कौन नेता तो अपना रहे प्रचार के अनूठे तरीके यहां पढ़ें पूरी खबर
भाजपा हो या कांग्रेस जैसे जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है वैसे वैसे मतदाताओं को लुभाने के लिए हर संभव जतन कर रहे हैं। तीनों सीटों पर बाहरी होने की वजह से इसमें कांग्रेस प्रत्याशियों को अधिक मशक्कत करना पड़ रही है। यही मुख्य कारण है कि कांग्रेस मतदाताओं तक पहुंचने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। मनासा से कांग्रेस प्रत्याशी उमरावङ्क्षसह गुर्जर ने तो प्रचार का अनूठा तरीका अपनाया है। वे बैलगाड़ी पर सवार होकर ग्रामीणों के बीच पहुंच रहे हैं। मनासा से भाजपा प्रत्याशी माधव मारू भी अपने व्यक्तित्व की तरह ही ग्रामीणों के बीच पहुंच रहे हैं। इस प्रकार जावद से भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश सखलेचा भी मतदाताओं के बीच पहुंच रहे हैं। जिन ग्रामीण क्षेत्रों की गलियों में वे पिछले ५ साल में नहीं गए होंगे वहां पहुंचकर वे मतदाताओं से वोट मांग रहे हैं। राजकुमार अहीर भी अपनी टीम के साथ सतत जनसम्पर्क कर रहे हंै। वे जावद सीट पर पिछले ५ साल लगातार सक्रिय रहे हैं। निर्दलीय समंदर पटेल ने भी जनसम्पर्क में पूरी ताकत झौंक दी है। नीमच सीट से विधायक दिलीपङ्क्षसह परिहार नए अंदाज में जनसम्पर्क करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने युवाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जनसम्पर्क करने का अनूठा तरीका अपनाया है। इससे युवाओं का एक वर्ग उनसे जुड़ा है। नीमच से ही कांग्रेस प्रत्याशी सत्यनारायण पाटीदार बाहरी होने की वजह से मतदाताओं से पूरी आत्मीयता से मिल रहे हैं। वे ठेठ मालवी भाषा में बुजुर्गों से बातचीत कर उनका मन जीतने का प्रयास कर रहे हैं। जहां भी बुजुर्ग मिल रहे हैं चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेना नहीं भूल रहे हैं। नीमच जिले की तीनों सीटों पर कुछ इसी तरह के परिदृश्य सामने आए हैं। मतदाताओं को लुभाने के लिए जिस स्तर पर जाकर मान मनौव्वल बना पड़े वो सब प्रत्याशी कर रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को गिनाकर वोट मांग रहे हैं तो कांग्रेस प्रत्याशी व्यक्तिगत छवि के दम पर मतदाताओं को लुभाने में लगे हैं। कुल मिलाकर आने वाले कुछ दिनों में प्रत्याशियों की मेहनत और सक्रियता के चलते जिले की तीनों सीटों पर राजनीतिक समीकरण बनते बिगड़ते स्पष्ट दिखाई देने लगेंगे।
भाजपा हो या कांग्रेस जैसे जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है वैसे वैसे मतदाताओं को लुभाने के लिए हर संभव जतन कर रहे हैं। तीनों सीटों पर बाहरी होने की वजह से इसमें कांग्रेस प्रत्याशियों को अधिक मशक्कत करना पड़ रही है। यही मुख्य कारण है कि कांग्रेस मतदाताओं तक पहुंचने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। मनासा से कांग्रेस प्रत्याशी उमरावङ्क्षसह गुर्जर ने तो प्रचार का अनूठा तरीका अपनाया है। वे बैलगाड़ी पर सवार होकर ग्रामीणों के बीच पहुंच रहे हैं। मनासा से भाजपा प्रत्याशी माधव मारू भी अपने व्यक्तित्व की तरह ही ग्रामीणों के बीच पहुंच रहे हैं। इस प्रकार जावद से भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश सखलेचा भी मतदाताओं के बीच पहुंच रहे हैं। जिन ग्रामीण क्षेत्रों की गलियों में वे पिछले ५ साल में नहीं गए होंगे वहां पहुंचकर वे मतदाताओं से वोट मांग रहे हैं। राजकुमार अहीर भी अपनी टीम के साथ सतत जनसम्पर्क कर रहे हंै। वे जावद सीट पर पिछले ५ साल लगातार सक्रिय रहे हैं। निर्दलीय समंदर पटेल ने भी जनसम्पर्क में पूरी ताकत झौंक दी है। नीमच सीट से विधायक दिलीपङ्क्षसह परिहार नए अंदाज में जनसम्पर्क करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने युवाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जनसम्पर्क करने का अनूठा तरीका अपनाया है। इससे युवाओं का एक वर्ग उनसे जुड़ा है। नीमच से ही कांग्रेस प्रत्याशी सत्यनारायण पाटीदार बाहरी होने की वजह से मतदाताओं से पूरी आत्मीयता से मिल रहे हैं। वे ठेठ मालवी भाषा में बुजुर्गों से बातचीत कर उनका मन जीतने का प्रयास कर रहे हैं। जहां भी बुजुर्ग मिल रहे हैं चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेना नहीं भूल रहे हैं। नीमच जिले की तीनों सीटों पर कुछ इसी तरह के परिदृश्य सामने आए हैं। मतदाताओं को लुभाने के लिए जिस स्तर पर जाकर मान मनौव्वल बना पड़े वो सब प्रत्याशी कर रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को गिनाकर वोट मांग रहे हैं तो कांग्रेस प्रत्याशी व्यक्तिगत छवि के दम पर मतदाताओं को लुभाने में लगे हैं। कुल मिलाकर आने वाले कुछ दिनों में प्रत्याशियों की मेहनत और सक्रियता के चलते जिले की तीनों सीटों पर राजनीतिक समीकरण बनते बिगड़ते स्पष्ट दिखाई देने लगेंगे।