कौन है सांपनाथ और नागनाथ यहां पढ़ें
लोगों में आक्रोश है। आप देख रहे हैं सांसदों, विधायकों और मंत्रियों का गांवों में घुसना मुश्किल हो रहा है। वोट तो वो हम लोगों से लेते हैं और बात दूसरों से करते हैं। हमसे वोट लेकर हमी पर चोट कर रहे हैं। एक ‘सांपनाथ’ है और एक ‘नागनाथ’ है। दोनों ने मिलकर सपाक्स समाज को नेवला बनने पर मजबूर कर दिया है। विधानसभा चुनाव में सपाक्स प्रदेश की सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। यह कहना था सपाक्स के प्रदेश संरक्षक हीरालाल त्रिवेदी का। वे नीमच में एससी एसटी एक्ट के विरोध में आयोजित आम सभा को संबोधित करने आए थे। उन्होंने कहा कि एससी एसटी एक्ट में केंद्र सरकार ने जो एक तरफा मनमाने तरीके से बदलाव किया है इसके खिलाफ सपाक्स के बैनर तले व्यापक स्तर पर विरोध प्रकट किया गया है। नीमच और मंदसौर जिला ऐसा क्षेत्र है जब 1991-92 में जब आरक्षण लागू हुआ था तब विरोध की चिंगारी यहीं से उठी थी। आज फिर वो ही वक्त आ गया है। भारत सरकार और विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने एकमत होकर एट्रोसिटी एक्ट के काले कानून को पारित किया है जो चिंता का विषय है। सुप्रीम कोर्ट जो संविधान की सुरक्षा के लिए हमारे समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार इसकी रक्षा के लिए काम करता है उसके निर्देशों को भी दरकिनार कर इस देश की 78 प्रतिशत जनता के खिलाफ एक्ट को पारित किया। इससे यह प्रमाणित होता है कि केंद्र सरकार और सभी राजनीतिक पार्टियां वोट की राजनीति कर रहे हैं। वोट प्राप्त करने के लिए यह सब काम कर रहे हैं। 78 प्रतिशत जनता का अपमान कर रहे हैं। हमारे मुख्यमंत्री कहते हैं कि कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता। तो हम गांव गांव जाकर माई के लालों को जाग्रत करना चाहते हैं। उन्हें यह बताना चाहते हैं इस देश के लाल भी माईके लाल हैं। जिस दिन वे जाग्रत हो जाएंगे उस दिन सबको बता देंगे कि माई के लाल क्या होता है। वर्तमान में सांसदों, विधायकों और सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वो हमारे साथ नहीं हैं। ऐसे में हमारे पास एक ही विकल्प बचता है कि हम भी सक्रिय राजनीति में उतरें। इसके लिए हमने सपाक्स पार्टी के नाम से पंजीयन के लिए चुनाव आयोग में आवेदन कर दिया है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही हमारा पंजीयन हो जाएगा। विधानसभा में सपाक्स पार्टी के नाम से ही चुनाव लड़ेंगे। हमारे मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे। प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों से हम चुनाव लड़ेंगे। जो संगठन आरक्षण के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उनका भी हम साथ लेंगे और सहयोग देंगे। एक साझा विकल्प के रूप में प्रत्याशी सबको देंगे। हम जहां भी जा रहे हैं वहां अच्छा रिस्पॉस मिल रहा है। लोग जाग्रत हो रहे हैं। इसके सार्थक नतीजे भी सामने आएंगे। कार्यक्रम की विशेषता थी कि इसकी पूरी जिम्मेदारी महिलाओं के हाथों में थी। स्वागत भाषण ममता गर्ग ने किया। मुख्य अतिथि का स्वागत समता मारू ने किया। संचालन मंजुला धीर ने किया। आभार चंद्रकांता दांगड़ ने माना। राष्ट्रपति के नाम सौंपे ज्ञापन का वाचन महीमा मेहता ने किया। कार्यक्रम में अतिथियों के रूप में सपाक्स के प्रदेश अध्यक्ष डा. केएस तोमर, उपाध्यक्ष देवेंद्रङ्क्षसह भदोरिया, प्रदेश कार्यकारी सदस्य विजी शर्मा, सपाक्स अध्यक्ष रतलाम हरीसिंह चंद्रावत मंचासीन थे।
