बास्केटबॉल कोच किशनपाल सिंह एवं सत्येन्द्रपाल सिंह ने बताया कि इस चैंपियनशिप में देश की कुल 50 टीमों ने भाग लिया था। बालिका वर्ग में 24 एवं बालक वर्ग में 26 टीमें शामिल थीं। नीमच की खुशीपाल सिंह ने मप्र का प्रतिनिधित्व किया। मप्र टीम का पहला मैच बिहार की टीम के साथ हुआ, जिसमें 76-12 से जीत हासिल की। दूसरा मैच झारखंड के साथ था। इसमें भी मध्यप्रदेश की टीम 66-22 से विजयी रही। तीसरा मैच गुजरात से हुआ और 93-65 से जीत दर्ज की। चौथा मैच तेलंगाना से 63-27 से प्रदेश की टीम जीती। पांचवे एवं प्री-क्वार्टर फाइनल में दिल्ली से था। दिल्ली की दमदार टीम को भी मध्यप्रदेश की टीम ने ९५-५५ के अंतर से हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में जीत की सबसे प्रबल दावेदार पंजाब की टीम से मुकाबला था। इस मैच को भी मध्यप्रदेश की टीम ने आसानी से 96-66 से जीतकर सबसे स्पर्धा का बड़ा उलटफेर किया। सेमीफाइनल में मध्यप्रदेश टीम की भिड़ंत राजस्थान की मजबूत टीम से थी। कड़े मुकाबले में राजस्थान टीम को भी 90-72 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। इस तरह कोई भी टीम मध्यप्रदेश टीम को फाइनल तक टक्कर नहीं दे पाई। दूसरी तरफ महाराष्ट्र की बालिका टीम भी सभी टीमों को परास्त करते हुए फाइनल तक पहुंची। फाइनल मैच में प्रारंभ से ही महाराष्ट्र ने अपनी पकड़ मजबूत कर रखी थी। 40 मिनट के मैच में शुरू के 30 मिनट पूरी तरह महाराष्ट्र के नाम रहे, लेकिन अंतिम 10 मिनट में मध्यप्रदेश टीम ने गजब की वापसी करते हुए स्कोर 71-71 बराबर कर दिया था। आखिरी एक मिनट में भाग्य ने महाराष्ट्र का साथ दिया और महाराष्ट्र टीम 79-75 से राष्ट्रीय चैंपियन बन गई। इस चैंपियनशिप के कावर्टर
फाइनल एवं फाइनल मैच में नीमच की खुशी ने मप्र का सर्वधिक स्कोर किया। पूरे टूर्नामेंट में अपने खेल से खुशी आकर्षण का केन्द्र बनीं रहीं। इस चैंपियनशिप से ही इंडियन केम्प के लिए लगभग 30 खिलडिय़ों का चयन किया जाएगा। इसमें से 12 खिलाडिय़ों का चयन भारतीय टीम के लिए किया जाएगा। खुशी और नीमच बास्केटबॉल की इस सफलता पर एसोसिएशन के अध्यक्ष देवीसिंह गौड़, सचिव राजेश यादव एवं कोषाध्यक्ष मीनाक्षी तंवर जो की वर्तमान में खेल विभाग में कोच पद पर नियुक्त हैं ने खुशी की उपलब्धि पर बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की है।