्षा के लिए 23 लाख रुपए की आर्थिक मदद की है। रामपुरा तहसील के ग्राम पालड़ा निवासी कविता पिता रामनिवास पाटीदार का बचपन गरीबी में गुजरा। प्रारंभिक शैक्षणिक सरस्वती शिशु मंदिर रामपुरा से की। इसके बाद नवोदय विद्यालय रामपुरा में चयन हुआ और वहां से 12 तक की शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद बुरहानपुर से आयुर्वेद में डिग्री ली। हिंदी और अंग्रेजी विशेष विषय रहे। कविता ने बताया कि पढ़ाई में रुचि थी और मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा तो कविता में इसमें आई रुकावटों को सहज रूप से पार किया। कभी स्वयं को कमजोर नहीं होने दिया। पढ़ाई में सबसे बड़ी समस्या फायनेंसियल रही। कई बार ऐसा भी लगा सब छोड़ दूं। लेकिन मित्रों और परिजनों ने संबल बढ़ाया। दोस्तों ने आर्थिक रूप से मदद की। हौंसला बढ़ा और आज में इस मुकाम को हासिल कर सकी। मेरी महिला एवं बाल विकास विभाग में नौकरी लग गई थी। मन नहीं मान रहा था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली जीआरई परीक्षा देने का मन था। पिछले साल भी परीक्षा दी थी, लेकिन मन चाहा कॉलेज नहीं मिला। इस साल फिर परीक्षा दी और ओवर ऑल प्रोफाइल अच्छ प्रतियोगियों से बेहतर होने से मेरा 100 विद्यार्थियों में 40वें स्थान पर चयन हुआ। जीआरई परीक्षा में विश्व के लाखों बच्चे बैठते हैं। कविता ने बताया कि मुझे अंग्रेजी सीखने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मेरा हिन्दी और संस्कृत विषय रहा। अंग्रेजी के बिना जीआरई उत्तीर्ण करना मुश्किल रहता है। ऐसे में मैंने स्वयं कड़ी मेहनत को इसकी भी परीक्षा उत्तीर्ण की। अब मेरा जब यूनिवर्सिटी ऑफ नार्थ केरोलिन (यूएसए) से मास्टर्स इन इंजीनियरिंग टैक्नोलॉजी की दो वर्षीय डिग्री हासिल करने के लिए चयन हो गया है तो मैंने महिला एवं बाल विकास विभाग की नौकरी से रिजाइन दे दिया है।
मेधावी थी इसलिए मिली आर्थिक मदद
मध्यप्रदेश शासन पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित विदेश में उच्च शिक्षा अध्ययन छात्रवृत्ति योजना के तहत कविता पाटीदार को 23 लाख 3 हजार 263 रुपए की विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति मिली है। अब छोटे से गांव पालड़ा की बेटी कविता यूएसए में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगी। मप्र से विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति के लिए 10 छात्राओं में से नीमच जिले की एकमात्र छात्रा कविता पाटीदार चयनित हुई हैं। कविता के पिता रामनिवास पाटीदार किसान हैं। मां पार्वतीबाई पाटीदार गृहिणी। बड़ा भाई शैलेंद्र पाटीदार नीमच में निजी अस्पताल में सेवारत हैं। कविता पाटीदार की उपलब्धि पर सोमवार को कलेक्टर राकेश श्रीवास्तव ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका सम्मान किया। कविता ने कलेक्टर से अपने गांव में इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाने और लोक परिवहन की व्यवस्था करने का सुझाव भी दिया।
मध्यप्रदेश शासन पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित विदेश में उच्च शिक्षा अध्ययन छात्रवृत्ति योजना के तहत कविता पाटीदार को 23 लाख 3 हजार 263 रुपए की विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति मिली है। अब छोटे से गांव पालड़ा की बेटी कविता यूएसए में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगी। मप्र से विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति के लिए 10 छात्राओं में से नीमच जिले की एकमात्र छात्रा कविता पाटीदार चयनित हुई हैं। कविता के पिता रामनिवास पाटीदार किसान हैं। मां पार्वतीबाई पाटीदार गृहिणी। बड़ा भाई शैलेंद्र पाटीदार नीमच में निजी अस्पताल में सेवारत हैं। कविता पाटीदार की उपलब्धि पर सोमवार को कलेक्टर राकेश श्रीवास्तव ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका सम्मान किया। कविता ने कलेक्टर से अपने गांव में इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाने और लोक परिवहन की व्यवस्था करने का सुझाव भी दिया।
हर कदम पर करना पड़ा संघर्ष
मेरा यूनिवर्सिटी आफ नार्थ केरोलिन (यूएसए) में चयन हुआ है। 30 अगस्त को कॉलेज ज्वाइन करना है। 5 सितंबर से कॉलेज शुरू हो जाएगा। इसके लिए मैं 20 अगस्त को मुम्बई से अमेरिका के लिए प्रस्तान करूंगी। पाटीदार समाज में बालिका शिक्षा को महत्व कम ही दिया जाता है। मेरे साथ भी ऐसा ही हो रहा था। मैंने काफी संघर्ष कर इस मुकाम को हासिल किया है।
– कविता पाटीदार, निवासी ग्राम पालड़ा
मेरा यूनिवर्सिटी आफ नार्थ केरोलिन (यूएसए) में चयन हुआ है। 30 अगस्त को कॉलेज ज्वाइन करना है। 5 सितंबर से कॉलेज शुरू हो जाएगा। इसके लिए मैं 20 अगस्त को मुम्बई से अमेरिका के लिए प्रस्तान करूंगी। पाटीदार समाज में बालिका शिक्षा को महत्व कम ही दिया जाता है। मेरे साथ भी ऐसा ही हो रहा था। मैंने काफी संघर्ष कर इस मुकाम को हासिल किया है।
– कविता पाटीदार, निवासी ग्राम पालड़ा