लोगों में आक्रोश है। आप देख रहे हैं सांसदों, विधायकों और मंत्रियों का गांवों में घुसना मुश्किल हो रहा है। वोट तो वो हम लोगों से लेते हैं और बात दूसरों से करते हैं। हमसे वोट लेकर हमी पर चोट कर रहे हैं। एक ‘सांपनाथ’ है और एक ‘नागनाथ’ है। दोनों ने मिलकर सपाक्स समाज को नेवला बनने पर मजबूर कर दिया है। विधानसभा चुनाव में सपाक्स प्रदेश की सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। यह कहना था सपाक्स के प्रदेश संरक्षक हीरालाल त्रिवेदी का। वे नीमच में एससी एसटी एक्ट के विरोध में आयोजित आम सभा को संबोधित करने आए थे। उन्होंने कहा कि एससी एसटी एक्ट में केंद्र सरकार ने जो एक तरफा मनमाने तरीके से बदलाव किया है इसके खिलाफ सपाक्स के बैनर तले व्यापक स्तर पर विरोध प्रकट किया गया है। नीमच और मंदसौर जिला ऐसा क्षेत्र है जब 1991-92 में जब आरक्षण लागू हुआ था तब विरोध की चिंगारी यहीं से उठी थी। आज फिर वो ही वक्त आ गया है। भारत सरकार और विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने एकमत होकर एट्रोसिटी एक्ट के काले कानून को पारित किया है जो चिंता का विषय है। सुप्रीम कोर्ट जो संविधान की सुरक्षा के लिए हमारे समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार इसकी रक्षा के लिए काम करता है उसके निर्देशों को भी दरकिनार कर इस देश की 78 प्रतिशत जनता के खिलाफ एक्ट को पारित किया। इससे यह प्रमाणित होता है कि केंद्र सरकार और सभी राजनीतिक पार्टियां वोट की राजनीति कर रहे हैं। वोट प्राप्त करने के लिए यह सब काम कर रहे हैं। 78 प्रतिशत जनता का अपमान कर रहे हैं। हमारे मुख्यमंत्री कहते हैं कि कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता। तो हम गांव गांव जाकर माई के लालों को जाग्रत करना चाहते हैं। उन्हें यह बताना चाहते हैं इस देश के लाल भी माईके लाल हैं। जिस दिन वे जाग्रत हो जाएंगे उस दिन सबको बता देंगे कि माई के लाल क्या होता है। वर्तमान में सांसदों, विधायकों और सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वो हमारे साथ नहीं हैं। ऐसे में हमारे पास एक ही विकल्प बचता है कि हम भी सक्रिय राजनीति में उतरें। इसके लिए हमने सपाक्स पार्टी के नाम से पंजीयन के लिए चुनाव आयोग में आवेदन कर दिया है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही हमारा पंजीयन हो जाएगा। विधानसभा में सपाक्स पार्टी के नाम से ही चुनाव लड़ेंगे। हमारे मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे। प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों से हम चुनाव लड़ेंगे। जो संगठन आरक्षण के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उनका भी हम साथ लेंगे और सहयोग देंगे। एक साझा विकल्प के रूप में प्रत्याशी सबको देंगे। हम जहां भी जा रहे हैं वहां अच्छा रिस्पॉस मिल रहा है। लोग जाग्रत हो रहे हैं। इसके सार्थक नतीजे भी सामने आएंगे। कार्यक्रम की विशेषता थी कि इसकी पूरी जिम्मेदारी महिलाओं के हाथों में थी। स्वागत भाषण ममता गर्ग ने किया। मुख्य अतिथि का स्वागत समता मारू ने किया। संचालन मंजुला धीर ने किया। आभार चंद्रकांता दांगड़ ने माना। राष्ट्रपति के नाम सौंपे ज्ञापन का वाचन महीमा मेहता ने किया। कार्यक्रम में अतिथियों के रूप में सपाक्स के प्रदेश अध्यक्ष डा. केएस तोमर, उपाध्यक्ष देवेंद्रङ्क्षसह भदोरिया, प्रदेश कार्यकारी सदस्य विजी शर्मा, सपाक्स अध्यक्ष रतलाम हरीसिंह चंद्रावत मंचासीन थे।
