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यहां वोट मांगने पहुंचे नेताओं का महिलाएं चप्पलों से करेंगी स्वागत

locationनीमचPublished: Nov 12, 2018 10:19:46 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

ऐसा क्या हुआ कि महिलाओं ने नेताओं के खिलाफ फिर उठा लिए जूते चप्पल

Mp Election 2018 Women's Letest News In Hindi Neemuch

मतदान का बहिष्कार करते हुए धनेरियाकला पंचायत के अंतर्गत आने वाली कॉलोनियों के रहवासी।

नीमच. विधानसभा चुनाव में अब तक ऐसे हालात को संभवत: पूरे प्रदेश में कहीं नहीं बने होंगे जैसे नीमच में बनते दिख रहे हैं। चौकाने वाली बात यह है कि महिलाएं यह कहती सुनाई दे रही हैं कि यदि नेता वोट मांगने आए तो उनका स्वागत चप्पलों से किया जाएगा।

क्यों कहा नेता वोट मांगने आए तो खानी पड़ेगी चप्पल
जिला मुख्यालय से लगी 7 कॉलोनियों के रहवासियों ने रविवार को एक बार फिर विरोध के स्वर बुलंद किए। कॉलोनी के रहवासियों का कहना था कि जब हमारी कॉलोनियां अवैध हैं तो हम वैध तरीके से कैसे और क्यों मतदान करें। रविवार को कॉलोनीवासियों ने सड़क पर उतरे। उनके हाथों में जूते चप्पल और काले झंडे थे। रहवासियों ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की वादा खिलाफी के विरोध में रैली निकाली। महिलाओं का गुस्सा यहीं नहीं थमा उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि नेता वोट मांगने आए तो चप्पलों से उनका स्वागत किया जाएगा।

एक माह बाद भी नहीं हुआ अमल
करीब एक महीने पहले धनेरियाकला पंचायत की 7 कॉलोनियों जायसवाल कॉलोनी, रिटायर्ड कॉलोनी, रामावतार कॉलोनी, गुमास्ता कॉलोनी, गोपी कॉलोनी, गायत्री कॉलोनी और धनेरिया रोड के रहवासियों ने कॉलोनियों को वैध करने के लिए जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को अवगत कराया था। इसके लिए कॉलोनीवासियों ने बकायदा प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को लिखित में सूचित भी किया था कि जब तक कॉलोनी वैध नहीं होती तब तक हम वोट नहीं डालेंगे। इसके बाद डिप्टी कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नीमच की ओर से ग्राम पंचायत सचिव को एक पत्र भी जारी किया गया था। पत्र के माध्यम से 7 दिन में सभी कॉलोनियों के लेआउट तैयार कर न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। यह पत्र 4 अक्टूबर 18 को जारी किया गया था। आज एक महीने बाद भी इस संबंध में कोई ठोस कार्यवाही होती नजर नहीं आई।

‘वैध नहीं तो वोट नहीं’ के लगाए नारे
जब ग्राम पंचायत के सचिव ने ही डिप्टी कलेक्टर के लिखित आदेश का पालन करना मुनासिब नहीं समझा तो रविवार को एक बार फिर कॉलोनीवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया। रविवार शाम 6.30 बजे हाथों में काले झंडे, जूते और चप्पल लेकर कॉलोनीवासी सड़क पर उतर आए। रैली में शामिल लोग ‘वैध नहीं तो वोट नहीं’ के नारे लगा रहे थे। कॉलोनीवासियों ने बताया कि पूर्व में जिला पंचायत अध्यक्ष अवंतिका जाट और प्रशासन के अधिकारियों ने धरना स्थल पर पहुंचकर एक माह के भीतर कॉलोनियों को वैध कर सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने का आश्वसन देकर आंदोलन समाप्त करवाया था। 10 माह बीतने के बाद भी आज तक नामकरण का भी कार्य नहीं हो सका। पिछले माह सभी कॉलोनीवासियों ने सामूहिक रूप से अग्नि को साक्षी मानकर मतदान के बहिष्कार की शपथ ली थी। रैली में शामिल लोगों का कहना था कि हमारे साथ जिला प्रशासन और राजनीतिक दल सौतेला व्यवहार कर रहे हैं। हमने एक माह तक भूखे-प्यासे रहकर आंदोलन किया था, फिर भी हमें छलावे के सिवाय कुछ नहीं मिला। अब चुनाव के बाद आरपार का आंदोलन किया जाएगा। रविवार शाम को निकाली गई। रैली में रजनीदेवी वर्मा, बबिता अहीर, गुड्डीबाई राठौर, संतोष राठौर, चंदाबाई, सुनीता कैथवास, दाखीबाई, कमला बाई, मुकेश राव, दयाराम अहीर, घनश्याम बैरागी, भगतराम आर्य, घनश्याम जाजोर, नारायणलाल सहित बड़ी संख्या में सातों कॉलोनियों के रहवासी शामिल थे।
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