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Neemuch News रेंडमाइजेशन प्रक्रिया को परीक्षा नियंत्रक ने लिया संज्ञान में

locationनीमचPublished: Mar 16, 2019 02:20:06 pm

Submitted by:

Mukesh Sharaiya

रेंडमाइजेशन प्रक्रिया का शिकार हो एक व्याख्याता तुड़वा चुके हैं अपना हाथ

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अखिलेश दीक्षित

नीमच. मध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा में रेंडमाइजेशन प्रक्रिया अपनाते हुए केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। इस प्रक्रिया का विरोध होने पर गुरुवार को इसकी गूंज भोपाल तक सुनाई दी।

रेंडमाइजेशन प्रक्रिया का विरोध

राज्य शिक्षा सेवा संघ के जिला सचिव मुकेश जैन ने बताया कि बोर्ड परीक्षा में केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्षों की रेंडमाइजेशन प्रक्रिया के तहत की गई नियुक्ति पर संघ की ओर से बुधवार को माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल के सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा गया था। संघ की ओर से रेंडमाइजेशन प्रक्रिया का विरोध करने पर इसकी गूंज गुरुवार को भोपाल तक सुनाई दी। गुरुवार को माध्यमिक शिक्षा मंडल के परीक्षा नियंत्रक बलवंत वर्मा ने मामले को संज्ञान में लिया। उन्होंने फोन पर इस बारे में मुझसे विस्तृत रूप से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने संघ की मांग को माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव के समक्ष रखने का आश्वासन दिया। जैन ने बताया कि परीक्षा नियंत्रक ने परीक्षा संबंधी, केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष की नियुक्ति संबंधी सुझाव भी मांगे। मेरी ओर से शीघ्र ही सुझाव तैयार करके परीक्षा नियंत्रक महोदय को प्रेषित किए जाएंगे।

85 किमी का सफर बना हाथ टूटने का कारण
शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामपुरा के व्याख्याता अखिलेश दीक्षित को केंद्राध्यक्ष के रूप में बोरदिया (सिंगोली) नियुक्त किया गया है। यह केंद्र उनके मुख्यालय से करीब 85 किलोमीटर से अधिक दूर है। परीक्षा केंद्र समय पर पहुंचने की जल्दी में सुबह 5 बजे उठकर तैयार होना पड़ता है। 11 मार्च को दीक्षित मोटर साइकिल से बोरदिया जा रहे थे। इस बीच मोटर साइकिल दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे में दीक्षित के दाहिने हाथ में फे्रक्चर हो गया। शरीर पर कई जगह चोट भी आई। एक अन्य प्रकरण में शासकीय हाई स्कूल खोर के शिक्षक लालचंद अग्रवाल को करीब 70 किलोमीटर दूर शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिंगोली में केंद्राध्यक्ष नियुक्त किया गया है। आश्चर्य की बात यह है कि लालचंद अग्रवाल हार्ट पेसेंट हैं। उनके हार्ट में ‘पेसमेकर’ लगा हुआ है। बावजूद इसके रेंडमाइजेनश प्रक्रिया के नाम पर उन्हें अमानवीय तरीके से दूरस्थ क्षेत्र में नियुक्त किया गया है। अपनी बीमारी के चलते अग्रवाल ने परीक्षा केंद्र बदलने की मांग भी की थी, लेकिन उनके आवदेन पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। जिले के करीब 42-43 प्राचार्यों और व्याख्याताओं के साथ रेंडमाइजेशन के नाम पर अमानवीय व्यवहार किया गया है।

रेंडमाइजेशन प्रक्रिया में बदलाव करने सौंपा ज्ञापन
राज्य शिक्षा सेवा संघ के अध्यक्ष प्रलयकुमार उपाध्याय, सचिव मुकेशकुमार जैन, कोषाध्यक्ष किशोरसिंह जैन, संयुक्त सचिव अनिल व्यास, कार्यकारिणी सदस्य सुशील सोमानी ने रेंडमाइजेशन प्रक्रिया का विरोध करते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल के सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से सचिव को अवगत कराया गया है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा आयोजित की जाने वाली 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षाओं में केंद्राध्यक्ष एवं सहायक केंद्राध्यक्ष की नियुक्ति रेंडमाइजेशन पद्धति से की जाती है। इस पद्धति से प्राचार्य व व्याख्याता अपनी संस्था से 100 किलोमीटर की दूरी तक नियुक्त किए जाते हैं इससे कई प्रकार की कठिनाईयों का उन्हें सामना करना पड़ रहा है। ज्ञापन के माध्यम से संघ ने वर्षों से अपनाई जा रही पद्धति में सुधार करने की मांग की है। साथ ही मांग की गई है कि ऐसी व्यवस्था की जाए जिससे किसी भी केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष को 25 किलोमीटर से अधिक दूरी तय नहीं करना पड़े।

प्रदेश स्तर पर उठा है मामला
रेंडमाइजेशन प्रक्रिया की वजह से प्राचार्य और व्याख्याताओं को हो रही परेशानियों को राज्य शिक्षा सेवा संघ के माध्यम से प्रदेश स्तर पर उठाया गया है। जिस प्रकार से नीमच जिले में रेंडमाइजेशन प्रक्रिया से शिक्षकों को परेशानी हो रही है ठीक इसी तरह की परेशानी प्रदेश के अन्य जिलों में भी नियुक्त किए गए केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष को झेलना पड़ रही है। आज ज्ञापन सौंपा है। उम्मीद है इस बार नहीं तो अगली बार अवश्य हमारी मांग पर विचार किया जाएगा।
– मुकेश जैन, जिला सचिव राज्य शिक्षा सेवा संघ

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