मौन रैली निकाल किया विरोध प्रदर्शन
सपाक्स के बैनर तले रविवार को एससी एसटी एक्ट के विरोध में विशाल मौन रैली निकाली गई। ऐसा पहली बार हुआ कि उस वर्ग के लोग भी मौन रैली में शामिल हुए तो आज तक कभी किसी मांग को लेकर सड़क पर नहीं उतरे थे। इनमें इंजीनियर, डाक्टर, चार्टर्ड एकाउंटेंट, कॉनटे्रक्टर आदि शामिल थे। सभी हाथों में एससी एसटी एक्ट के विरोध में बैनर लिए चल रहे थे। बैनर पर लिखा था प्रमोशन में आरक्षण समाप्त हो। एससी एसटी एक्ट में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का पालन हो। आर्थिक आधार पर आरक्षण की नीति लागू हो। हम एट्रोसिटी एक्ट और जातिगत आरक्षण व्यवस्था का विरोध करते हैं। 22 प्रतिशत से प्यार 75 प्रतिशत का तिरस्कार, कैसा समरसता का व्यवहार। एससी एसटी एट्रोसिटी एक्ट सामाजिक सौहार्द बिगाडऩे और वर्ग संघर्ष बढ़ाने वाला है। एट्रोसिटी एक्ट काला कानून बनाने वाले सांसद देश के लिए रक्षक नहीं भक्षक है। सुबह 11.15 बजे रैली शाबाउमावि क्रमांक 2 परिसर से प्रारंभ हुई जो हेमु कालानी चौराह, कमल चौक, घंटाघर, जाजू बिल्डिंग, पुस्तक बाजार, विद्युत शिकायत केंद्र फोर जीरो चौराहा, विजय टॉकीज चौराहा, लायंस पार्क, नगरपालिका होते हुए सभा स्थल अग्रोहा भवन पहुंची। रैली में बड़ी संख्या में बोहरा, पंजाबी, अग्रवाल, जैन, माहेश्वरी, मराठा, गुर्जर, पाटीदार, सुनार, पोरवाल, ब्राह्मण, जाट आदि सहित करीब 42 से अधिक समाज के प्रतिनिधि सैकड़ों की संख्या में शामिल थे। दो कतार में चल रहे लोगों की रैली करीब एक किलोमीटर लम्बी थी। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस की भी माकूल व्यवस्था थी। निर्धारित समय अनुसार पूरा कार्यक्रम दोपहर 2 बजे समाप्त हो गया।
सपाक्स के बैनर तले रविवार को एससी एसटी एक्ट के विरोध में विशाल मौन रैली निकाली गई। ऐसा पहली बार हुआ कि उस वर्ग के लोग भी मौन रैली में शामिल हुए तो आज तक कभी किसी मांग को लेकर सड़क पर नहीं उतरे थे। इनमें इंजीनियर, डाक्टर, चार्टर्ड एकाउंटेंट, कॉनटे्रक्टर आदि शामिल थे। सभी हाथों में एससी एसटी एक्ट के विरोध में बैनर लिए चल रहे थे। बैनर पर लिखा था प्रमोशन में आरक्षण समाप्त हो। एससी एसटी एक्ट में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का पालन हो। आर्थिक आधार पर आरक्षण की नीति लागू हो। हम एट्रोसिटी एक्ट और जातिगत आरक्षण व्यवस्था का विरोध करते हैं। 22 प्रतिशत से प्यार 75 प्रतिशत का तिरस्कार, कैसा समरसता का व्यवहार। एससी एसटी एट्रोसिटी एक्ट सामाजिक सौहार्द बिगाडऩे और वर्ग संघर्ष बढ़ाने वाला है। एट्रोसिटी एक्ट काला कानून बनाने वाले सांसद देश के लिए रक्षक नहीं भक्षक है। सुबह 11.15 बजे रैली शाबाउमावि क्रमांक 2 परिसर से प्रारंभ हुई जो हेमु कालानी चौराह, कमल चौक, घंटाघर, जाजू बिल्डिंग, पुस्तक बाजार, विद्युत शिकायत केंद्र फोर जीरो चौराहा, विजय टॉकीज चौराहा, लायंस पार्क, नगरपालिका होते हुए सभा स्थल अग्रोहा भवन पहुंची। रैली में बड़ी संख्या में बोहरा, पंजाबी, अग्रवाल, जैन, माहेश्वरी, मराठा, गुर्जर, पाटीदार, सुनार, पोरवाल, ब्राह्मण, जाट आदि सहित करीब 42 से अधिक समाज के प्रतिनिधि सैकड़ों की संख्या में शामिल थे। दो कतार में चल रहे लोगों की रैली करीब एक किलोमीटर लम्बी थी। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस की भी माकूल व्यवस्था थी। निर्धारित समय अनुसार पूरा कार्यक्रम दोपहर 2 बजे समाप्त हो गया।