नगरपालिका के बंगला बगीचा क्षेत्र में निवासरत लोगों ने पिछले ढाई साल में व्यवस्थापन प्रक्रिया में विशेष रुचि नहीं दिखाइ है। जब से व्यवस्थापन प्रक्रिया प्रारंभ हुई है इसके बाद से नीमच के मात्र 458 लोगों ने ही अब तक राशि नपा में जमा कराई है। इन लोगों ने प्रीमियम के रूप में 2 करोड़ 24 लाख 47 हजार 489, वार्षिक लीजरेंट के रूप में 8 लाख 11 हजार 501 रुपए, निर्माण अनुमति के रूप में 4 लाख 95 हजार 680 रुपए, शास्ति में रूप में 44 हजार 783 रुपए, विकास शुल्क के रूप में 58 लाख 44 हजार 171 रुपए, अधिभार के रूप में एक लाख 98 हजार 757 रुपए के रूप में जमा कराए गए हैं। व्यवस्थापन शुल्क जमा कराने वाले लोगों को 5 प्रतिशत छूट के रूप में 14 लाख 61 हजार 121 रुपए का लाभ मिला। इस मान से 458 लोगों ने कुल 2 करोड़ 98 लाख 42 हजार 381 रुपए की राशि नगरपालिका में जमा कराई है।
नीमच नगरपालिका क्षेत्र में करीब 9 से 10 हजार मकान होंगे। इनमें से मात्र 3 हजार 408 लोगों ने ही नगरपालिका से व्यवस्थापन प्रक्रिया के तहत आवेदन लिए थे। इनमें से भी मात्र एक हजार 409 लोगों ने नपा में आवेदन जमा कराए हैं। 947 प्रकरणों में सुनवाई है और इनमें से 523 प्रकरण निराकृत किए गए। नगरपालिका परिषद से कुल 500 प्रकरण अनुमोदित हुए। 23 प्रकरणों को नपा परिषद के समक्ष अनुमोदन के लिए भेजा गया है। 215 प्रकरण उपांतरण के लिए भेजे गए हैं। 209 प्रकरण स्थल रिर्पोट, तहसीलदार, विधि अभिमत आदि के लिए भेजे गए हैं। एक हजार 409 प्रकरणों में से अब तक मात्र 336 लोगों के ही पट्टानामा निष्पादित हुए हैं।
जब से बंगला बगीचा क्षेत्र में व्यवस्थापन प्रक्रिया प्रारंभ हुई है इसके बाद से अब तक तीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) बदल गए हैं। शासन स्तर पर स्वीकृत हुई बंगला बगीचा के लिए व्यवस्थापन प्रक्रिया को समझने में ही काफी समय लग जाता है। तत्कालीन एसडीएम आदित्य शर्मा इस प्रक्रिया को काफी अच्छी तरह समझ चुके थे। उन्होंने जिस तेज गति से व्यवस्थापन प्रक्रिया में प्रकरणों की सुनवाई की थी इसके बाद फिर ऐसी गति दिखाई नहीं दी। आदित्य शर्मा का तबादला होने के बाद क्षितिज शर्मा ने एसडीएम को प्रभार संभाला। उन्होंने भी व्यवस्थापन प्रक्रिया को समझा और प्रकरणों का निराकरण प्रारंभ किया। उनके भी प्रयास रहे है कि बंगला बगीचा क्षेत्र के रहवासियों को जल्द से जल्द प्रक्रिया कालाभ मिले। इस बीच विधानसभा चुनाव आ गए। इसके चलते एक बार फिर गति सुस्त पड़ गई। चुनाव निपटे ही थे कि क्षितिज शर्मा का भी तबादला हो गया। अब एसएल शाक्य ने एसडीएम का दायित्व संभाला है। वे अपने स्तर पर प्रक्रिया समझने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव सामने आने से प्रक्रिया को एक बार फिर ब्रेक लग गया है। अब जून माह में भी व्यवस्थापन प्रक्रिया फिर से गति पकड़ पाएगी।