यह है मामला
गावं के एक मुखबिर ने केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो नई दिल्ली को एक शिकायत की थी कि कि ग्राम पंचायत रेवली देवली का पूर्व सरपंच लक्ष्मीनारायण नागदा जो वर्तमान में अफीम काश्तकार भी है और लंबरदार अर्थात मुखिया भी है। उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। रेवली देवली निवासी दिनेश पिता कंवरलाल के नाम से अफीम पट््टा जारी है। लेकिन खेती निपानिया गांव में खातेदार कंवरलाल नागदा की जमीन पर अवैध तरीके से अफीम की काश्तकारी की जा रही है। शिकायत में बताया गया है कि निपानिया विरान में केवल एक ही व्यक्ति छतर सिंह के पास अफीम की खेती का लाइसेंस है जबकि वहां पर दो खेतों में अफीम की फसल खड़ी है। इस सूचना पर नारकोटिक्स की टीम खेतों में दबिश देने पहुंची। मौके पर वाहन क्रमांक एमपी 44 सीए 0416 एवं वाहन क्रमांक एमपी 44 सीए 3228 से नारकोटिक्स अधिकारियों की टीम पहुंची। मौके पर जांच के बाद कंवरलाल नागदा को टीम साथ लेकर नीमच आ गई। जिसके बाद देर शाम को उसे छोड़ दिया गया। लेकिन खेती अब सभी अधिकारी मामले जांच की बात कह रहे है कि जांच चल रही है।
अफीम काश्तकारी का स्थान बदलने का यह है नियम
निपानिया गांव के मुखिया छतर सिंह ने बताया कि उनके गांव में एक ही पट्टा जारी हुआ है। कंवरलाल नागदा के खेत में अवैध रूप से काश्तकारी हुई है। उसके पास रिकॉर्ड में खेती का कोई लेखा जोखा नहीं है। यह जानकारी तो रेवली देवली के मुखिया लक्ष्मीनारायण नागदा मुखिया को भी है। उन्होंने तो ही वहां की नपती कराई है। यह संभव नहीं है कि उन्हें कुछ पता नहीं था। अगर काश्तकारी का स्थान बदलना है तो उसका भी नियम है। काश्तकार अपनी खेती किसके खेत पर कर रहा है। इसका ५०० के स्टाम्प पर लीज एग्रीमेंट होता है। नक्शा और भूमि क्रमांक सभी दर्शाना होता है। वहीं अफीम निकलने के बाद कहां रखेगा। सब दर्शाना होता है। यह रिकॉर्ड मुखिया लक्ष्मीनारायण के पास भी नहीं है। अवैध तरीके से निपानिया गांव की भूमि पर अफीम काश्तकारी हुई है। इस पर नारकोटिक्स विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए।
पत्रिका- मुखिया जी, मंगलवार को टीम ने निपानिया में दबिश दी थी और आप वहां पर मौजूद थे, उसके बाद भी झूठ क्यूं बोल रहे थे कि मैं बाहर हूं।
मुखिया- मैँ घबराया हुआ था, मुझे ही पता नहीं चला कि दिनेश नागदा ने निपानिया गांव में किस आधार पर अफीम फसल बो दी।
पत्रिका- यह कैसे संभव है कि आपको पता नहीं है, आपने तो ही वहां की नपती कराई है।
मुखिया- यह बात तो सही है कि नपती मैने कराई है, उसके पास लाइसेंस था तो फसल की नपती कराई गई। यह तो नारकोटिक्स अधिकारियों को भी पता है।
पत्रिका- लाइसेंस रेवली देवली का है और वह निपानिया में काश्तकारी कैसे कर सकते है, जबकि पूर्व में अनुमति नहीं ली।
मुखिया- दिनेश नागदा का लाइसेंस रेवली देवली का ही है, उसने अनुमति भी नहीं मांगी अगर मांगता तो उसके दस्तावेज भी मेरे पास होते है। उसने चुपचाप निपानिया में काश्तकारी की है। जिसका मुझे भी पता नहीं चला।
पत्रिका- आप कैसे मुखिया गांव का ही पता नहीं है कि काश्तकारी कहां हो रही है।
मुखिया- मेरा यकीन करो निपानिया की अफीम काश्तकारी का मुझे पता नहीं था।
इनका यह कहना है
रेवली देवली के काश्तकार दिनेश नागदा को पांच आरी अफीम खेती के लिए लाइसेंस जारी हुआ था। उसने पास के निपानिया गांव में अफीम काश्तकारी किस आधार पर की है। जिसकी जांच जिला अफीम अधिकारी कर रहे है। उनकी रिपोर्ट दो दिन में आ जाएगी। अगर किसान ने निर्धारित स्थान पर से बिना अनुमति के अन्य स्थान पर अफीम काश्तकारी की है तो निश्चित तौर पर अवैध है, कार्रवाई की जाएगी।
– एससी रजवानिया, एएनसी केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरों नीमच।