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ऐसा क्या हुआ कि ब्रह्माकुमारी संस्थान की बहनें पहुंची जेल

locationनीमचPublished: Aug 29, 2018 09:52:51 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

बंदियों ने कहा आपराधिक अथवा हिंसक कार्य नहीं करेंगे

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महिला बंदियों को राखी बांधती ब्रह्माकुमारी संस्था की बहनें।


नीमच. आज हम सब इन दैवी स्वरूपा बहनों से यह पवित्र रक्षासूत्र बंधवाने के बदले में प्रतिज्ञा करते हैं कि हम नेकी, सच्चाई, अहिंसा, भाईचारे एवंं अपराधमुक्त, मेहनतकश जीवन बनाने की राह पर चलकर अपने परिवार, समाज व राष्ट्र के लिए उपयोगी नागरिक बनकर जीवनयापन करेंगे। भविष्य में किसी भी प्रकार का कोई भी गैरकानूनी, असामाजिक, आपराधिक अथवा हिंसक कार्य नहीं करेंगे।
यह शपथ नीमच जिले की कनावटी स्थित जिला जेल में हर जाति, धर्म एवं वर्ग के लगभग 470 बंदियों ने बुधवार को ब्रह्माकुमारी बहनों के पवित्र हाथों से ईश्वरीय रक्षासूत्र बंधवाकर ग्रहण की। जिला जेल के विशाल परिसर में आयोजित पवित्र रक्षाबंधन कार्यक्रम में न्यायाधीश दिनेश देवड़ा, जेल अधीक्षक आरपी वसुनिया भी उपस्थित थे। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी संस्थान की सबझोन संचालिका राजयोगिनी बीके सविता दीदी ने कहा कि जन्म से कोई अपराधी नहीं होता। किसी कुसंग में आकर अथवा लोभ, लालच के वश होकर या संबंधित के साथ कोई परिस्थिति या घटना से प्रभावित होकर व्यक्ति अपराध की ओर प्रवृत्त होता है, किन्तु यह भूल जाता है कि मनुष्य द्वारा किया गया प्रत्येक कर्म प्रतिक्रिया स्वरूप एक निश्चित समय पर लौटकर उसे दंड अथवा पुरस्कार का भागी बनाता है। यही कर्मों की प्रालब्ध यदि प्रत्येक मनुष्य समझ ले तो सारा संसार अपराध मुक्त होकर भाईचारे से ओतप्रोत हो सकता है। ब्रह्माकुमारी संस्थान में ऐसे हजारों प्रत्यक्ष प्रमाण स्वरूप व्यक्ति मौजूद हैं जिन्होंने अपराध, हिंसा, व्यसन, क्रोध, लोभ, लालच आदि नकारात्मक वृत्तियां त्यागकर एक आदर्श विश्व उपयोगी नागरिक बनकर दिखाया है। बीके सुरेन्द्र जैन ने बताया कि यदि जेल में काटे जाने वाली सजा का सदुपयोग कर स्वयं को अच्छे संस्कार व गुणों से सजा लें तो सारे विश्व के सम्मुख एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं। इस अवसर पर राजयोगिनी बीके सविता दीदी ने सुमधुर संगीत की स्वर लहरी पर रनिंग कमेंट्री करते हुए समस्त कैदियों व जेल स्टॉफ को राजयोग ध्यान का गहन अभ्यास करवाकर सुख, शांति की गहराईयों व आनन्द का सभी को अनुभव करवाया। जेल के इस आध्यात्मिक समागम को संबोधित करते हुए मनासा में पदस्थ न्यायाधीश दिनेश देवड़ा ने आध्यात्म एवं ध्यान के महत्व को बताते हुए कैदियों को अनेक सरल एवं उपयोगी टिप्स दिए। कार्यक्रम की शुरुआत में जेल अधीक्षक आरपी वसुनिया ने ब्रह्माकुमारी संस्थान से पधारे हुए सभी भाई-बहनों का स्वागत किया। इस रक्षाबंधन कार्यक्रम को जेल परिसर में आयोजित किए जाने के लिए ब्रह्माकुमारी संस्थान का आभार माना। अंत में अनेक कैदियों ने अपनी आखों में प्रेम व सम्मान के आंसू भरकर ब्रह्माकुमारी बहनों का आभार माना। इस अवसर पर करीब 470 से अधिक बंदियों व 20-25 जेल स्टॉफ को राखी बांधने के लिए बीके श्रुति बहन, मीना बहन, ज्योति बहन, योगिता बहन, मेघना बहन, लता बहन एवं कृति बहन के साथ ही आश्रम के कैलाश शर्मा, महावीर राठौर एवं हरीश लालवानी ने भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि जो पवित्र रक्षासूत्र बांधा गया वह विशेष रूप से सर्वशक्तिवान परमात्मा के ज्योर्तिपुंज स्वरूप के प्रतीक चिन्ह सेे सुसज्जित था। साथ ही बाल ब्रह्मचारिणी ब्रह्माकुमारी बहनों के स्वहस्तों से निर्मित मिठाई भी सभी 500 से अधिक लोगों को खिलाई।
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